Vidya Balan : विद्या बालन उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जो किसी परिचय की मोहताज नहीं , विद्या ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने सशक्त अभिनय के जरिए ऐसी पहचान बनाई हैं कि अगर वह 10 साल भी काम न करें तो दर्शक उन्हें नहीं भूलेंगे कभी वह भूल भुलैया की मंजूलिका बनकर लोगों को डराती है तो कभी अमिताभ बच्चन की मां बनकर फिल्म पा में सबका दिल जीत ले जाती है.
यही विद्या बालन पर्सनल लाइफ में इतनी इमोशनल है कि अगर उनकी किसी वजह से बेइज्जती हो जाए तो वह अपनी बेइज्जती जिंदगी भर नहीं भूलती, ऐसा ही एक हादसा जो उनके साथ करियर की शुरुआती दौर में हुआ था उन्होंने अपने इंटरव्यू में साझा किया. विद्या बालन के अनुसार वैसे तो हर ऐक्टर को अपने करियर की शुरुआती दौर में लोगों से ताने और बेइज्जती सुननी पड़ती है, लेकिन उनकी जिंदगी में एक ऐसा दौर भी आया था जब उन्हें अनलकी और मनहूस के टैग से गुजरना पड़ा था.
विद्या बालन ने एक इंटरव्यू में बताया जब वह साउथ इंडस्ट्री में काम कर रही थी और उनकी लगातार दो फिल्में फ्लौप हो गई थी तो साउथ इंडस्ट्री के कुछ लोगों ने उन्हें अनलकी और मनहूस कहना शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्हें साउथ इंडस्ट्री में काम मिलना बंद हो गया और लगातार 3 साल तक वह इस बेइज्जती से जूझती रही. रिजेक्शन का दर्द झेलना आसान नहीं होता. क्योंकि रिजेक्शन की फीलिंग आपको अंदर से तोड़ कर रख देती है और आप हीन भावना का शिकार होने लगते हो.
दरअसल मैंने मोहनलाल के साथ एक फिल्म की थी जो फ्लौप हो गई, उसके बाद मैंने एक और मलयालम फिल्म की वह भी फ्लौप हो गई ,फिल्म फ्लौप होने में मेरी कोई गलती नहीं थी. फिर भी मुझे इसका खामियाजा भुगताना पड़ा. साउथ के मेकर्स ने मुझे साइन करना बंद कर दिया और जो फिल्में मैंने साइन की थी उससे मुझे रिप्लेस कर के दूसरी हीरोइन को रख दिया गया. वह भी बिना मुझे कोई जानकारी दिए. इतना सब होने के बावजूद मैंने हार नहीं मानी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म परिणीता से अभिनय करियर की नई शुरुआत की, लेकिन साथ ही मैंने यह भी दृढ़ निश्चय कर लिया कि मैं अब कभी भी साउथ इंडस्ट्री में काम नहीं करूंगी.