Digital Marketing : 18 वर्ष का सुमित 12वीं की पढ़ाई के बाद पढ़ना नहीं चाहता, क्योंकि उसे पढ़ना पसंद नहीं। पैसे कमा कर अमीर बनना चाहता है. उस के दोस्तों ने सुझाव दिया कि आज की तारीख में पैसे कमाने का सब से बढ़िया तरीका डिजिटल मार्केटिंग है, जिस से लाखों कमाया जा सकता है. सुमित को यह बात अच्छी लगी और उस ने पढ़ाई से मुंह मोड़ लिया और अपने पेरैंट्स को समझाया कि आज के जमाने में अधिक पढ़नेलिखने से कुछ नहीं होता, दिमाग से काम लेना पड़ता है, इसलिए आप मुझे घर पर एक सैटअप तैयार कर दें, जिस में एक कंप्यूटर, अलग कमरा और एक बोर्ड हो.

सुमित के पिता राजेश ने वैसा ही किया, क्योंकि वह दिनभर घर पर पड़ा रहता था और आगे पढ़ाई करने के लिए मान नहीं रहा था. बेटे की जिद की वजह से उन्होंने कमरे में एसी, बोर्ड और कंप्यूटर की व्यवस्था करा दी. उन्हें लगा कि उन का बेटा कुछ नए कौंसेप्ट से अच्छा कमा लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सुमित पहले तो कुछ महीने कुछ भी नहीं कमा पाया और 6 महीने के बाद एक छोटी रकम उस के हाथ लगी, जबकि राजेश के पास बिजली का लंबाचौड़ा बिल आने लगा, क्योंकि बेटा दिनभर एसी चलाता.

राजेश अब समझ नहीं पा रहे थे कि करें तो क्या करें। वे अंधविश्वास में पङ कर पंडित, गंडा तावीज, पूजापाठ, मंदिरों का सहारा लेने लगे, लेकिन बेटे की आदत में कोई सुधार नहीं हुआ. बेटे के भविष्य को ले कर वे चिंतित रहने लगे, क्योंकि वे जानते थे कि बिना पढ़ाई के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना कभी भी संभव नहीं, क्योंकि वे खुद भी एक कालेज के प्रिंसिपल हैं.

यह सही है कि किसी भी क्षेत्र में बिना प्रशिक्षण लिए काम करना संभव नहीं, क्योंकि हर क्षेत्र की कुछ प्रोसेस होते हैं, जिसे प्रशिक्षण के द्वारा ही जाना जा सकता है.

25 वर्षीय पीएचडी कर रही सीमा भी पढ़ाई के साथसाथ दोस्तों के कहने पर डिजिटल मार्केटिंग में काम करने लगी, लेकिन कुछ महीने में उन्होंने समझ लिया कि इस प्रोफेशन में ब्रैंड वालों की कमिटमैंट सही नहीं होती, जितना पैसा उन्हें ब्रैंड की पब्लिसिटी के बाद देना चाहिए, वे देते नहीं. ऐसे में इस क्षेत्र में समय और मेहनत का दुरुपयोग होता है. वे इस काम को छोड़ पढ़ाई पर मन लगाने लगीं.

यह सही है कि आज दुनिया में अधिकतर औनलाइन काम होने लगे हैं और ज्यादातर लोग खरीदारी करने से पहले अपना शोध औनलाइन करना पसंद करते हैं. औनलाइन डोर टू डोर सेवा किसी के लिए भी आज उपलब्ध होता है. औनलाइन खाना और्डर करने के लिए स्वीगी और जोमैटो समेत कई प्लेटफौर्म उपलब्ध हैं. भोजन की डिलिवरी तुरंत उपभोक्ताओं के दरवाजे पर की जाती है. इस के अलावा ट्रांसपोर्ट सेवाओं को भी औनलाइन पाया जा सकता है, जिस में उबर और ओला खास हैं, इसलिए इस की मांग बढ़ी है. खासकर कोविड 19 महामारी के दौरान सब कुछ डिजिटल होने की वजह से इसे काफी गति मिली.

डिजिटल मार्केटिंग है क्या

डिजिटल मार्केटिंग इंटरनैट और अन्य डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल कर के किसी उत्पाद या सेवा को बेचने का तरीका है. इसे औनलाइन मार्केटिंग भी कहाजाता है. डिजिटल मार्केटिंग के जरीए, कारोबार और ब्रैंड, औनलाइन चैनलों के संभावित ग्राहकों से जुड़ते हैं.

डिजिटल मार्केटिंग का इतिहास

डिजिटल मार्केटिंग की इतिहास पर नजर डालें तो 90 के दशक में पहली बार डिजिटल मार्केटिंग शब्द सुना गया. इस के बाद सोशल मीडिया के बढ़ने के साथसाथ इस का भी विस्तार होता गया.

डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार

डिजिटल मार्केटिंग के कई प्रकार हैं, जिन में शामिल हैं- वीडियो मार्केटिंग, डिस्प्ले विज्ञापन, ईमेल मार्केटिंग आदि. इस प्रकार डिजिटल मार्केटिंग पूरे डिजिटल स्ट्रैटिजी का एक पार्ट होता है, जिसे किसी व्यवसाय की जरूरतों के आधार पर व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है.

डिजिटल मार्केटिंग में कैरियर बनाने से पहले उस क्षेत्र में शिक्षित होना जरूरी है, ताकि आप इस के प्रोसेस को समझ सकें. डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए इस से जुड़े सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं.

इस फील्ड में एमबीए करने का औप्शन भी मौजूद है (MBA in Digital Marketing) :

डिजिटल मार्केटिंग कोर्स औनलाइन या औफलाइन किसी भी मोड में किया जा सकता है. बेहतर जौब औफर के लिए कम से कम 6 महीने या 1 साल का कोर्स करना आवश्यक होता है. इस के प्रोसेस कुछ इस प्रकार हैं :

● सब से पहले बेसिक स्किल को बढ़ाना पड़ता है, मसलन डिजिटल मार्केटिंग फंडामेंटल्स को सीखना, जिस में एसईओ, पीपीसी, सोशल मीडिया मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग और ऐनालिटिक्स का पता चल पाता है। डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए आप औनलाइन या औफलाइन कोर्स ले सकते हैं.

● बेसिक सीखने के बाद खुद को स्किल्ड कर अपनी वैबसाइट बनाना, जिस में सोशल मीडिया कैंपेन चलाना, कंटेंट तैयार करना आदि सीखना पड़ता है.

● इस काम को घर बैठे नहीं, बल्कि बाहर जा कर नेटवर्किंग भी करनी पड़ती है, इंडस्ट्री के इवेंट्स में जाने से आप मार्केटिंग प्रोफैशनल्स से अपने कनैक्शन बना सकते हैं। सोशल मीडिया के जरीए प्रोफैशनल्स की कम्यूनिटी जौइन कर सकते हैं। इस से लेटैस्ट ट्रैंड से अपडेट रह सकते हैं.

● इस में किसी बड़ी कंपनी से जुडने के लिए नौकरी के अवसरों को तलाशना पड़ता है, जिस के तहत आप जरूरतमंद कंपनी के ब्रैंड के लिए काम कर सकते हैं. इस के लिए कंपनी की वैबसाइट चैक करना पड़ता है.

● ब्लौगिंग एक बहुत अच्छा तरीका है, जिस से आप डिजिटल मार्केटिंग फील्ड में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. यदि आप नए हैं तो आप सब से पहले अपने विषय से संबंधित ब्लौग पोस्ट को गूगल पर खोज कर पढ़ सकते हैं. इस के अलावा आप एक ब्लौग बना सकते हैं और अपने अनुभव और ज्ञान को साझा कर सकते हैं.

● साथ ही डिजिटल मार्केटिंग से संबंधित पुस्तकों को पढ़ना एक अच्छा तरीका है जिस से आप अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. कुछ डिजिटल मार्केटिंग की ई बुक्स पढ़ कर भी आप खुद को अपडेट कर सकते हैं.

● प्रैक्टिकल अनुभव इस क्षेत्र में बहुत आवश्यक होता है. इस के लिए किसी भी औनलाइन बिजनैस या स्टार्टअप में नौकरी कर सकते हैं जो डिजिटल मार्केटिंग के अनुभव से संबंधित हो। यह वास्तविक दुनिया में डिजिटल मार्केटिंग के साथ काम करने का मौका देगा, जिस से अधिक काम सीखा जा सकता है.

● डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए अधिक से अधिक अभ्यास और मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि आप धीरेधीरे इस की बारीकियों को समझ सकें.

डिजिटल मार्केटिंग के फायदे

डिजिटल मार्केटिंग से ब्रैंड की जागरूकता बढ़ती है। कम लागत में की जा सकती है. हालांकि यह औनलाइन होता है, इसलिए इस से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है.

ग्राहकों का भरोसे को बढ़ाया जा सकता है. प्रोडक्ट का विज्ञापन करना आसान होता है और उस प्रोडक्ट को व्यवहार करने वालों तक आसानी से देश और विदेश में पहुंचाया जा सकता है. साथ ही
बिक्री और रेवेन्यू को बढ़ाया जा सकता है.

डिजिटल मार्केटिंग के नुकसान

डिजिटल मार्केटिंग से पहले इस की सीमाओं को समझना जरूरी है, ऐसा न करने पर बाद में पछताना पड़ सकता है :

● डिजिटल मार्केटिंग में हर प्रकार के ब्रैंड खुद डेवलप करने की होड़ में लगे रहते हैं.

● आजकल डिजिटल क्षेत्र में ब्रैंड्स की भरमार हो रही है, जो ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए खास दिखना चाहते हैं. खासतौर पर छोटे व्यवसायों के लिए अलग दिखना एक कठिन लड़ाई बन जाती है.

● डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में डेटा चोरी होना स्वाभाविक होता है. खतरनाक हैकिंग से लेकर मैलवेयर तक के खतरे बड़े पैमाने पर रहता है. इस तरह की घुसपैठ ब्रैंड की विश्वसनीयता को धूमिल करती है और वित्तीय नुकसान पहुंचा सकती है.

● डिजिटल मार्केटिंग एक व्यापक जाल ब्रैंड्स की बिछाती है, लेकिन इस में व्यक्तिगत बातचीत और अंतरंगता की कमी रहती है. ग्राहकों के साथ सीधे संवाद की अनुपस्थिति गलत सूचना और अविश्वास को जन्म देती है.

● डिजिटल मार्केटिंग का सार तकनीक है, जो पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है.

अनक्लियर्ड लिंक, पेज या सिस्टम की गड़बड़ियां ग्राहकों को हतोत्साहित करती हैं और ब्रैंड की छवि खराब होती है. खासतौर पर डिजिटल मार्केटिंग के नौसिखियों के लिए तकनीकी खामियां नुकसानदेह हो सकती हैं, जिस से वैबसाइट की गहन जांच की जरूरत पर जोर पड़ता है. तकनीक पर पूरी तरह से निर्भर रहना कभीकभी उलटा भी पड़ जाता है. इस पर लगाया गया पैसा डूब भी सकता है.

इस प्रकार डिजिटल मार्केटिंग शक्तिशाली होने के साथसाथ समय की मांग अवश्य है, लेकिन सही रणनीति से ले कर सामग्री निर्माण और प्रदर्शन विश्लेषण तक, प्रयास बहुत थकाऊ होता है, क्योंकि इस में संसाधन सीमित होते हैं और इनकम की कोई गारंटी नहीं होती.

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