अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…
-डा. विकास जैन
डाइरैक्टर ऐंड यूनिट हैड, डिपार्टमैंट औफ यूरोलौजी, फोर्टिस हौस्पिटल, दिल्ली.
सवाल
गुरदे की बीमारियां कब खतरनाक हो जाती हैं?
जवाब
जब गुरदे रक्तप्रवाह से तरल पदार्थ, इलैक्ट्रोलाइट्स और अपशिष्ट को फिल्टर करने की अपनी क्षमता खो देते हैं जो शरीर में जमा हो सकते हैं और पैरों, टखनों, और हाथों में सूजन का कारण बन सकते हैं. यदि समय पर उपचार न कराया जाए तो यह स्थिति जीवन के लिए घातक हो सकती है. गुरदों की खराबी शरीर की कैल्सियम और फास्फोरस के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है जिस से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. अधिक गंभीर मामलों में, लंबे समय तक चलने वाली गुरदों की बीमारी से किडनियां फेल हो सकती हैं जिस के लिए डायलिसिस या गुरदा प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है.
सवाल
मेरे पति को 2-3 बार यूरिन में खून आ गया. मैं अपने पति की सेहत को ले कर बहुत चिंतित हूं क्या करूं?
जवाब
यूरिन में रक्त आने का कारण सामान्य भी हो सकता है और कई बार यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है. यूरिन में रक्त आने को चिकित्सकीय भाषा में हेमैटुरिया कहते हैं. जो रक्त हम अपनी आंखों से देख सकते हैं ग्रौस हेमैटुरिया कहलाता है और जो यूरिनरी ब्लड केवल सूक्ष्मदर्शी द्वारा दिखाई देता है उसे माइक्रोस्कोपिक हेमैटुरिया कहते हैं. इस के बारे में तब पता चलता है जब डाक्टर यूरिन की जांच करता है. यूरिन में रक्त आने का कारण मूत्रमार्ग का संक्रमण (यूटीआई), किडनी का संक्रमण, ब्लैडर या किडनी में पथरी, किडनी या ब्लैडर कैंसर, कुछ आनुवंशिक डिसऔर्डर जैसे सिकल सैल ऐनीमिया, किडनी का चोटिल हो जाना, अत्यधिक वर्कआउट करना या नियमित रूप से कई किलोमीटर दौड़ना आदि हो सकता है. यूरिन में रक्त आने की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. तुरंत डाक्टर से जांच कराएं. हेमैटुरिया का उपचार उस के कारणों के आधार पर किया जाता है.
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