Valentine's Special :  किसी शायर ने खूब कहा है,'यह इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है...' कहने का मतलब यह कि आज स्वार्थ से भरी दुनिया में वैसे तो हर इंसान अपनेआप से ही प्यार करता है लेकिन अगर यही प्यार आप को किसी और से हो जाए तो उस के बिना जीना मुश्किल हो जाता है. उस को देखे बिना चैन नहीं आता और उस को पाना भी मुश्किल ही हो जाता है क्योंकि जरूरी नहीं है की जिस से हम सच्चा प्यार करें वह हमें मिल ही जाए और अगर वह मिल भी गया तो हमेशा के लिए टिक जाए क्योंकि आज के दौर में प्यार पाना जितना मुश्किल है उस प्यार को जिंदगीभर निभा पाना उस से भी ज्यादा मुश्किल है.

कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि आज के दौर में अगर लैला मजनूं शीरीं फरहाद होते और उन की शादी हो गई होती तो वे भी अपने हक के लिए लड़ाईझगड़ा कर रहे होते. यानि जिस तरह दूर के ढोल सुहावने होते हैं उसी तरह जब तक शादी नहीं होती तब तक प्यार में प्रेमी को अपनी महबूबा चांद की तरह लगती है, लेकिन शादी होते ही वह सूर्यमुखी और ज्वालामुखी लगने लगती है. लेकिन बावजूद इस के प्यार में कोई कमी नहीं आती क्योंकि पतिपत्नी का यह भी मानना है कि प्यार और तकरार अपनों के बीच ही होती है.

प्यार और तकरार हलकेफुलके लड़ाईझगड़े तक ही सीमित रहें तब तक तो ठीक है लेकिन अगर इस में 'हम' की जगह 'मैं' आ जाए यानि ईगो आ जाए तो उस प्यारभरी शादी को तलाक तक बदलने में ज्यादा वक्त नहीं लगता. फिर चाहे वह रितिक रोशन और सुजैन खान हों, जिन का बचपन का प्यार तलाक में बदल गया या फिर मलाइका अरोड़ा खान और अरबाज खान ही क्यों न हों, जिन्होंने काफी साल साथ में रहने के बाद तलाक ले लिया.

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