कहा जाता है कि डॉक्टर और वकील से कुछ नहीं छिपाना चाहिए. क्योंकि इन्हें सच न बताना हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ये दोनों ऐसे व्यक्ति होते हैं जो हमारे हित के लिए हमेशा काम करते हैं. लेकिन आज के समय में इनसे हर बात छिपाई जाती है या फिर झूठ बोली जाती है. वकील के बारें में तो कुछ नहीं कह सकते हैं, लेकिन डॉक्टर्स से भरपूर मात्रा में झूठ बोला जाता है.

आपके द्वारा बताई गई बातें जाने-अनजाने में आपके लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन वह सब चीजें आपको मामूली लगती हैं. आमतौर में इन झूठ से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. अगर पड़ता है तो सिर्फ आपकी हेल्थ पर. जानिए ऐसे कौन से झूठ हैं जो आमतौर पर लोग डॉक्टर्स से बोलते हैं.

मेरा खाना पीना नार्मल है, ऑयली चीजों का सेवन कभी-कभार करते हैं

आमतौर पर यह झूठ सबसे आम झूठ है. यह हमारे इरादे में तो नहीं होता है, लेकिन यह गलतफहमी के कारण बोला जाता है. लोगों को अपने खानपान को लेकर हमेशा कंफ्यूजन होता है कि वह सही खा रहे हैं कि गलत. इसीलिए इसे डाक्टर को ही तय करने दीजिए कि आपकी सेहत के लिए क्या ठीक हैं और क्या गलत.

यह बीमारी मेरी पीढ़ी में किसी को नहीं

आनुवांशिक रोगों को लेकर डॉक्टर आमतौर में यह बात पूछते हैं, तो बहुत ही विश्वास के साथ यह उत्तर देते हैं कि हमारी पीढ़ी में यह बीमारी किसी को नहीं हुई है. लेकिन यह बात सच है कि कई लोगों को तो अपनी दादी का नाम भी पता नहीं होता है, तो उनकी बीमारी के बारें में उन्हें कैसे पता होता है. इसलिए जब तक आपको अपने पीढ़ी के बारें में पूरी तरह से पता न हो. तब तक ऐसा न बोले. नहीं तो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता हैं.

सिगरेट-शराब की लत नहीं है

अगर आप सिगरेट या शरीब का सेवन करते हैं, तो डॉक्टर को खुलकर बताएं, क्योंकि आपके बोलना आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. चाहे आपके लिए इसका मतलब दूसरा है लेकिन डॉक्टर्स के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बात है. आपका दिनभर में दो सिगरेट पीना आपके फेफड़ो के लिए काफी खतरनाकर साबित हो सकता है. इसलिए हर लत के बारें में जरुर बताएं.

दवाओं का सेवन मैंने नहीं किया

यह झूठ एक आम झूठ है. जो अधिकतर हम अपने डॉक्टर से बोलते है. आज के समय में भी हम लोग वैकल्पिक दवाएं अपनाते है. जिसके कारण बीमारी सही होने के बजाय और बढ़ जाती है. लेकिन जब डॉक्टर के पास जाते है तो साफ मुकर जाते है. लेकिन आप जानते है कि आपका झूठ बोलना आपके शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ध्यान रहें कि एलोपैथी हो या आयुर्वेद, कोई भी पद्धति साइढ इफेक्ट से रहित नहीं होती है. इसलिए किसी से भी इलाज कराएं. उसे आपके द्वारा सेवन की गई हर दवा के बारें में बता दें.

दिक्कत तो हाल में ही शुरु हुई है

हम ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि हमें कोई बीमारी होती है हम उसके लक्षणों को महीनों, सालों अनदेखी कर देते हैं और जब यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो डॉक्टर के पास जाते हैं. उसके द्वारा पूछे जाने पर हम यही जवाब देते हैं कि यह हाल में ही दिक्कत हुई हैं. अगर आप डॉक्टर को ठीक ढंग से नहीं बताएगे, तो वह उसकी गंभीरता को नहीं पहचान पाएंगा. जिसके कारण यह समस्या और बढ़ सकती है. साथ ही आपका समय भी बर्बाद हो सकता हैं.

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