नमीयुक्त वातावरण की वजह से हर जगह कीड़ेमकोड़े, फफूंद आदि आसानी से पनपने लगते हैं. ऐसे में घर को साफ और स्वास्थ्यवर्धक रखना हर गृहिणी के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम होता है. घर साफसुथरा और कीड़ेमकोड़ों से रहित हो, इस के लिए जरूरी है कि घर की नियमित सफाई हो. मुंबई के कल्पतरू हास्पिटैलिटी ऐंड फैसिलिटी मैनेजमेंट के क्लीनिंग ऐक्स्पर्ट आर.एम. हेगड़े, जो 27 सालों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं, का कहना है कि कीड़ेमकोड़े गंदगी से पैदा होते हैं. यही वजह है कि शहरों में गांवों की अपेक्षा कीड़ेमकोड़े अधिक पाए जाते हैं. शहरों में खुले गटर, टूटी पाइपलाइनें, जगहजगह पानी का जमाव आम बात है. इसलिए वहां कीड़ेमकोड़े तेजी से पैदा होते हैं. ये कीड़े घर तक आ जाते हैं और बीमारी का कारण बनते हैं. लेकिन सफाई से संबंधित कुछ बातों को ध्यान में रख कर कीड़ेमकोड़ों व उन से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है:

रात को जूठे बरतन सिंक में न छोड़ें. इस से कौकरोच और चींटियों को खाना मिलता है. अगर उन्हें धोने का समय न हो तो एक बड़े बरतन में साबुन का पानी मिला कर बरतनों को उस में डुबो दें और किसी चीज से ढक दें.

बचे खाने को फ्रिज में रखें. खुला न छोड़ें.

डस्टबिन ढकी होनी चाहिए.

कमरे के फर्श को सप्ताह में 1 या 2 बार साबुन के पानी से साफ करें.

बाथरूम और किचन की नियमित सफाई करें.

भीगे कपड़ों को बाथरूम में अधिक देर तक न रखें.

आर.एम. हेगड़े का कहना है गृहिणियां पेस्ट कंट्रोल खुद कर सकती हैं. वह हर्बल हो, किसी प्रकार से नुकसानदायक न हो:

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