Husband Wife Story :  दूसरे शादीशुदा लोगों की तरह मैं भी एक पति हूं. कुछ साल पहले मैं भी एक आम आदमी था, कुछ कर दिखाने की लगन वाला. पौपुलेशन कंट्रोल और टीएफआर के आंकड़े देख कर मुझे भी विश्व के भविष्य की चिंता होने लगी थी. शादी नहीं करूंगी. बिना शादी के आदमी के साथ रहूंगी. बच्चे पैदा नहीं करूंगी वगैरहवगैरह.

इन्हीं में से एक आवाज यह भी थी कि मैं शादी के बाद पति का नाम धारण नहीं करूंगी.

मेरा उन दिनों इश्क चल रहा था. यह इश्क एक पति को छोड़ कर आई वाली से था. मेरी हो सकने वाली बीवी ने शादी के लिए सिर्फ एक शर्त रखी थी कि वह मेरे नाम के बजाय अपने पिता के घर का सरनेम और पिछले पति का सरनेम इस्तेमाल करेगी. नई क्रांति मैं भी करना चाहता था और बाकी आवाजों के मुकाबले यह शर्त मुझे कुछ आसान भी लगी. लिहाजा शादी हो गई.

मेरी बीवी की पहली शादी और तलाक दोनों बिना अंबानी वाली शादी के हुए थे. कोई धूमधड़ाका नहीं, कोई 13 फंक्शन नहीं, बाद में कोर्टकचहरी भी थोड़ी सी. बहुतों को मालूम ही नहीं पड़ा कि कब शादी हुई, कब तलाक हुआ और अब कब मेरे से शादी हुई.

हम तो जमाने के साथ बदल गए पर जमाना नहीं बदला. मेरी तरह मेरी बीवी भी अखबारों और वैबसाइटों पर लिखती है. उस के नाम भी पार्टियों के न्योते आते हैं. बड़ी तकलीफ होती है जब निमंत्रणपत्र पढ़ कर लगता है कि मेरी बीवी का एक पति और भी है. निमंत्रण पत्र उस के और उस के पति के नाम आते हैं. आप को याद है न, वह अपने पिता के घर का नाम और पिछले पति का नाम इस्तेमाल करती है.

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