Inspirational Hindi Stories : प्रीतिकी मम्मी उसे समझ रही थी, ‘‘अभी भी समय है. अतुल से बोलो कि अपने डैडी से कहेगा कि अतुल के हिस्से की प्रौपर्टी उस के नाम कर दे.’’
प्रीति बोली, ‘‘मम्मी मैं यह अतुल से कैसे बोल सकती हूं? वे अपने डैडी से बहुत प्यार करते हैं.’’
प्रीति की मम्मी लगातार बोले जा रही थी, ‘‘हां, तभी तो अतुल को उल्लू बना रखा है.’’
प्रीति बोली, ‘‘मैं कुछ सम?ा नहीं.’’
‘‘अरे तेरी अक्ल क्या घास चरने गई है. तेरे देवर विपुल की पत्नी रूपा दूसरी बार मां बनने वाली है.’’
प्रीति ठंडी सांस भरते हुए बोली, ‘‘हां वह तो है... मम्मीजी ने तो रूपा को मना लिया है कि वह अपना दूसरा बच्चा हमें दे देगी.’’
प्रीति की मम्मी बोली, ‘‘देवरानी पूरे घर पर राज करेगी... दूसरे का बच्चा क्या कभी अपना हुआ है? अतुल से बोल कर पहले प्रौपर्टी अपने नाम करवा ले, फिर चाहे रूपा के दोनों बच्चे गोद ले लेना.’’
प्रीति को दुनियादारी का ज्ञान बांट कर प्रीति की मम्मी तो वापस चली गई मगर प्रीति का मन अशांत हो गया.जब शाम को अतुल घर आया तो देखा प्रीति बेमतलब टीवी को फटीफटी आंखों से देख रही है. उस ने प्रीति से पूछा, ‘‘क्या बात है प्रीति इतनी उदास क्यों बैठी हो?’’
‘‘मुझे लग रहा है कि मेरा इस घर में कोई अपना नहीं है.’’
अतुल प्यार से उस के सिर पर हाथ फेरते हुए बोला, ‘‘ऐसा क्यों कह रही हो?’’
‘‘तुम्हारे डैडी की सारी प्रौपर्टी आगे जा कर विभाजित होनी ही है तो तुम अपना हिस्सा अभी क्यों नहीं मांग लेते हो?’’
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