Online Love : आज का माहौल देख ऐसा लगता है जैसे चारों ओर प्यारमुहब्बत, प्रेम ही प्रेम बसा हुआ है. प्रेम राधा ने कृष्ण से किया, लैला ने मजनू से किया. सोहनी महीवाल, हीररांझा, रोमियो जूलीएट आदि ऐसे कई सच्चे प्रेम को दर्शाने वाले प्रेमीप्रेमिकाएं इस धरती पर हुए हैं. प्यार सोचने भर से ही हमारी कल्पनाएं प्यार के पंछी की तरह आसमान में उड़ने लगती हैं. लेकिन आज एक ओर जवां दिलों में प्रेम बढ़ रहा है तो दूसरी ओर धोखा, जालसाजी, ब्लैकमेल कर जान से मारने की साजिश भी चल रही है.

इस के बावजूद प्रेम आज अपनी चरम सीमा पर है. आज वर्चुअल आभासी प्रेम अपनी चरम सीमा पर है. आजकल कोई भी लड़केलड़कियां ऐसे नहीं जो सोशल प्लेटफौर्म से न जुड़े हों. अधिकतर सोशल प्लेटफौर्म से ही आज युवाओं के दिलों में प्रेम की चिनगारी सुलग रही है.

कहते हैं ‘प्यार अंधा होता है’ और प्यार करने वाले अंधे कहलाते हैं. क्यों न आज हम यह कहावत थोड़ी सुधार लें. प्रेम करना कोई बुरी बात नहीं है, मानव जन्म लिया है तो प्रेम होना स्वाभाविक ही है. प्रत्येक व्यक्ति को जिंदगी में एक न एक बार प्यार जरूर होता है. आज डिजिटल और सोशल साइट का जमाना है. वर्चुअल प्यार मतलब आभासी जगत से मिलने वाला प्यार. जब जमाना बदल गया है तो क्यों न हम प्यार में जब भी पड़ें तो थोड़ा सतर्क हो जाएं:

जब भी सोशल प्लेटफौर्म से आप किसी युवक से बातचीत करें तो सर्वप्रथम आप उसे स्वयं की पूरी जानकारी न दें.

  • धीरेधीरे बात बढ़ाएं न कि घंटों बात करें.
  • आप के घर में कौनकौन हैं यह शुरू में न बताएं.
  • बात करतेकरते उस के विचारों को जानें, उसे समझने की कोशिश करें.
  • मोबाइल नंबर लेने के बाद आप उसे गुडमौर्निंगगुडनाइट या दिनभर मैसेज न करें.
  • 2-4 दिन की बात में ही मोबाइल नंबर न दें. हो सकता है वह आप का फोन नंबर ले कर परेशान करे.
  • सोशल प्लेटफौर्म पर बात करते समय अगर फ्रैंड आप का फोटो मांगे तो न दें. फोटो को सेव कर के गलत जगह उस का उपयोग कर आप को ब्लैकमेल कर सकता है.
  • जब आप सोशल प्लेटफार्म से बात कर के उस पर विश्वास कर लें उस के बाद ही अपना मोबाइल नंबर दें.
  • नंबर लेने के बाद आप उस से घंटों बात न करें. आप के घंटों बात करने से वह आप को टाइम पास समझने लगेगा.
  • जब उस पर आप को विश्वास होने लगे तब ही आप उस से कहीं कैफे पर मिले वरना नहीं.
  • दोस्ती के बाद प्रेम और शादी का प्लान है तो लड़के के घर की जानकारी अवश्य लें.ॉ
  • मातापिता से मिलें और स्वयं के मातापिता से भी किसी बहाने से प्रेमी को मिलवाएं.
  • किसी दिन अचानक आप अपनी सहेली के साथ घर भी घूम कर आ जाएं.
  • अगर आप उस के घरपरिवार के व्यवहार से संतुष्ट हैं तो ही आगे कदम बढ़ाएं.

शादी बेहद संवेदनशील और जिंदगी का महत्त्वपूर्ण फैसला होता है. इसे जल्दबाजी और भावनाओं में बह कर न लें. सोचसमझ कर विचार कर के शादी करें. सुखमय जीवन का आधार प्रेम होता है.

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