फैस्टिवल सीजन खुशी भरा माहौल लाता है. ऐसे में कारपोरेट वर्ल्ड भी इस माहौल को और खुशनुमा बना कर अपने बिजनैस को बढ़ाना चाहता है. फैस्टिवल के इस सीजन में सब से अधिक खरीदारी मकानों, फ्लैटों और कारों की होती है. कारपोरेट वर्ल्ड ज्यादातर 30 से 40 साल की आयु के लोगों को सामने रख कर अपनी योजनाएं बनाता है. ये लोग अपनी घरगृहस्थी को सजाना चाहते हैं. नौकरीपेशा ऐसे लोगों के पास एकमुश्त देने के लिए पैसा नहीं होता. ऐसे में वे छोटीबड़ी बहुत सारी चीजों को ईएमआई यानी ईजी मंथली इंस्टालमैंट पर लेते हैं. बिजनैस करने वाले दीवाली में अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए दीवाली में ऐसे औफर ले कर आते हैं. 20 से 30 हजार के सामान में कई बार ब्याज माफ कर दिया जाता है. केवल कारपोरेट वर्ल्ड ही नहीं, बैंक भी ऐसे अवसरों का लाभ उठाने के लिए मकान और फ्लैट की ईएमआई सस्ती कर देते हैं. कुछ अपनी लोन की ब्याज दर में कमी करते हैं तो कुछ प्रोसैसिंग फीस जीरो कर देते हैं.
रिजर्व बैंक औफ इंडिया ने दीवाली के पहले ही देश के सभी बैंकों से कहा है कि वे अपने होम लोन पर ब्याज दर कम करें. इस से उन लोगों को राहत मिलेगी जो 20 से 30 लाख की कीमत में मकान तलाश रहे हैं. रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि जहां होम लोन के मामले में लोन मूल्य अनुपात (एलटीवी) 80% होगा, वहीं 75 लाख से ऊपर के मकान में यह 75% होगा. रिजर्व बैंक के इस आदेश के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बैंक नीतिगत ब्याज दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देंगे. रिजर्व बैंक 1.25 फीसदी नीतिगत दर से ब्याज घटा चुका है. मौजूदा समय में रिजर्व बैंक ने बैंकों से 0.65 फीसदी ब्याज घटवाया है. रिजर्व बैंक मान रहा है कि बैंक ग्राहकों से अभी भी ज्यादा पैसा वसूल रहे हैं. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि इस दीवाली होम लोन और उस की ईएमआई को ले कर बैंक नए औफर दे सकते हैं.
कार लोन के औफर को समझें
5 लाख से ऊपर की कीमत वाली कारों के महंगे होने से उन की ईएमआई में भी बदलाव हो सकता है. ऐसे में दीवाली में कार लोन की ईएमआई लेने से पहले ठीक से जांचपरख कर लें. होम लोन के बाद सब से ज्यादा ईएमआई कार लोन पर ही ली जाती है. कार बेचने वाले डीलर इस बात को समझते हैं. वे फैस्टिवल औफर में कुछ ऐसी घोषणा करते हैं, जिन से महंगी होने के बाद भी कार खरीदना आम आदमी की जेब पर बोझ न बने. बाजार के जानकार मानते हैं कि बढ़ती महंगाई त्योहारों का मजा किरकिरा कर देगी, इसलिए तमाम तरह के दूसरे सामान जैसे एसी, महंगे मोबाइल, फ्रिज, फर्नीचर, एलईडी टीवी, कंप्यूटर और लैपटौप पर भी ईएमआई ली जाएगी. बाजार के जानकार मानते हैं कि अब लोगों के पास बचत कर सामान खरीदने का समय नहीं रह गया है. अब लोग सामान खरीद कर किश्तों में उस की कीमत चुकाने की नीति पर चल रहे हैं. ऐसे में ईएमआई सब से जरूरी हो जाती है. सामान बेचने वाली कंपनियों ने भी ईएमआई को सुलभ बनाने का काम शुरू कर दिया है. फैस्टिवल के समय ऐसे बहुत सारे औफर प्रचार में लाए जाते हैं.
एसोचैम के डायरैक्टर जनरल डीएस रावत मानते हैं कि महंगाई बढ़ने से लोगों में सामान की खरीदारी करने की प्रवृत्ति कम होगी, जिस का नुकसान कंपनियों को उठाना पड़ेगा. बढ़ती महंगाई कंपनियों और बाजार दोनों को नुकसान करेगी. इस नुकसान को रोकने में ईएमआई सब से अहम रोल अदा कर सकती है. ईएमआई के जरीए बिना पूरा पैसा दिए सामान को घर ले जाया जा सकता है, जिस से त्योहार का मजा भी आएगा और जेब पर भी बोझ कम पड़ेगा.
लुभावने औफर
फैस्टिवल सीजन में ग्राहकों को लुभाने के लिए टीवी, फ्रिज और माइक्रोवेव ओवन बनाने वाली कंपनियों ने जोरदार प्रचारप्रसार की योजना बनाई है. इन्हें पूरी उम्मीद है कि बढ़ती महंगाई के बाद भी दीवाली में 30 फीसदी से ज्यादा टीवी और फ्रिज बिकेंगे. इस के लिए इन उत्पादों को बनाने वाली एलजी, पैनासोनिक और सैमसंग जैसी कंपनियां नई प्रचार नीतियां ले कर बाजार में आएंगी. इन में सभी का फोकस ईएमआई पर होगा. वे ईएमआई को सरल बनाने की सोच रही हैं. इस में ग्राहकों को बिना अतिरक्त ब्याज के या कम से कम ब्याज पर 1 साल या कम समय में ही कीमत चुकाने का औफर दिया जाएगा. ग्राहक से केवल एक फार्म भरवा कर किश्तों के पोस्ट डेटेड चैक ले लिए जाएंगे. पैनासोनिक इंडिया ने केवल भारत के फैस्टिवल सीजन में मार्केटिंग गतिविधियों के लिए 90 करोड़ का बजट रखा है. इस तरह के औफर दूसरी कंपनियों के भी होंगे. इलैक्ट्रौनिक बाजार में एलईडी टीवी, स्मार्ट टीवी, डबलडोर फ्रिज और जैट स्प्रे वाशिंग मशीन जैसी घरेलू जरूरत की चीजें शामिल हैं. कुकिंग रेंज भी इसी तरह के औफर के साथ बाजार में अपनी जगह बनाएगी.
आज बाजार का रूप बदल गया है. अब महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए औफर योजनाओं की भरमार होगी. इन औफर्स में कपड़े, किचन का सामान, खानेपीने का सामान, उपहार देने का सामान सब कुछ नए औफर के साथ मौल्स में बिकेगा. ग्राहकों को बाजार से मौल्स तक लाने में औफर की सब से अहम भूमिका होती है. मौल्स में तमाम तरह के औफर मिलते हैं. इन में कई तरह की छूट तो शामिल होती ही है, कई बार निश्चित रकम तक की खरीदारी करने वाले ग्राहक को बिल में छूट और कोई उपहार भी दिया जाता है. एक ही जगह बहुत सारी वैराइटी होने की वजह से मौल्स में खरीदारी करना ग्राहकों के लिए सुविधाजनक होता है. महंगाई के दौर में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए औफर किसी हथियार की ही तरह प्रयोग किए जाते हैं. समझदारी के साथ औफर का लाभ ले कर ग्राहक अपनी जेब का बोझ हलका कर सकते हैं. इस से उन की फैस्टिवल की जरूरतें पूरी हो सकेंगी.