Health Tips : अकसर कई पेरैंट्स या टीचर बच्चे को मजाकमजाक में ही बोल देते हैं कि तुम थकते नहीं हो, तुम्हारे पैरों में क्या हिरन की हड्डी है जो पूरा दिन उछलते रहते हो...इस बात को बच्चा तो नहीं समझ पाता लेकिन बच्चे की ऐसी गतिविधियों पर मातापिता को जरूरत है थोड़ी जागरूकता की ताकि वे समझ सकें कि एक जगह शांति से न बैठ पाना भी एक बीमारी ही है जिसे मैडिकल भाषा में एडीएचडी कहते हैं.

जानें क्या है एडीएचडी

एडीएचडी (अटैंशन डैफिसिट हाइपरऐक्टिविटी डिसऔर्डर) यह एक न्यूरोडैवलपमैंटल डिसऔर्डर है जोकि बच्चों में एक कौमन डिसऔर्डर के रूप में देखा जाता है.

शुरुआत में ही सही इलाज मिल जाए तो बच्चा जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है अन्यथा बड़े होने पर भी यह समस्या बनी रह सकती है. इस के 3 मुख्य प्रकार हैं- संयुक्त प्रस्तुति, अतिसक्रिय/आवेगपूर्ण प्रस्तुति और असावधानीपूर्ण प्रस्तुति.

लक्षण

किसी भी काम में ध्यान केंद्रित कर पाने में असमर्थ होना, अपने खिलौने या चीजें खो देना, किसी बात को ध्यान से न सुनना, पढ़ाई हो या खेल छोटेछोटे कामों को पूरा कर पाना भी इन के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है और मन हमेशा विचलित रहता है.

अत्यधिक ऊर्जा से भरे रहना, अपनी बारी का इंतजार न कर पाना, बिना वजह चिल्लाना इन के स्वभाव का हिस्सा बन जाता है.

इलाज

एडीएचडी का निदान एक योग्य चिकित्सक या मनोचिकित्सक ही कर सकता है. निदान करने के लिए डीएसएम-5 (DSM-5) या आईसीडी ICD-11 के मापदंडों का उपयोग करते हैं. इस के लिए डाक्टर को परिवार का इतिहास, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान की जानकारी, शुरुआती विकास, शिक्षा, सामाजिक संबंध और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी होना आवश्यक है.

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