Chest Congestion : बदलते मौसम में बच्चों को चेस्ट कंजेशन (सीने में जकड़न) की समस्या हो सकती है, जिससे वे बेचैन और असहज महसूस करते हैं. खासकर रात में बच्चों को सोने में काफी परेशानी होती है. इससे कई बार बच्चों को सांस सही नहीं आती जिससे उन्हें काफी दिक्कत होती है. बच्चे रेस्टलैस हो जाते हैं जिससे मांबाप परेशान रहते हैं. मार्केट में बहुत से गैजेट्स मौजूद हैं जो म्यूक्स यानी बलगम को पतला या पिघलाने में मदद करते हैं, ताकि वो बच्चे के ऐयरवे में जमें नहीं और बच्चे सांस सही से ले पाएं. सही गैजेट्स की मदद से आप चेस्ट कंजेशन से काफी हद तक राहत पा सकते हैं. बहरहाल डौक्टर ने जो मेडिसिन सुझाएं हैं उनके साथ इन गैजेट्स का उपयोग करें ताकि बच्चों को राहत जल्द मिल सके.
1. सलाइन नेबुलाइजर
सलाइन (नमक वाला पानी) नेबुलाइजर का उपयोग बलगम को ढीला करने और उसे बाहर निकालने में मदद करता है. यह बच्चों के लिए सेफ है. यह बिना किसी दवाई की लत के, सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है. कई बार छोटे बच्चों को स्टीम से जलने का खतरा हो सकता है या भाप तेज लगने से भी बच्चों को असहज महसूस हो सकता है, लेकिन नेबुलाइजर इस्तेमाल में सुरक्षित होता है. अगर आपका डौक्टर सलाइन नेबुलाइजर के साथ दवा के इस्तेमाल की सलाह दे तो उसे भी उपयोग करें.
2. कूल मिस्ट ह्यूमिडिफायर
मौसम बदलने के साथ हवा में नमी की कमी हो जाती है या कहें एयर ड्राई हो जाती है जिससे बच्चे को यदि खांसी की शिकायत है तो वो बढ़ जाती है. खासकर रात में बच्चे खांसी से खास परेशान रहते हैं. इससे राहत के लिए आप कूल मिस्ट ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कमरे में नमी बनाए रखता है, जिससे शुष्क हवा से होने वाली सांस की समस्याओं को रोका जा सकता है. ये सर्दियों और एयर कंडीशनिंग वाले वातावरण में बेहद उपयोगी है.
3. स्टीमर या वेपोराइजर
भाप (स्टीम) लेने से नाक और गले में जमी बलगम को ढीला करने में मदद मिलती है. बच्चों के लिए स्टीमर का उपयोग करते समय सावधानी बरतें ताकि जलन या दुर्घटना न हो.
4. एयर प्यूरीफायर
घर के अंदर मौजूद धूल, एलर्जी पैदा करने वाले कण (एलर्जेंस) और पौल्यूशन को कम करता है. इससे धूल के कणों से होने वाली एलर्जी में राहत मिलती है. इस्तेमाल के लिए HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरीफायर ज्यादा प्रभावी होता है, इसे समयसमय पर बदलवाना जरूरी है ताकि एयर क्वालिटी लगातार बेहतर बनी रहे.
5. नेजल एस्पिरेटर (नाक से बलगम निकालने वाला उपकरण)
छोटे बच्चों की नाक बंद होने पर यह गैजेट उनकी नाक से अतिरिक्त बलगम निकालने में मदद करता है. क्योंकि छोटे बच्चे खुदसे अपनी नाम में जमा बलगम को निकालने में सक्षम नहीं होते. ऐसे में ये नेजल एस्पिरेटर काफी काम की चीज है. इसके नाम पर न जाएं, ये काफी सस्ता और आसानी से इस्तेमाल होने वाला उपकरण है. मार्केट में इलेक्ट्रिक और मैनुअल दोनों प्रकार के एस्पिरेटर उपलब्ध हैं. जिनसे आप अपनी सांस के जरिए बच्चे की नाक मंट मौजूद म्यूकस को खींच कर निकाल सकते हैं. ये माता पिता के लिए बच्चे की नाक को साफ करने का हायजनिक सौल्यूशन है.
6. वार्मिंग चेस्ट पैड या हीटिंग पैड
हल्की गर्माहट देने वाले चेस्ट पैड से सीने की जकड़न कम हो सकती है और बलगम जल्दी बाहर आ सकता है. इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह से करें. इसको इस्तेमाल करते हुए खास ध्यान रखने वाली बात ही कि इसको बच्चे की स्कीन से सीधे न लगाएं. बल्कि कौटन के कपड़े में इसे लपेट पर पहले खुद अपनी फेस की स्कीन पर इसे लगाकर टेम्प्रेचर चैक करें, उसके बाद ही बच्चे के सीने या कमर पर इससे सिकाई करें.
7. एरोसोल इनहेलर (डौक्टर की सलाह से)
यदि बच्चे को बारबार सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो डौक्टर से परामर्श के बाद इनहेलर का उपयोग किया जा सकता है. यह दवाओं को सीधे फेफड़ों तक पहुंचाने में मदद करता है. सेल्फ मेडीकेशन से बचें, बच्चो को जो डौक्टर ने सुझाया है वही दवा दें और मात्रा का भी खास ध्यान दें.
8. स्मार्ट थर्मामीटर
यह बच्चे के शरीर का तापमान मौनिटर करने में मदद करता है, ताकि समय पर उचित कदम उठाया जा सके.
9. इलेक्ट्रिक वार्मिंग बैग
पीठ या सीने पर हल्की गर्म सिकाई से बलगम को ढीला किया जा सकता है और बच्चे को राहत मिल सकती है.
10. हर्बल वाइप्स और वेपर पैच
नीलगिरी (यूकेलिप्टस) और मेंथौल युक्त वेपर पैच और वाइप्स, बच्चों को आराम देने में मदद कर सकते हैं. यह सर्दी-जुकाम में सांस लेने में आसानी प्रदान करते हैं. इन गैजेट्स का सही तरीके से उपयोग कर बच्चों को चेस्ट कंजेशन से राहत दिलाई जा सकती है. हालांकि, अगर समस्या बनी रहती है या गंभीर हो जाती है, तो डौक्टर से परामर्श अवश्य लें.