लगातारप्रगति के पथ पर अग्रसर छत्तीसगढ़ रोज विकास के नए आयाम छू रहा है:
नए जिलों का गठन
स्वतंत्रता दिवस 2011 की सौगात. राज्य में 9 नए जिलों, सुकमा, कोण्डागांव, गरियाबंद, बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, बलरामपुर, सूरजपुर और मुंगेली का गठन. ये नये जिले जनवरी 2012 से अस्तित्व में आ गए. इन 9 नए जिलों को मिला कर राज्य में वर्ष 2007 से अब तक 11 नये जिलों का गठन. वर्ष 2007 में बीजापुर और नारायणपुर को जिला बनाया गया था. अब छत्तीसगढ़ में जिलों की संख्या 27 हो गई है.
बिजली के क्षेत्र में शानदार कामयाबी
जनवरी 2008 से राज्य में बिजली कटौती खत्म. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चौबीसों घंटे लगातार बिजली आपूर्ति करने वाला पहला राज्य छत्तीसगढ़. हमारे यहां विगत 10 वर्षो में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत में 500 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2009-10 में राज्य में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत 1547 यूनिट दर्ज की गई. लोक सभा में केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री के. वेणु गोपाल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से विभिन्न राज्यों में बिजली की खपत की ताजा तसवीर स्पष्ट हुई है. गोवा 2,263 यूनिट के साथ पहले स्थान पर, गुजरात 1,615 यूनिट के साथ दूसरे स्थान पर और छत्तीसगढ़ 1,547 यूनिट प्रति व्यक्ति विद्युत खपत के साथ तीसरे स्थान पर है. किसानों को 3 हौर्स पावर तक के सिंचाई पम्पों के लिए सालाना 6 हजार यूनिट बिजलीऔर 3 से 5 हौर्स पावर तक के सिंचाई पम्पों को 7 सात हजार यूनिट बिजली नि:शुल्क. किसानों को मीटर किराया, फिक्स्ड चार्जेस और विद्युत शुल्क आदि के भुगतान में छूट. राज्य में सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण को शानदार सफलता. राज्य निर्माण से पहले छत्तीसगढ़ में विद्युतीकृत सिंचाई पम्पों की संख्या केवल 72 हजार के आसपास थी, जबकि आज यह संख्या 2 लाख 90 हजार को भी पार कर गई है.
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