गर्भवती महिलाएं आम तौर पर सामान्य दवाओं से बचने की कोशिश करती हैं, लेकिन एक नए अध्ययन में पता चला है कि इलाज न होने पर अगर एक छोटी सी समस्या गंभीर रूप ले लेती हैं, तो यह मां और बच्चा दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगिल्या (यूएई) ने इस अध्ययन के लिए 1,120 महिलाओं पर सर्वेक्षण किया. इस दौरान महिलाओं से गर्भावस्था के दौरान सामान्य तकलीफों जैसे मिचली आना, सीने में जलन, कब्ज, जुकाम, मूत्र मार्ग में संक्रमण, गर्दन, सिर दर्द और नींद की समस्याओं संबंधित सवाल पूछे थे.
अध्ययन में यह बात सामने आई कि कुल महिलाओं में से लगभग एक तिहाई महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान विभिन्न तकलीफों में दवाओं के सेवन से परहेज किया. उन्होंने आमतौर पर बिना चिकित्सीय परामर्श के इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामोल, इबूप्रोफेन, कफ और सर्दी से संबंधित दवाओं के सेवन से भी परहेज किया.
शोध के नेतृत्वकर्ता माइकल ट्विग के अनुसार वह पता लगाना चाहते थे कि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं दवाओं के जोखिमों और लाभों के बारे में क्या सोचती हैं.
ट्विग ने कहा, "शोध के दौरान हमने पाया कि महिलाओं की एक बड़ी संख्या गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल के सेवन को जोखिम समझती है. हालांकि यह बिलकुल सुरक्षित है. "
उन्होंने बताया, " इस अध्ययन में हमें सबसे अधिक चिंता की बात यह देखने को मिली कि कई महिलाएं मूत्र मार्ग में संक्रमण का अनुभव करने के दौरान भी दवाएं नहीं लेती हैं. अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है, यह जटिल होकर कई मां और भ्रूण दोनों को नुकसान पहुंचाता है.