क्रिएटिविटी हर व्यक्ति में कमोवेश होता है, ऐसे में सही समय और पूंजी अगर मिले तो उसे एक कामयाब पड़ाव की ओर पहुंचाना मुश्किल नहीं होता। ऐसे ही कई उतारचढ़ाव के बीच कोलकाता की डिजाइनर रिंकू दत्ता ने अपनी ब्रैंड ‘रिंकू दत्ता’ को आज से कई साल पहले स्थापित किया, जिस में साथ दिया उन के पति कौस्तुभ दत्ता, सास गायत्री दत्ता और मां सुमिता भौमिक ने, जिन की वजह से आज उन के पोशाक देश में ही नहीं विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हैं.
डिजाइनर के लिए विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा, जहां उन्होंने अपने क्रिएटिव डिजाइन से सब को मोहित न किया हो. उन के पोशाक भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप, कोरिया, सिंगापुर, चीन, आस्ट्रेलिया, दुबई आदि सभी जगहों पर पसंद किए जाते हैं.
डिजाइनर रिंकू ऐथनिक और इंडोवैस्टर्न ड्रैसेज के साथसाथ हैंड वूवेन मैटिरियल, हैंड ब्लौक और हैंड ऐंब्रौयडरी के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने हमेशा कस्टमाइज्ड डिजाइन को प्रीफर किया है, जिस में ग्राहक के पसंद को स्टाइलिंग के साथ सब से परिचय करवाती हैं. इस में उन की पोशाक को ले कर कमिटमैंट 100 फीसदी रहता है.
मिली प्रेरणा
डिजाइनिंग के क्षेत्र में आने के बारे में पूछने पर वे बताती हैं कि बचपन से ही मुझे अपनी ड्रैसेज को अलगअलग तरीके से पहनना पसंद था। मैं ने खुद के कपड़े हमेशा से ही डिजाइन किए हैं. यह मेरे अंदर बचपन से ही था कि किसी भी अवसर पर घर के सभी परिवारजन की ड्रैसेज की डिजाइन मैं ही कर दिया करती थी, जो सब को अलग और सुंदर लगता था। ऐसे में शादी होने के बाद मेरे पति और सास ने मेरे इस पैशन को आगे बढ़ाने का सुझाव और सहयोग दिया. देश हो या विदेश, मैं जहां किसी भी प्रदर्शनी में इंडोवैस्टर्न और इंडियन आउटफिट को ले कर जाती थी तो लोग उन्हें पसंद करते थे और अपनी चौइस बताते थे. खासकर अमेरिका में मैं ने देखा कि उन्हें औथेंटिक और प्योर फैब्रिक अधिक पसंद है, जिस के लिए उन्हें कीमत देने में कोई समस्या नहीं होती है, ऐसे में मैं ने भारत के प्योर फैब्रिक पर ध्यान देना शुरू किया, जिस में तशर, प्योर सिल्क, खादी सिल्क आदि के बने पोशाक और साड़ियों को लोग अधिक पसंद करने लगे. यहीं से मेरी प्रेरणा जागी.