आज के समय में जब समाज और परिवार की बनावट में बड़े बदलाव आ रहे हैं, मैरिड कपल्स के बीच वर्कलोड के बराबरी से बंटवारे की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है. बदलते आर्थिक और सामाजिक माहौल में, जहां महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रही हैं, पारिवारिक जिम्मेदारियों का बराबरी से विभाजन बहुत ही महत्त्वपूर्ण हो गया है.

कार्यभार का सही ढंग से बंटवारा न केवल पतिपत्नी के जीवन को खुशहाल बनाता है, बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त समाज की नींव भी रखता है.

पारंपरिक धारणाएं और बदलाव की आवश्यकता

पारंपरिक भारतीय समाज में कार्यभार का बंटवारा पहले से ही समाज द्वारा स्पष्ट था, पुरुष परिवार का पालनकर्ता था जबकि महिलाएं घरेलू कामकाज संभालती थीं.

लेकिन समय के साथ महिलाओं ने न केवल अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई, बल्कि कार्यक्षेत्र में अपनी महत्त्वपूर्ण भागीदारी भी दर्ज कराई. आज महिलाएं घर और बाहर दोनों जगह पर कार्य कर रही हैं.

लेकिन क्या कार्यभार का सही ढंग से विभाजन हो पाया है? जवाब ढूंढने पर अकसर देखने को मिलता है कि महिलाओं पर अब भी घर का ज्यादातर काम रहता है, जिस से उन्हें शारीरिक और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति में बदलाव की आवश्यकता है. ऐसी परिस्थिति में दोनों पतिपत्नी को मिल कर घर और काम की जिम्मेदारियों को संभालना चाहिए, ताकि कोई भी एक साथी अत्यधिक दबाव में न रहे.

घरेलू काम के विभाजन से वैवाहिक जीवन में संतुलन

शादीशुदा जीवन में कार्य का संतुलित विभाजन कपल्स के लिए कई तरीकों से लाभकारी हो सकता है. यह कपल्स के बीच बेहतर समझ और बातचीत को बढ़ावा देता है और एकदूसरे के लिए सम्मान को भी गहरा करता है. जब दोनों पार्टनर घर और बाहर के कामों में बराबरी से पार्टिसिपेट करते हैं, तो यह शादीशुदा जीवन में संतुलन और संतोष लाता है.

भावनात्मक संतुलन

जब घर का कार्यभार बराबरी से बांटा जाता है, तो यह भावनात्मक संतुलन बनाता है. किसी भी एक व्यक्ति पर जिम्मेदारियों का भार न होने से मानसिक तनाव कम होता है. इस प्रकार दोनों साथी एकदूसरे के साथ ज्यादा समय बिता सकते हैं और अपनी इमोशनल नीड्स पर ध्यान दे सकते हैं.

आपसी समझ और समर्थन

जब कपल्स एकदूसरे की समस्याओं और जिम्मेदारियों को समझने लगते हैं, तो आपसी समझ और समर्थन बढ़ता है. यह न केवल घर के काम का बोझ हलका करता है, बल्कि वैवाहिक रिश्ते को भी मजबूत बनाता है. साथ मिल कर काम करने से एकदूसरे के प्रति सहानुभूति बढ़ती है, जिस से उन के संबंध में सुधार आता है.

कार्यक्षेत्र और घर के बीच तालमेल बैठाना

आजकल कपल्स के लिए घर और कार्यक्षेत्र के बीच तालमेल बैठाना एक बड़ी चुनौती है. कार्यों का सही ढंग से बंटवारा ही इस चुनौती का समाधान हो सकता है. आप घरेलू कार्य का विभाजन कुछ इस प्रकार से कर सकते हैं :

कार्यसूची तैयार करें : पतिपत्नी दोनों को मिल कर एक कार्यसूची तैयार करनी चाहिए, जिस में घर के कामों का सही विभाजन हो. जैसे खाना बनाना, बच्चों की देखभाल, खरीदारी, सफाई आदि. यह सूची सप्ताह के प्रत्येक दिन के अनुसार बनाई जा सकती है, जिस से किसी भी काम का भार केवल एक व्यक्ति पर न पड़े.

बाहर और घर का काम मिलकर करें : यदि दोनों पार्टनर कामकाजी हैं, तो जरूरी है कि बाहर और घर के कामों का सही बैलेंस बनाया जाए. जैसेकि अगर एक व्यक्ति औफिस का काम अधिक करता है, तो दूसरे को घर के कामों में अधिक योगदान देना चाहिए. यह तालमेल बना कर ही तनावमुक्त जीवन जिया जा सकता है.

स्वतंत्रता और सहमति का सम्मान करें : घर के कामों को बांटते समय दोनों की स्वतंत्रता और सहमति का ध्यान रखना आवश्यक है. जब दोनों की सहमति से काम का बंटवारा होता है, तो एकदूसरे के प्रति प्रेम और सहयोग का भाव भी बढ़ता है.

लिंग के आधार पर कार्य विभाजन के मिथक तोड़ना : अभी भी हमारे समाज में यह धारणा चली आ रही है कि कुछ काम केवल महिलाओं के लिए हैं और कुछ काम केवल पुरुषों के लिए. जैसे खाना बनाना, साफसफाई और बच्चों की देखभाल करना महिलाओं का काम माना जाता है जबकि आर्थिक जिम्मेदारी पुरुषों का काम. लेकिन समय को देखते हुए इस धारणा को बदल देना चाहिए.

घर के सभी कामों को लिंग के आधार पर विभाजित नहीं किया जाना चाहिए. पुरुष भी खाना बना सकते हैं, बच्चों का ध्यान रख सकते हैं और महिलाएं भी परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियां उठा सकती हैं. यह समानता तभी आ सकती है जब हम इन रुढ़िवादी धारणाओं को पीछे छोड़ दें और एकदूसरे के काम को समान दृष्टि से देख कर आगे बढ़ें.

बच्चों को सिखाएं समानता

ज्यादातर बच्चों के जीवन में मातापिता ही उन के सब से बड़े रोल मौडल होते हैं. जब बच्चे यह देखते हैं कि उन के मातापिता घर के कामों में बराबर का योगदान दे रहे हैं, तो वे भी समानता और न्याय को सीखते हैं. इस से बच्चों में यह समझ विकसित होती है कि घर का काम केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सभी की है. यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव की नींव रखता है.

कठिनाइयां और समाधान

समानता का सिद्धांत सुनने में तो सरल लगता है, पर इसे व्यवहार में लाना मुश्किल हो सकता है. कई बार कपल्स अपनी पुरानी आदतों के कारण इस तरह का बैलेंस अपने वैवाहिक जीवन में नहीं बना पाते. इस के लिए आप अपने पार्टनर से खुल कर कार्यभार बंटवारे के विषय पर बातचीत करें. एकदूसरे की राय लें और समस्याओं को सुनें और एक साथ मिल कर हल ढूंढ़ें. लेकिन याद रखें कि घरेलू कार्यों का बंटवारा रातोंरात संभव नहीं होता. यह एक प्रक्रिया है, जिस में समय लगता है. धैर्य और आपसी समझदारी से धीरेधीरे यह संतुलन बनाया जा सकता है और सब से जरूरी है कि आप अपने पार्टनर के साथ मिल कर समय की योजना बनाएं जिस से आप दोनों घर के काम भी कर सकें और एकदूसरे के लिए वक्त भी निकाल सकें.

कार्यभार का सही विभाजन शादीशुदा कपल्स के जीवन में संतुलन और खुशी लाता है. यह केवल वैवाहिक संबंधों को मजबूत नहीं करता, बल्कि पूरे परिवार को एक स्वस्थ और सशक्त वातावरण प्रदान करता है. आज के समय में जब हर व्यक्ति पर काम और परिवार का दबाव है, यह आवश्यक हो जाता है कि पतिपत्नी मिल कर घर के कामों को साझा करें और एकदूसरे के सहयोगी बनें. यही स्वस्थ और सुखी जीवन की कुंजी है.

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