आखिर यह होम लौंड्री हाइजीन है क्या? दरअसल, यह एक तरीका है अपने परिवार के मैले कपड़ों और घर में रोजाना प्रयोग होने वाले लिनेन जैसे कि तौलिए आदि के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों को परिवार के अन्य सदस्यों तक पहुंचने से रोकने का. यानी अगर परिवार का एक सदस्य नजला, जुकाम, खांसी या अन्य किसी संक्रामक बीमारी से पीडि़त है, तो बाकी सदस्यों को उस से बचाया जा सके, क्योंकि हर प्रकार का संक्रमण कपड़ों के माध्यम से तेजी से फैलता है.

जो कपड़े सीधे त्वचा के संपर्क में आते हैं जैसे कि तौलिए, बनियान, ब्रा, अंडरवियर, पैंटी, रूमाल और बच्चों की नैपीज आदि रोगजनक कीटाणुओं से बहुत जल्दी दूषित हो जाते हैं. धुलाई के दौरान अगर इन कपड़ों को अलग से न धोया जाए, तो जीवाणुमुक्त कपड़े भी रोगजनक कीटाणुओं से संक्रमित हो जाते हैं.

रोगजनक कीटाणु कपड़ों के माध्यम से ही पूरे परिवार की सेहत को प्रभावित करते हैं. परिवार के सदस्यों के निजी कपड़े अधिक संक्रमण फैलाते हैं. ऊपरी यानी बाहर पहने जाने वाले कपड़े, जैसे कमीज, पैंट, टौप, पायजामा आदि निजी कपड़ों के मुकाबले कम दूषित होते हैं. हां, कभीकभार उलटी, मूत्र या पान की थूक से ये भी संक्रमित हो जाते हैं. ऐसे कपड़ों से गंदगी टिशू पेपर से छुड़ाएं और कपड़े धोने से पहले टिशू को फ्लश कर दें. जिन परिवारों में लोग तौलिए शेयर करते हैं, वहां सूक्ष्म जीव बड़ी आसानी से एक सदस्य से दूसरे तक स्थानांतरित हो जाते हैं.

धुलाई के दौरान सूक्ष्म जीव बड़ी आसानी से संक्रमित कपड़ों से असंक्रमित कपड़ों में कुछ इस तरह से स्थानांतरित हो जाते हैं कि कपड़ों को बारबार खगालने पर भी पूरी तरह से नष्ट नहीं होते. कपड़ों के सूखने की प्रक्रिया में अधिकतर मामलों में संक्रमण इतना कम हो जाता है कि उन से होने वाला खतरा न के बराबर होता है. साधारण स्थितियों में कपड़ों की धुलाई से संक्रमण के स्थानांतरण का खतरा कम होता है, लेकिन घर में कोई बीमार है, तो खतरा बढ़ जाता है. निम्नलिखित स्थितियों में कपड़े और घर में प्रयोग होने वाले तौलिए आदि संक्रमण फैलाने का कारण बन सकते हैं :

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