Tillotama Shome : बौलीवुड में जहां नित नए सितारे उदित होते हैं और गायब हो जाते हैं वहां लगातार 25 वर्षों से कायम रहना एक बड़ी उपलब्धि है. बौलीवुड में अपने अभिनय के दम पर ही तिलोत्तमा अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहीं, साथ ही उन्होंने फिल्मफेयर समेत कई पुरस्कार भी जीते. तिलोत्तमा शोम का जन्म कोलकाता में हुआ. उन के पिता अनुपम शोम भारतीय वायु सेना में थे.

आज तिलोत्तमा शोम एक जानीमानी अभिनेत्री के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं. उन्होंने मीरा नायर की फिल्म ‘मानसून वैडिंग’ (2001) में सहायक भूमिका निभाई थी. इसी फिल्म के साथ शोम ने फिल्मों में अभिनय की शुरुआत की थी. 2003 ‘तितली,’ 2004 ‘समय की छाया,’ 2009 ‘बूंद’, ‘ताली’ 2010, 2012 ‘शंघाई,’ 2013 ‘साहसी छोरी,’ 2014 ‘पत्र,’ ‘नयनतारा का हार’ 2015, 2016 ‘बुधिया सिंह- बौर्न टू रन,’ 2017 ‘गंज में एक मौत,’ 2018 ‘मंटो,’ 2019 ‘राहगीर,’ 2020 ‘धीत पतंगे,’ 2023 ‘लस्ट स्टोरीज 2,’ ‘दर्पण’ 2024, 2025 ‘शैडोबौक्स’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय की छाप छोड़ी है.

टीवी और ओटीटी से फिल्मों तक

तिलोत्तमा शोम ने ड्रामा फिल्म ‘सर’ (2018) में एक हाउस वाइफ की मुख्य भूमिका निभाने के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड जीता. फिल्मों के अलावा टैलीविजन और ओटीटी प्लेटफौर्म पर भी शोम ने बेहतरीन काम किया है. ‘ए डैथ इन द गंज’ (2017) और ‘लस्ट स्टोरीज 2’ (2023) के साथसाथ टैलीविजन सीरीज दिल्ली क्राइम (2022), ‘द नाइट मैनेजर’ (2023) और ‘पाताल लोक’ (2025) जैसी लोकप्रिय सीरीज के जरीए तिलोत्तमा शोम ने टैलीविजन पर गहरी छाप छोड़ी है.

शोम दिल्ली के लेडी श्री राम कालेज से पढ़ी हैं और अभिनय में दिलचस्पी के कारण उन्होंने अरविंद गौड़ के अस्मिता थिएटर ग्रुप को जौइन किया था. तिलोत्तमा शोम न्यूयौर्क यूनिवर्सिटी थिएटर में मास्टर प्रोग्राम के लिए न्यूयौर्क चली गईं और इस बीच उन्हें एक अमेरिकी जेल में हत्या के दोषियों को थिएटर सिखाने का मौका भी मिला. तिलोत्तमा के लिए यह जिंदगी का सब से हैरतअंगेज अनुभव साबित हुआ. मास्टर्स करने के बाद

वे मुंबई लौटीं और अभिनय में गहरी रुचि के कारण बौलीवुड का हिस्सा हो गईं.

काम को मिली पहचान

2018 में तिलोत्तमा की फिल्म ‘गंज में एक मौत’ फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए मनोनीत हुई.  2021 में तिलोत्तमा ने ‘महोदय’ में निभाई अपनी भूमिका के लिए बैस्ट ऐक्ट्रैस (क्रिटिक्स) का अवार्ड जीता. 2023 में ‘द नाइट मैनेजर’ के लिए उन्होंने फिल्मफेयर ओटीटी पुरस्कार जीता और 2023 में दिल्ली क्राइम के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री मनोनीत हुईं.

बौलीवुड में नैपोटिज्म एक कड़वी सचाई है. इस के चलते कई नए और बेहतरीन कलाकार वर्षों तक स्ट्रगल करते रह जाते हैं और जिन लोगों की फिल्मी बैकग्राउंड होती है वे बिना स्ट्रगल के ही मौका पा जाते हैं. फिल्मी जगत से तिलोत्तमा का दूरदूर तक कोई नाता नहीं था. उन्होंने बौलीवुड में जो भी कामयाबी हासिल की है वह उन्हें अपनी काबिलीयत के बल पर मिली है.

आज तिलोत्तमा अपनी मेहनत के बल पर उस मुकाम तक पहुंची हैं जहां से वे भविष्य की नारी के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई हैं. तिलोत्तमा महिलाओं के लिए एक इंस्पिरेशन हैं इसलिए गृहशोभा ने उन्हें ‘इंस्पायर अवार्ड’ के लिए चुना. तिलोत्तमा अपने इस अवार्ड को अपने लिए मोटीवेशन मानती हैं.

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