दूध का गिलास लिए दुलहन कमरे में प्रवेश करती है. कमरा सुंदर रंगबिरंगे फूलों और लाइट से सजा व मंदमंद खुशबू से महक रहा होता है और माहौल में नशा सा छाया होता है. दूल्हा बेसब्री से दुलहन के आने का इंतजार कर रहा होता है. उस के आते ही वह दूध का गिलास लेने के बहाने उस को बांहों में भरने के लिए लपकता है. वह भी लजातीसकुचाती हुई उस की बांहों में समा जाती है. इस के बाद पतिपत्नी के प्यार से कमरा सराबोर हो उठता है. यह दृश्य है हिंदी फिल्मों के हीरोहीरोइन पर फिल्माई गई मिलन की पहली रात का. विवाह और यौन संबंध बेहद नाजुक विषय है. पतिपत्नी का शारीरिक मिलन तभी सफल माना जाएगा, जब दोनों इस के लिए तैयार हों. अगर ऐसा न हो तो उसे एकतरफा भोग कहा जाएगा. विवाह के बाद पतिपत्नी अपने नए जीवन की शुरुआत करते हैं. ऐसे में दोनों का एकदूसरे पर भरोसा और आपसी संवाद उन के आपसी संबंध को अधिक मजबूत बनाता है.
मगर सवाल यह उठता है कि क्या शादी की पहली रात का संबंध सचमुच संतुष्टि देने वाला होता है? क्योंकि एक ओर जहां पहली रात के बारे में अपेक्षाओं का मन पर बोझ होता है, तो वहीं दूसरी ओर व्यस्त दिनचर्या की थकान के कारण शारीरिक संबंध के लिए आवश्यक उत्साह, मनोदशा तथा शक्ति का अभाव महसूस होता है. ऐसा ही अनुभव सिद्धी और उमाकांत दंपती का भी रहा है. सिद्धी की शादी को 5-6 साल हो गए हैं. विवाह की पहली रात उन की मानसिक स्थिति कैसी थी, पूछने पर सिद्धी ने बताया, ‘‘विवाह से पूर्व हम अच्छे दोस्त थे. विवाह का निर्णय हम ने खुद और दोनों परिवार वालों की आपसी सहमति से लिया. फिर भी ससुराल वालों के साथ मेरा तालमेल बैठेगा या नहीं, इस के बारे में मुझे शंका थी, क्योंकि मैं शहर में पलीबढ़ी थी. हमारे घर का माहौल बंधनरहित था, जबकि उमाकांत के घर वाले गांव के थे.