वैसे तो हर त्यौहार का अपना अलग मजा होता है. लेकिन नवरात्रि के मौके पर 9 दिन अलग ही जलसा रहता है. खासतौर पर लड़कियों और लड़कों के लिये एक खास मौका होता है, जिसमें वह सज सवरकर पसंदीदा लोगों के साथ रास गरबा खेलने जाते हैं. पहले नवरात्रि पर ढोल ताशा के साथ गरबे का आयोजन होता था जिसमें सांस्कृतिक तरीके से रीति रिवाज को ध्यान में रखकर गरबे का त्यौहार मनाया जाता था.

लेकिन धीरेधीरे नवरात्रि उत्सव में बहुत सारे बदलाव आए ढोल ताशा की जगह डीजे ने ले ली, इतना ही नहीं डी जे के अलावा गरबा क्वीन के नाम से जानी जाने वाली फाल्गुनी पाठक अपनी पूरी टोली के साथ मिलकर गरबे के गाने और फिल्मी गाने गा कर और हजारों लोगों को एक साथ नचाकर नवरात्रि उत्सव में लाखों करोड़ों कमाती है, ऐसी ही कई और गायिकाएं जो स्पेशली नवरात्रि के लिए अपना बैंड लेकर सार्वजनिक स्थलों पर हजारों की भीड़ के बीच मधुर संगीत के साथ नवरात्रि की नौ रातों को मजेदार बना देती हैं.

इस दौरान गरबे में नाचने वाले लड़के लड़कियां पसीने पसीने हो जाते हैं लेकिन नाचना नहीं रोकते. इन नौ दिनों में गरबा करने वाले लड़के लड़कियों में गजब की एनर्जी दिखाई देती है. खासतौर पर मुंबई शहर और गुजरात शहर में धूमधाम से नवरात्रि मनाया जाता है. इस दौरान लड़के लड़कियां चाहें कितने ही व्यस्त हो , गरबा स्थल पर अपने ग्रुप के साथ गरबा खेलने पहुंच ही जाते हैं. इस दौरान खासतौर पर लड़कियां जरूर से ज्यादा सजती संवरती है. महंगी चनिया चोली उससे मैच करती हुई ज्वेलरी और भर भर के मेकअप करके सारी लड़कियां गरबा खेलने पहुंचती है.

नवरात्रि का एक पहलू और है वह यह कि इस मौके का फायदा उठाकर कई बदमाश किस्म के लड़के खूबसूरत और भोली लड़कियों का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. कई बार तो लड़की को अकेला पाकर उन्हें बहला फुसलाकर उनका अपहरण तक कर भी कर लेते है. इसलिए बहुत जरूरी है की नवरात्रि के मौके पर अपने लोगों के बीच ही रहे किसी पर भी भरोसा करके उसके साथ सुनसान जगह पर ना जाएं .

क्योंकि फिल्में समाज का आईना है , इसलिए फिल्मों में वही दिखाया जाता है जो असल जिंदगी में किसी के साथ बिता होता है. जैसे कि आलिया भट्ट अभिनीत गंगूबाई काठियावाड़ी में ऐसा ही कुछ दिखाया गया था जिसके तहत आलिया भट्ट अर्थात गंगूबाई नवरात्रि में गरबा खेल रही होती है तभी उसको एक लड़का मिलता है. और फिल्म में हीरोइन बनने का लालच देकर गुजरात के गांव से भगाकर मुंबई ले आता है. और मुंबई लाकर वेश्याओं के इलाके कमाठीपुरा में चंद पैसों के लिए बेच देता है. गंगूबाई काठियावाड़ी की कहानी ऐसी लड़कियों के लिए सबक है जो लालच में आकर गलत कदम उठा लेती है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...