Child Nutrition : एक स्वस्थ और मजबूत शरीर एक दिन में नहीं बनता, इस की नींव जीवन के पहले 1000 दिनों में रखी जाती है. इन महत्त्वपूर्ण दिनों में सही पोषण शिशु के भविष्य के स्वास्थ्य और विकास को गहराई से प्रभावित करता है. जीवन के पहले 500 दिनों में गर्भवती मां का संतुलित और पोषक आहार ही शिशु का पोषण होता है और यही बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास का आधार बनता है.
प्रारंभिक 500 दिनों के बच्चे का आहार धीरेधीरे ठोस भोजन की ओर बढ़ता है. इस दौरान बच्चे को पोषक आहार देने की जरूरत होती है, जिस में घर का बना ताजा खाना, फल और सब्जियां शामिल हों. इस से बच्चों में स्वस्थ खाद्यपदार्थों को खाने की आदत विकसित होती है. यह आदत उन्हें अतिरिक्त न्यूट्रिशन सप्लिमैंट्स की आवश्यकता से बचाती है.
अतिरिक्त शर्करा और इस के प्रभाव
कुछ पूरक आहारों में प्रति बोतल 21 ग्राम तक शक्कर पाई जाती है.
किसी में 14 ग्राम तो किसी में 100 ग्राम पूरक आहार में 12 ग्राम तक शक्कर मिलाई गई होती है.
कुछ पूरक आहारों में यह मात्रा 32.8 ग्राम या इस से भी अधिक देखी गई है.
इतनी अधिक मात्रा में शक्कर बच्चों को मीठा खाने की आदत डालती है जो उन के शरीर के विकास और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.
साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गर्भाणवस्था के दोरान और जीवन के शुरुआती वर्षों में अधिक शक्कर का सेवन बच्चों में टाइप-2 मधुमेह और हाइपरटैंशन का खतरा बढ़ा सकता है.
नैशनल हैल्थ ऐंड न्यूट्रिशन ई एंड ऐमिनेशन सर्वे के अनुसार, अतिरिक्त शर्करा दांतों में कीडे़ लगने और मोटापे का भी एक बड़ा कारण है.
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