अकसर महिलाओं को पीरियड्स (Periods) में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में खाने की कुछ ऐसी चीजें हैं जिन से आप को परेशानियों से कुछ राहत मिलेगी. आमतौर पर पीरियड्स में महिलाओं को इन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है- पेट में क्रैंप या ऐंठन, सिरदर्द, थकावट, मितली, सूजन, मूड चेंज, हलका बुखार और दस्त.
पीरियड्स में क्या खाएं
हाइड्रेटेड रखने वाले फल और सब्जियां: तरबूज, खीरा, स्ट्राबैरी, आड़ू, नारंगी, पत्तागोभी आदि हरी पत्तेदार सब्जियां, साथ में पर्याप्त पानी पीएं. इस से सिरदर्द, थकावट और बौडी पेन से बचा जा सकता है.
जिंजर टी: अदरक की चाय से मितली और मांसपेशियों के दर्द में फायदा होता है, साथ में यह ऐंटीइनफ्लैमेटरी भी होता है. ध्यान रहे ज्यादा अदरक से सीने में जलन हो सकती है.
आयरन, प्रोटीन और ओमेगा 3 वाले खाद्य: चिकन से पर्याप्त प्रौटीन और आयरन मिलेगा और मछली से साथ में ओमेगा 3 भी. पीरियड्स में आयरन कम होने की संभावना होती है जिस से बचा जा सकता है. आयरन की कमी से थकावट होती है.
हलदी और करक्यूमिन: हलदी में मौजूद करक्यूमिन से ही यह ऐंटीऔक्सीडैंट और ऐंटीइनफ्लैमेटरी होता है. करक्यूमिन के कैप्सूल भी आते हैं. देखा गया है पीरियड्स के सिंप्टम्स में यह बहुत फायदा पहुंचाता है. यह डिप्रैसन में काम करता है जिस से मूड अच्छा रहता है.
डार्क चौकलेटस: डार्क चौकलेट में प्रचुर मात्रा में आयरन और मैग्नीशियम होता है. 100 ग्राम के डार्क चौकलेट से 67% आयरन और 58% मैग्नीशियम की एक दिन की जरूरत पूरी होती है. पीरियड्स में इन मिनरल्स की संभावित कमी से बचा जा सकता है.
नट्स: बादाम, काजू, अखरोट आदि नट्स से पर्याप्त प्रोटीन और ओमेगा 3 मिलते हैं. अगर आप सीधे तौर पर नहीं खाना चाहती हैं तो इन्हें स्मूदी में मिला कर पीएं या बादाम युक्त दूध पी सकती हैं.
दूध और दही: कुछ महिलाओं को पीरियड्स में यीस्ट इन्फैक्शन होता है. ऐसे में दही एक अच्छा प्रोबायोटिक है. यह पाचनक्रिया और यीस्ट इन्फैक्शन में मदद करने के साथसाथ वैजाइना में अच्छे बैक्टीरिया का पोषक है. दूध और दही से शरीर को प्रोटीन और कैल्सियम भी मिलता है.
किनोआ, दालें और बींस: इन में आयरन, प्रोटीन और मैग्नीशियम होता है. विशेषकर शाकाहारी लोगों के लिए मांस का अच्छा विकल्प है.
पिपरमिंट टी: पीरियड्स में पिपरमिंट टी बहुत अच्छी होती है. यह मितली, दस्त और क्रैंप सभी में फायदा करती है.
पीरियड्स में क्या न खाएं
नमक: ज्यादा नमक वैसे भी नहीं खाना चाहिए. पीरियड्स में ज्यादा नमक खाने से शरीर में पानी जमा होता है जिस के चलते ब्लोटिंग (पेट में सूजन या टाइटनैस) होती है. ऐसे में फास्ट प्रोसैस्ड फूड नहीं खाना चाहिए.
चीनी: पर्याप्त मात्रा में शुगर बुरी नहीं है पर शुगर ज्यादा होने से मूड स्विंग होता है.
अल्कोहल: पीरियड्स में अल्कोहल का सेवन न करना ही बेहतर है. अल्कोहल से पीरियड्स की परेशानियां बढ़ जाती हैं जैसे डिहाइड्रेशन, मितली, दस्त और सिरदर्द. इस के हैंगओवर से थकान भी महसूस होती है.
कौफी: अगर आप कौफी पीने की आदी हैं तो इसे कम से कम लें. हो सके तो 1 या 2 कप ही लें. कौफी से पाचनक्रिया पर असर पड़ता है. कौफी से शरीर में पानी की अनावश्यक मात्रा जमा होने की संभावना रहती है जिस के चलते ब्लोटिंग की समस्या होती है.
मसालेदार खाना: नौर्मल मसाला खाया जा सकता है पर जिन्हें ज्यादा मसाला खाने की आदत होती है वे इसे कम करें. ज्यादा स्पाइसी फूड से पाचनक्रिया पर असर पड़ता है जैसे पेट में दर्द, दस्त और मितली या उलटी की संभावना रहती है.
रैड मीट: रैड मीट में आयरन तो होता है पर इस में प्रोस्टाग्लैंडीन हारमोन बहुत ज्यादा होता है जिस से क्रैंप बढ़ने की संभावना रहती है.
जो खाने आप के लिए सुपाच्य नहीं हैं: कुछ खाने की चीजों जिन के आप अभ्यस्त नहीं हैं या जिन्हें आप पचा नहीं सकती हैं उन्हें न खाएं. इस से कब्ज, दस्त, मितली, उलटी और अनपच हो सकती है और आप की परेशानियां बढ़ सकती हैं.