Tgae Rita : टैगे रीता ताखे का जन्म अरुणाचल प्रदेश की जीरो घाटी में हुआ था. अपातानी जनजाति से आने वाली टैगे रीता ने ‘नौर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट औफ साइंस ऐंड टैक्नोलौजी,’ निरजुली, अरुणाचल प्रदेश से कृषि इंजीनियर की डिगरी हासिल की है. कैरियर की शुरुआत एक कृषि इंजीनियर के रूप में करने वाली टैगे रीता जल्द ही बहुत बड़ी उद्यमी बन गईं.
टैगे रीता भारत की पहली जैविक कीवी वाइन ब्रैंड ‘नारा आबा’ की संस्थापक हैं. अक्तूबर, 2017 में उन्होंने अपने दिवंगत ससुर के नाम पर नारा आबा वाइन कंपनी की शुरुआत की जो अरुणाचल प्रदेश में जीरो कंपनी हांग गांव में स्थित एक भारतीय निजी कंपनी है. यह कंपनी देश की पहली और्गेनिक कीवी वाइन बनाने के लिए प्रसिद्ध है.
दुनियाभर में मशहूर
जीरो घाटी जो अपनी उपजाऊ मिट्टी और सुरम्य दृश्यों के लिए जानी जाती है, रीता ने वहां कृषि के प्रति अपने जनून को वाइन उद्योग में लगा कर इसे एक अग्रणी व्यवसाय में बदल दिया. जीरो घाटी में कीवी बहुतायत में पैदा होता है. लिहाजा, कीवी वाइन के लिए बाहर से कुछ लाने की जरूरत रीता को नहीं पड़ी और जल्द ही उन की बनाई कीवी वाइन दुनियाभर में मशहूर हो गई.
इस वाइन की सही प्रक्रिया और सही मिश्रण तैयार करने में टैगे रीता ने 6 साल शोध किया और योजनाबद्ध तरीके से काम की शुरुआत की. वाइन की दुनिया में एक महिला का होना और वह भी इतना सफल होना वाकई आश्चर्यजनक था. प्रारंभ में 20 हजार लिटर की क्षमता वाली उन की वाइनरी ने अब 60,000 लिटर वाइन का उत्पादन करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, जिस से अपने उद्घाटन वर्ष में 300 किसानों को सहायता मिल रही है.
इस वाइन का स्वाद 6 से 8 डिगरी सैल्सियस के बीच सब से अच्छा लगता है तथा इसे पीसने से ले कर बोतलबंद करने तक 4 महीने का समय लगता है. रीता की उपलब्धियां वाइन उत्पादन के क्षेत्र से भी आगे निकल चुकी हैं.
उल्लेखनीय सफलता
टैगे की उल्लेखनीय सफलता की कहानी ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए हैं, जिन में संयुक्त राष्ट्र और नीति आयोग द्वारा 2018 में ‘महिला भारत परिवर्तन पुरस्कार’ और 2022 में प्रतिष्ठित ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ शामिल हैं.
टैगे रीता की कंपनी एक महत्त्वपूर्ण नियोक्ता के रूप में भी उभरी है जो 25 नियमित कर्मचारियों के अलावा 100 मौसमी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराती है. नारा आबा ब्रैंड की वित्तीय सफलता जो 12 करोड़ रुपए का राजस्व उत्पन्न करती है, रीता की उद्यमशीलता कौशल का प्रमाण है. उन का प्रभाव न केवल व्यापार जगत में बल्कि महत्त्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए प्रेरणा के रूप में भी गूंज रहा है तथा वे इस क्षेत्र में टिकाऊ कृषि के लिए एक प्रकाश स्तंभ हैं.
महिलाएं अपनी ताकत पहचानें
रीता गृहशोभा इंस्पायर अवार्ड की बिजनैस लीडरशिप अचीवर कैटेगरी की विजेता बन कर काफी उत्साहित हैं. उन का मानना है कि यह अवार्ड उन्हें आगे बढ़ने के लिए इंस्पायर करता रहेगा. रीता ने अपने काम से यह साबित कर दिया कि काम की ऐसी कोई फील्ड नहीं जहां महिलाएं पुरुषों की बराबरी के काम नहीं कर सकतीं. महिलाओं को अपनी ताकत को पहचानना है और सामाजिक बंधनों को तोड़ना है फिर दुनिया की कोई ताकत उन्हें उन की मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती.