राइटर- हरमिंदर खोजी
कुलदीप की पत्नी गीता पुलिस को दिए अपने बयान में खुद ही बुरी तरह फंस गई थी. उस ने पुलिस को बताया कि जब वह सुबह उठी तो सीढि़यों के दरवाजे की कुंडी उस ने ही खोली थी. नीचे आई तो घर के मेन गेट के लौक में अंदर से चाबी लगी थी और वह खुला हुआ था. पुलिस को संदेह हुआ तो. अपनी नौकरी के चलते गीता को घर का काम निपटा कर जल्दी सोना होता था और सुबह जल्दी ही उठना पड़ता था. लेकिन उस दिन उठने में थोड़ी देर हो गई थी. अब उस के पास एक ही रास्ता था कि जल्दी से रसोई का काम निपटाए. काम भी कम नहीं था. सुबह के नाश्ते से ले कर दोपहर का खाना तक बनाना होता था. इस की वजह यह थी कि उस की बेटी सुदीक्षा कालेज जाती थी, जो दोपहर को घर लौटती थी.
इसलिए उस का खाना बनाना जरूरी था. साथ ही यह भी कि उसे खुद को और पति कुलदीप को अपना लंच बौक्स साथ ले कर जाना होता था. दरअसल 37 वर्षीय गीता पंजाबी भाषा की प्रोफेसर थी और पिछले 15 सालों से सिविल लाइंस लुधियाना स्थित एक शिक्षण संस्थान में पढ़ाती थी. उस का पति कुलदीप रेलवे में बतौर इलेक्ट्रिशियन तैनात था. कुलदीप सुबह साढ़े 8 बजे अपनी ड्यूटी पर चला जाता था और शाम को साढ़े 5 बजे घर लौटता था. कुलदीप के चले जाने के बाद साढ़े 9 बजे गीता भी अपने कालेज चली जाती थी. जबकि सुदीक्षा कालेज के लिए 10 बजे घर से निकलती थी. सब के जाने के बाद घर में कुलदीप का छोटा भाई हरदीप अकेला रह जाता था.