Javed Akhtar : 80 वर्षीय लेखक और गीतकार जावेद अख्तर का सेंस औफ ह्यूमर आज भी उतना ही पावरफुल है जितना कि आज से 40 -50 साल पहले था. इस बात का जीता जागता उदाहरण हाल ही में आमिर खान के लिए की गई उनकी फिल्मों की फिल्म फेस्टिवल प्रेस कौन्फ्रेंस में देखने को मिली. जावेद अख्तर आमिर खान के लिए बतौर गेस्ट उपस्थित हुए थे. जहां पर जावेद अख्तर से आज की फिल्में न चलने को लेकर सवाल किया गया, जिसके जवाब में जावेद अख्तर ने अपने मजाकिया अंदाज में एक मौके की बात कह दी.

जावेद अख्तर का कहना था कोई भी चीज अगर आसानी से मिल जाती है तो उसकी वैल्यू नहीं होती, जैसे कि आज अगर फिल्में थिएटर में रिलीज होती है तो कुछ हफ्ते बाद ही ओटीटी के जरिए लोगों के मोबाइल तक पहुंच जाती है . ऐसे में जब कोई चीज आसानी से मिलती है जिसको देखने के लिए कोई मेहनत मुश्शकत नहीं करनी पड़ती, भला उसकी वैल्यू कैसे बढ़ेगी जैसे कि अगर आज के जमाने में शीरीं फरहाद होते तो उनकी भी प्रेम कहानी इतनी दिलचस्प नहीं होती, क्योंकि आज के जमाने में अगर उनके पास स्मार्टफोन होता तो शीरीं को देखने के लिए फरहाद को घंटों बारिश में या धूप में भीगते और तपते शीरी का इंतजार ना करना पड़ता, बल्कि वह वीडियो कौल के जरिए आसानी से बात कर लेता.

ऐसे में शीरीं फरहाद को एक दूसरे के लिए बेचैनी या इंतजार ना होता. कहने का मतलब यह है कि आज फिल्में फिल्मों को देखने को लेकर दर्शकों के पास बहुत औप्शंस है , जिस वजह से फिल्म चाहे कितनी ही अच्छी हो या बुरी हो वह वो फिल्म आराम से देख लेते है. ओटीटी उनके लिए आसान माध्यम हो गया है. इसलिए आज फिल्में भी पहले के मुकाबले कम चलती है क्योंकि वह आसानी से देखने को मिल जाती है.

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