जब आप किसी आइकोनिक इंडियन एसयूवी के नाम के बारे में सोचते हैं तो एक नाम सब से पहले आप के दिमाग में आता है और वह है महिंद्रा थार ऐक्सयूवी और स्कौर्पियो. इन दोनों गाडि़यों की समानता के बारे में अगर हम सोचें तो सहज ही रामकृपा अनंथन का नाम दिमाग में आता है. रामकृपा अनंथन एक मशहूर और सक्सैसफुल औटोमोबाइल डिजाइनर हैं. उन्होंने कई ऐसी गाडि़यों को डिजाइन किया है, जिन्हें खरीदने में लोग दिलचस्पी रखते हैं.
रामकृपा अनंथन ने स्कौर्पियो और एसयूवीएस से ले कर महिंद्रा थार के भी मौडल को डिजाइन किया है. महिंद्रा की ये सभी गडि़यां लोगों के बीच काफी पौपुलर हैं. वे इस समय रामकृपा अनंथन ओला इलैक्ट्रिक में हैं और इस कंपनी की डिजाइन हैड हैं. रामकृपा अनंथन ने 1997 से अपने कैरियर की शुरुआत की और इन 28 सालों में उन्होंने दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया.
रही चुनौतियां
पुरुषप्रधान इंडस्ट्री में रामकृपा अनंथन का टिके रहना आसान नहीं था. वे अपनी लगन, मेहनत और धैर्य के बल पर औटोमोबाइल के क्षेत्र में आज सभी महिलाओं के लिए रोल मौडल बनीं और देश में ही नहीं, पूरे विश्व में नाम कमाया.
रामकृपा अनंथन ने बिट्स पिलानी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इन्होंने आईआईटी बौंबे से डिजाइन प्रोग्राम में मास्टर्स भी किया है. पढ़ाई पूरी करने के बाद रामकृपा अनंथन ने महिंद्रा ऐंड महिंद्रा से ही अपने कैरियर की शुरुआत की थी. 1997 में इंटीरियर डिजाइनर की पोस्ट के लिए इन्हें कंपनी ने हायर किया था.
इंटीरियर डिजाइनर की पोस्ट पर आने के 8 साल बाद यानी 2005 में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में ही उन्हें डिजाइन डिपार्टमैंट का हैड बना दिया गया. डिजाइन डिपार्टमैंट की हैड बनने के बाद इन्होंने अपनी टीम के साथ मिल कर कई गाडि़यों की शानदार डिजाइनिंग की, जिन में थार, ऐक्सयूवी 700 और स्कौर्पियो के लिए 3 आइकोनिक डिजाइन को लोगों ने काफी पसंद किया.
पौपुलर गाडि़यों की बनाईं डिजाइन
रामकृपा अनंथन और उन की टीम की डिजाइन की हुई कारों की लिस्ट में बोलेरो, जायलो, महिंद्रा ऐक्सयूवी 700, स्कौर्पियो, महिंद्रा थार आदि कई पौपुलर गाडि़यों के नाम शामिल हैं. रामकृपा अनंथन ने औटो इंडस्ट्री की दुनिया में खूब नाम कमाया है.
मिली प्रेरणा
यह सही है कि हर व्यक्ति के जीवन में कुछ अलग अचीवमैंट के लिए किसी से प्रेरित होना आवश्यक होता है और यही बात रामकृपा के साथ भी लागू होती है. उन के जीवन में उन की प्रेरणास्रोत उन की मां रही हैं. उन्होंने कुछ समय पहले एक पोस्ट में अपनी मां के बारे में बताया कि उन की मां ने शादी के बाद अपनी पढ़ाई को पूरा किया. 3 बच्चों को अच्छे से पालने के साथसाथ ही उन की मां ने पीयूसी, बीए, एमए, बीएड की शिक्षा पूरी की और शिक्षिका बनीं. उन की मां ने 70 साल की उम्र में टीचिंग से रिटायर होने के बाद संस्कृत विषय में एक और मास्टर्स की डिगरी को हासिल किया. मां की ये सारी बातें उन्हें हमेशा किसी काम को करते रहने के लिए उत्साह बढ़ाती रहीं.
इस तरह रामकृपा अनंथन केवल एक औटोमोबाइल डिजाइनर ही नहीं बल्कि एक विलक्षण प्रतिभा की धनी है, जिन्होंने इंडियन औटोमोबाइल के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ी है. यही नहीं एक सफल महिला इंजीनियर और डिजाइनर होने के नाते वे युवा महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने जो कुछ हासिल किया है वह युवाओं खासकर लड़कियों के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है.