Relationship Tips : रागिनी व सुधांशु की 5 साल पहले शादी हुई थी. दोनों की शादी लव मैरिज थी. दोनों शादी से पहले एक ही औफिस में काम करते थे. दोनों की मुलाकात औफिस कैंटीन में ही हुई और मुलाकत कब प्यार में बदला पता ही नहीं चला. लगभग 6 महीने बाद दोनों एकदूसरे के साथ विवाहसूत्र में बंध गए.

सबकुछ अच्छा चल रहा था लेकिन 2 साल बाद ही एकदूसरे से दोनों को शिकायत रहने लगी. पहले की तरह अब तुम मुझसे प्यार नहीं करते/करती, तुम्हारे पास मेरे लिए टाइम ही नहीं है, तुम्हारी लाइफ में मेरे आलावा भी कोई और है… ऐसे न जाने कितने सवाल इन की लड़ाई का कारण बनते गए और आखिरकार 5 साल बाद दोनों कानूनी तौर पर अलग हो गए.

रिश्ते का कमजोर होना

इन दोनों की तरह आज न जाने कितने लवबर्ड हैं जो शुरुआत में तो एकदूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते हैं लेकिन कुछ दिनों में ही इन का रिश्ता टूट जाता है. इस परिस्थिति का महत्त्वपूर्ण कारण है विश्वास की कमी.

बारबार अविश्वास करना हमारी चेतना पर भी हावी हो सकता है, जो संबंधों को पर्याप्त मजबूत बनने से पहले ही तोड़ देता है. यह बात ध्यान रखने योग्य है कि किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए प्यार के साथसाथ विश्वास का होना बेहद जरूरी है.

जरूरी है एकदूसरे पर विश्वास

रिश्ता चाहे कोई भी हो वह हमें खुशी, समर्थन और सुरक्षा प्रदान करता है. लेकिन रिश्तों को मजबूत और स्थायी बनाने के लिए जरूरी है प्यार और विश्वास का होना.

प्यार किसी भी स्वस्थ रिश्ते की नींव कहलाता है और विश्वास उस नींव को मजबूती देता है जब कोई व्यक्ति प्यार में होता है. वह एकदूसरे की जरूरतों और इच्छाओं को समझने और पूरा करने की कोशिश करता है व एकदूसरे के प्रति सहानुभूति और करुणा की भावना को जगाता है.

माफ करना सीखें

वहीं विश्वास एकदूसरे की गलतियों को माफ करने व एकदूसरे का साथ निभाने के लिए प्रेरित करता है. रिश्तों में प्यार और विश्वास का महत्त्व सब से अधिक है. इसलिए यदि आप किसी के साथ रिश्ते में आना चाहते हैं या आप किसी के साथ रिश्ते में हैं तो जीवनभर एकदूसरे के प्रति प्यार और विश्वास की भावना विकसित करने का प्रयास करना चाहिए. इस से जीवन खुशहाल भी बनता है और रिश्ते में आने वाली परेशानियों को दोनों साथ मिल कर सुलझा पाने में सक्षम बनते हैं.

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