वह जमाना गया जब मांएं घर का कामकाज और बच्चों की देखरेख ही करती थीं. जैसेजैसे टाइम ऐडवांस होता जा रहा है, वैसेवैसे ही मांएं भी सुपर ऐडवांस होती जा रही हैं. खुद को प्रोफैशनली स्टैंड करने के साथसाथ आज की मांएं अपने लुक्स में भी चेंज ला रही हैं. आज हर मां अपनी उम्र से यंग दिखना चाहती है. ऐसी ही सुपर मौम्स के लिए पेश हैं, कुछ खास ग्रूमिंग व मेकअप टिप्स, जिन पर गौर फरमा कर न केवल खूबसूरत, बल्कि यंग भी दिखेंगी:
फेस मेकअप
मेकअप की परफैक्ट शुरुआत के लिए सब से पहले फेस पर प्राइमर का इस्तेमाल करें. इस के अंदर सिलिकौन होता है, जो चेहरे की फाइन लाइंस व रिंकल्स वाली जगह को भर देता है. चूंकि मेकअप करने के बाद ऐजिंग साइन ज्यादा दिखाई देते हैं, इसलिए उन्हें मेकअप से पहले फिल करना जरूरी है. डीडी यानी डैमेज डिफाइंग क्रीम से चेहरे को स्मूद टैक्सचर दें. इस क्रीम में शामिल विटामिन और मिनरल्स स्किन को रिंकल्स से बचाते हैं अगर चेहरे पर कोई मार्क्स या स्कार्स है, तो उसे लिक्विड कंसीलर की मदद से कवर करें. आई मेकअप से पहले चेहरे पर लूज पाउडर लगा कर फेस मेकअप फिक्स करें. फेस के फीचर्स को हाइड नहीं, बल्कि हाईलाइट करें. इस के लिए चीकबोंस के ऊपर, आईब्रोज के नीचे और ब्रिज औफ द नोज पर हाईलाइटर का इस्तेमाल करें और चीकबोंस पर क्रीम बेस्ड ब्लशऔन लगाएं. यह स्किन को हाइड्रेट तो करेगा ही, साथ ही मेकअप पर ग्लो भी लाएगा.
ब्यूटी रेजीम
स्किन की इलास्टिसिटी और फ्लैक्सिबिलिटी को बनाए रखने के लिए 2-3 माह में 1 बार कोलोजन मास्क जरूर लगवाएं. यह त्वचा में कसाव लाता है और उसे साइन औफ ऐजिंग के प्रभाव से भी बचाता है. रात को चेहरा धोने के बाद एएचए क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें. इस उम्र में लगभग 20 से 25 दिनों के अंतराल पर अपनी स्किन के मुताबिक फेशियल जरूर लें. 40 साल की उम्र के बाद त्वचा में नमी की कमी होने लगती है, इसलिए इस उम्र में मौइश्चराइजर बेस्ड ब्यूटी व स्किन केयर प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें. घरेलू उपाय के तौर पर चिरौंजी को कुछ देर दूध में भिगो कर फिर दरदरा पीस लें. अब इस पेस्ट में 1/2 चम्मच मुलतानी मिट्टी और 1/2 चम्मच चंदन पाउडर मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद चेहरे को धो लें. यह एक अच्छा नरिशिंग पैक है. इस से त्वचा में चमक एवं ताजगी आ जाएगी.
बेसिक रूल्स फौर मेकअप
यों तो रूल्स को फौलो करने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन उम्र के अनुसार मेकअप रूल्स अपनाने के तरीके जरूर बदल जाते हैं. 40 साल की उम्र के बाद त्वचा अधिकतर ड्राई होने लगती है, इसलिए क्लींजिंग के लिए केवल नरिशिंग क्लींजिंग मिल्क या फिर क्लीजिंग क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए. क्लींजिंग क्रीम त्वचा को रूखा किए बिना गहराई तक क्लीन करेगी. बढ़ती उम्र की निशानियों में बेहद कौमन समस्या है ओपन पोर्स. समय के साथ पोर्स बढ़ जाते हैं. इन पोर्स को मिनिमाइज करने के लिए क्लींजिंग के बाद टोनिंग जरूर करें. मौइश्चर की कमी से चेहरे पर रिंकल्स दिखाई दे सकती हैं, इसलिए स्किन पर मौइश्चराइजर की परत जरूर लगाएं. सूर्य की हानिकारक किरणें न केवल त्वचा को टैन्ड करती हैं, बल्कि उन में उपस्थित यूवीए रेज से त्वचा में झुर्रियां, ब्राउन स्पौट्स आदि भी दिखाई देने लगते हैं. इसलिए धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लगा कर स्किन को इन रेज से प्रोटैक्ट करें.
आई मेकअप
आई मेकअप के लिए शिमर, ग्लिटर्स और बहुत ज्यादा लाउड शेड्स का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इन से रिंकल्स और भी ज्यादा रिफलैक्ट होती हैं. आईशैडो के लिए सौफ्ट पेस्टल शेड्स का इस्तेमाल कर सकती हैं. त्वचा में कुदरती नमी और लचीलेपन में कमी आने के कारण आंखें पहले से थोड़ी छोटी हो जाती हैं. ऐसे में लिक्विड आईलाइनर के बजाय पैंसिल आईलाइनर या फिर आईलैश जौइनर का इस्तेमाल करना ठीक रहता है. आईलाइनर की एक पतली लाइन लगा कर स्मज कर लें और ध्यान रखें कि वह ड्रूपिंग न हो, बल्कि ऊपर की ओर उठी हुई हो.
एक उम्र के बाद आईब्रोज नीचे की तरफ झुकने और हलकी होने लगती हैं. ऐसी आंखों को उठाने के लिए आईपैंसिल की मदद से आर्क बना लें और अगर आर्क बना हुआ है, तो उसे पैंसिल से डार्क कर लें. इस से आंखें उठी हुई और बड़ी नजर आएंगी. आईलैशेज पर वौल्यूमाइजिंग मसकारे का डबल कोट जरूर लगाएं. इस उम्र तक आतेआते लगभग सभी की आंखें छोटी होने लगती हैं, इसलिए वाटरलाइन पर व्हाइट पैंसिल लगाएं, क्योंकि इस से आंखें बड़ी नजर आती हैं. हां, चाहें तो लोअरलिड पर ब्लैक लाइनर भी लगा सकती हैं.
लिप मेकअप
होंठों पर ब्राइट शेड की लिपस्टिक लगा कर ज्याद यंग दिख सकती हैं. यदि आप के होंठ पतले हो गए हैं, तो उन्हें ब्राइट शेड के लिपलाइनर से आउटलाइन करें और लिप प्लंपर का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से लिप्स पौउटी नजर आएंगे. इस के बाद लिपलाइनर से मैच करती ब्राइट शेड की लिपस्टिक से लिप्स को फिल करें.
– भारती तनेजा डायरैक्टर औफ एल्पस ब्यूटी क्लीनिक ऐंड ऐकैडमी