Star Kids : हिन्दी सिनेमा में इन दिनों स्टार किड्बौलीवुड में Star Kids के फ्लौप होने की क्या है वजहस के लॉन्च होने के दिन चल रहे हैं. एक के बाद एक स्टार किड की फिल्में आ रही है, लेकिन दर्शकों को इनमें से एक भी पसंद नहीं आ रहा है. इन सबको देख दर्शक यही कह रहे हैं कि इन्हें अभी एक्टिंग की क्लास लेने की सख्त जरूरत है या इनके जींस में ऐक्टिंग नहीं है.
एक्टिंग नहीं आती
हाल ही में श्रीदेवी की बेटी खुशी कपूर और सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान की फिल्म नादानियां रिलीज हुई है. इस फिल्म को काफी ट्रोल भी किया जा रहा है, क्योंकि दर्शकों को स्टारकिड्स की एक्टिंग पसंद नहीं आ रही है, ऐसा पहली बार नहीं है जब लोगों ने स्टारकिड्स को दोबारा सीखने की सलाह दी हो. खुशी-इब्राहिम से पहले इन स्टारकिड्स की एक्टिंग को फैंस ने पसंद नहीं किया था. खुशी की एक्टिंग देख लोगों ने अपना सिर पकड़ लिया और कह रहे हैं कि इन्हें अभी सीखने की काफी जरूरत है.
इस शृंखला में अगर श्री देवी की बड़ी बेटी जान्हवी कपूर की बात की जाए, तो उनकी फिल्में ही या वेब सीरीज कुछ भी नहीं चली. दर्शकों ने उन्हें ऐक्टिंग न कर कुछ दूसरा कैरियर चुनने का सलाह दिया. आज जान्हवी फिल्मों से अधिक विज्ञापनों में दिखाई पड़ती है.
फिल्म मेकर शेखर कपूर की बेटी कावेरी कपूर ने फिल्म बौबी और ऋषि की लव स्टोरी से डेब्यू किया, लेकिन फिल्म नहीं चली, क्योंकि ऐक्टिंग सही नहीं थी, दर्शकों ने फिल्म को नकार दिया. हालांकि अभी कावेरी कपूर की फिल्म मासूम 2 आने वाली है, जिसे शेखर कपूर खुद बना रहे है. सबकी नजर उस फिल्म पर टिकी है.
लिजेंड आए प्रमोशन पर
इब्राहिम अली खान ने हाल ही में फिल्म ‘नादानियां’ से डेब्यू किया. यह उनकी पहली फिल्म रही. इब्राहिम ने इस फिल्म के लिए मेहनत तो बहुत की है, लेकिन अभिनय करने वाले ही दोनों ही नादान दिखें. फिल्म को आधा घंटा भी बैठकर देखना संभव नहीं था. इस फिल्म के प्रमोशन के लिए प्रसिद्ध अभिनेत्री रेखा को भी मंच पर लाया गया, लेकिन फिल्म की कहानी और उसे निभाने वाले का काम किसी को पसंद नहीं आया. पर्दे पर खुशी कपूर के साथ उनकी जोड़ी लोगों को रास नहीं आई.
सहायक निर्देशक से अभिनेता बने आमिर खान के बेटे जुनैद खान की जब पहली फिल्म महाराज आई थी, तब उन्हें इस फिल्म के लिए सराहना मिली थी, लेकिन जब वह फिल्म लवयापा में दिखाई दिए, तो लोगों को इनकी एक्टिंग एकदम बकवास लगी. हालांकि इस फिल्म की प्रमोशन के लिए पिता और अभिनेता आमिर खान हर जगह डटे रहे, लेकिन फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई.
वर्कशौप किये, रिजल्ट नहीं
बात सुहाना खान की करें तो ‘द आर्चिज’ से सुहाना खान ने डेब्यू किया था. निर्देशक जोया अख्तर ने सभी स्टार किड्स को काफी वर्कशॉप भी कराया, लेकिन किसी की भी एक्टिंग दर्शकों को पसंद नहीं आई. इस फिल्म में सुहाना को भी काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद लोगों ने कहा था कि इन्हें अभी और सीखने की जरूरत है, ताकि अगली फिल्म में अच्छा काम कर सकें. हालांकि सुहाना खान अब जल्द ही किंग में नजर आने वाली है उसपर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं.
सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान ने बेशक से बौलीवुड में अपने पैर जमा लिए हों, लेकिन आज भी लोग उनकी एक्टिंग को बकवास और ओवरएक्टिंग ही कहते हैं. फिल्म लव आजकल 2 के लिए उन्हें काफी ट्रोल भी किया गया था.
सुनील शेट्टी की बेटी अथिया ने पूरी तैयारी के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उनकी पहली फिल्म हीरो फ्लौप हुई थी. उसके बाद वह एक आध फिल्मों में ही दिखाई दीं थी. हालांकि उनकी एक्टिंग को लोगों ने खराब बताया था. ये अच्छा हुआ कि उन्होंने क्रिकेटर के एल राहुल से शादी कर घर बसा लिया और अब एक बेटी की मां बनी है.
फिल्म इंडस्ट्री है व्यवसाय
ये सही है कि इन फिल्म सेलिब्रिटी के बच्चों को फिल्मों में काम मिलना आसान होता है, लेकिन उन्हे ऐक्टिंग के द्वारा ही प्रूव करना पड़ता है कि वे एक प्रतिभाशाली कलाकार है, नहीं तो उनकी फिल्में नहीं चलती. दर्शक उन्हे सिरे से नकार देते है. इससे फिल्ममेकर को घाटे का सामना करना पड़ता है. देखा जाए तो ये एक व्यवसाय है, जहां घाटा किसी को रास नहीं आती.
अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा है कि स्टार किड्स को फिल्मों में सफलता हासिल करना आसान नहीं होता, दर्शक उन पर कड़ी नजर रखते है, उन्हे किसी प्रकार की छूट नहीं मिलती. अभिनेत्री आलिया भट्ट ने भी कहा है कि काम का अवसर यहाँ आसानी से मिलता है, लेकिन प्रूव करना पड़ता है कि आप एक प्रतिभावान कलाकार है, नहीं तो गालियां मिलती है. इसके लिए मेहनत बहुत करनी पड़ती है.
मेहनत से मिली कामयाबी
फिल्ममेकर कारण जौहर ने आज से 12 साल पहले जब नई आलिया भट्ट को लेकर फिल्म स्टूडेंट औफ द ईयर बनाई थी, तो स्टार किड आलिया को कम ही लोगों ने संजीदगी से लिया. उनके बारे में लिखा गया था कि आलिया भट्ट के पास एक्टिंग स्किल नहीं है और न ही स्क्रीन प्रेज़ेंस. केवल आलिया की क्यूटनेस लोगों को पसंद आई थी. फिर साल 2014 में दो साल बाद ही आई फ़िल्म ‘हाइवे.’ फ़िल्म में एक अमीर, रसूखदार परिवार की लाडली बेटी वीरां (आलिया भट्ट) जिसका अपहरण हो जाता है. तीन लोगों का ख़ून कर चुका एक क़ातिल किडनैपर (रणदीप हुड्डा), हाइवे का लंबा सफ़र और एक लड़की, जो इस क़ैद भरे सफ़र में ख़ुद को और अपनी ज़िंदगी के सवालों के जवाब तलाशने लगती है, ऐसे में सामने आते हैं कई कड़वे सच. इस फिल्म में आलिया ने काफी अच्छा अभिनय किया और देखने वालों को यकीन ही नहीं हुआ कि दो सालों में शनाया से वीरां तक का आलिया भट्ट का कायाकल्प कैसे हो गया.
अंत में इतना कहना सही होगा कि फिल्ममेकर स्टार किड्स को मौका तभी दे जब वे उस भूमिका के लिए उपयुक्त हो, जिससे उनकी इमेज दर्शकों के आगे हास्यास्पद न हो और वे अपनी काबिलियत को समझ कर आगे बढ़ सकें. देश में प्रतिभावान कलाकारों की कमी नहीं है, कई अच्छेअच्छे कलाकार वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्मों में काम कर रहे है, उन्हे मौका दिया जाना चाहिए. फिल्ममेकर करण जौहर जैसी रिजिड मानसिकता लेकर अगर हिन्दी फिल्में बनाई जाएगी, तो हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री का खत्म होना स्वाभाविक है. फिल्म इंडस्ट्री के क्षेत्र में सभी को खुले दिल से स्वीकार करने पर ही शायद हिन्दी सिनेमा को बचाया जा सकता है.