Relationship : बदलते समय के साथ इस डिजिटल युग में प्यार और मोहब्बत के मायने बदल गए हैं. क्योंकि आज कल रिश्ते विश्वास से ज्यादा ट्रेंड पर टिके हुए हैं. रिलेशनशिप और डेटिंग की दुनिया में एक नया वर्ड DADT ट्रेंड कर रहा हैं. जो मौर्डन कपल्स को खूब पसंद आ रहा है. DADT क्या है लोग इसको इतना क्यों पसंद कर रहे हैं आइए जानें.
DADT का अर्थ
आजकल रिलेशनशिप में DADT वर्ड की खूब चर्चा हो रही है जिसका फुल फौर्म है Don’t Ask, Don’t Tell. इसका मतलब है कि ‘न पूछो न बताओ’ इसे एक तरह का कोम्प्रोमाईज भी कहा जा सकता है. इस रिलेशन में कुछ चीजें ऐसी होती हैं. जिनके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं. प्राइवेसी बनाए रखते हुए पार्टनर पर भरोसा करना चाहते हैं. DADT के जरिए तय किया जाता है कि किन चीजों के बारे में बात करेंगे और किन चीजों के बारे में नहीं. इससे रिलेशन को स्ट्रांग बनाना इजी होता है. एकदूसरे से बिना मन-मुटाओ के ज्यादा झगड़ा ना करते हुए खुश रह सकते हैं.
मौर्डन जनरेशन को पसंद ये ट्रेंड्स
आज के समय की मौर्डन जनरेशन को DADT ट्रेंड्स बहुत पसंद आ रहें हैं और वह इस तरह के ट्रेंड्स को बहुत जल्दी अपनाना चाहती हैं. क्योंकि इसका कनेक्शन कोम्प्रोमाईज और प्राइवेसी से है. जिसकी जरूरत आज के समय में रिलेशनशिप में सबसे ज्यादा पड़ती है. इस कोम्प्रोमाईज के अंदर कपल्स डिसाइड करते हैं कि एक- दूसरे की पर्सनल लाइफ के कुछ पार्ट्स के बारे में बात नहीं करेंगे. वे एक-दूसरे से ये नही पूछेंगे की किसके साथ अपना टाइम स्पेंड कर रहें हैं और किसके साथ रोमांटिक रिश्ते में हैं. उन्हें अपने रिलेशन में पर्सनल स्पेस भी चाहिए. DADT में कोम्प्रोमाईज करके एकदूसरे की प्राइवेसी की इज्जत करते हैं और ओपन रिलेशनशिप बनाए रखते हैं.
ना कुछ पूछो ना कुछ बताओ
कुछ कपल ऐसे भी होते हैं जो अपने रिलेशन में कुछ भी क्लियर नहीं रखना चाहते हैं. वो एक दूसरे की पर्सनल लाइफ में दखल नहीं देते हैं. ना कुछ पूछना, ना ही कुछ बताना, इसी को ‘डोंट आस्क, डोंट टेल’ कहते हैं. इस तरह के कपल्स का मानना हैं कि ऐसा करके एक-दूसरे की फ्रीडम और रिलेशन को भी बचा सकते हैं और ऐसा करके वो ट्रांसपेरेंसी से ज्यादा प्राइवेसी और रिलेशन की खुशी को इम्पोर्टेन्स देते हैं. ताकि उनके बीच इसको लेकर झगड़ा ना हो. रिश्ते में शांति बने रहे. इसलिए एक दूसरे पर किसी तरह का दबाव नहीं डालते हैं. तभी वो एक दूसरे से खुलकर बात कर पाते हैं.
सोच एक जैसी होना जरुरी
हालांकि हर किसी को यह ट्रेंड पसंद नहीं आता है. इस ट्रेंड को फौलो करने के लिए पार्टनर की सोच एक जैसी होनी चाहिए. आमतौर पर माना जाता है कि अगर कपल की आदतें एकदूसरे से मिलती जुलती है, तो उनका रिलेशन ज्यादा स्ट्रांग होता है. क्योंकि समान इंट्रेस्ट होने के कारण झगड़े होने के चांस कम होते हैं. हालांकि, सेम पर्सनैलिटी होना रिलेशनशिप को सफल बनाए इसकी कोई गैरंटी नहीं है. एक अच्छा लाइफ पार्टनर अपने पार्टनर की सोच, विचार, पर्सनल स्पेस, करियर, सपने आदि की इज्जत करता है. वे ओपन माइंडेड होते हैं और उन्हें दुनिया से अधिक अपने पार्टनर की फिक्र होती है. वे अपने पार्टनर को लेकर जजमेंटल नहीं होते.