बैंक के पास लोन लेने जाने पर बहुत सी परेशानियां सामने आती हैं. बैंक के हजार चक्कर काटने पड़ते हैं. हर बार पेपर वर्क से जुड़ी किसी न किसी चीज में कोई न कोई कमी रह जाती है. अगर लोन लेना है, तो पूरी तरह बैंक पर डिपैंड न रहें, बल्कि लोन लेने से पहले उस से संबंधित पूरा होमवर्क और पेपरवर्क आप पहले ही घर से कर के जाएं ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो.

स्टेट बैंक औफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर, एस के जैन बता रहे हैं कि लोन लेने के लिए आप को क्या करना होगा और किन बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.

पूरी इन्फौर्मेशन इकट्ठा करें

लोन लेने से पहले लोन से संबंधित सारी जानकारी पर एक बार गौर फरमा लें ताकि भविष्य में जब लोन वापस करना हो तो कोई दिक्कत न हो.

ब्याज का कंपैरिजन करें

सभी बैंकों में एक जैसा इंट्रैस्ट नहीं होता. सभी बैंकों की ब्याज दरों की तुलना कर लें कि कहां क्या रेट है. फिर जो आप को सब से कम और अपने हिसाब से सही लगे उसी बैंक में लोन के लिए अप्लाई करें.

लोन मिलने की समय सीमा

सब से पहले बैंक से बात कर के पता लगाएं कि लोन कितने समय में मिल जाएगा. कहीं ऐसा न हो कि लोन मिलने में इतना समय लग जाए कि कालेज में ऐडमिशन का समय निकल जाए.

रिपेमैंट टाइम का पता लगाएं

सभी बैंकों का लोन लौटाने का टाइम अलगअल होता है. उस के बारे में पता लगाएं. यह भी पता कर लें कि इंट्रैस्ट रेट फिक्स है कि नहीं, इंट्रैस्ट रेट के अलावा सर्विस टैक्स या अन्य किसी भी तरह का कोई चार्ज तो नहीं लग रहा है.

प्रोसैसिंग फीस का पता करें

बैंक लोन देते समय कई प्रक्रियाएं पूरी करते हैं. इन्हें पूरा करते समय आप को हर बार बैंक को कुछ न कुछ राशि का भुगतान करना पड़ता है. प्रोसैसिंग फीस, डौक्यूमैंट फीस व अन्य फीस भी लोन के समय चार्ज की जाती है. इन के बारे में जानकारी हासिल कर लें. कई बैंक लोन अमाउंट की

2% तक प्रोसैसिंग फीस भी ले लेते हैं. इस के बारे में पहले ही पता कर लें कि उनका क्या रूल है, जैसे कि कुछ बैंकों में विदेश में पढ़ाई के लिए प्रोसैसिंग फीस 10 हजार है और यूनिवर्सिटी की वैरिफिकेशन फीस 5 हजार है.

बैंक द्वारा मांगी गई सिक्युरिटी को समझें

अगर आप किसी बैंक से लोन लेने जाते हैं, तो बैंक के बदले में आप से सिक्युरिटी की मांग करता है. इस का आधार हर बैंक अलगअलग तय करता है. इसलिए पहले ही जानकारी जुटा लें कि आप बैंक से लोन लेने के योग्य हैं भी या नहीं और आप के पास लोन लेने के लिए उपयुक्त संसाधन हैं या नहीं.

लोन लेने का दायरा

देश-विदेश में पढ़ाए जाने वाले किसी भी कोर्स के लिए लोन लिया जा सकता है. भारत में 12वीं कक्षा की स्कूली शिक्षा, ग्रैजुएशन, पोस्टग्रैजुएशन, पीएचडी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, ऐग्रीकल्चर, लॉ, डैंटल, मैनेजमैंट, कंप्यूटर, आईसीडब्ल्यूए, एमबीए, एमसीए आदि के लिए भी लोन ले सकते हैं. दरअसल, बैंकों में देश या विदेश में पढ़ाई के लिए लोन देने के लिए कुछ मानदंड तय कर रखे हैं, जिन के अंतर्गत आने वाले कोर्सेज पर ही लोन मिल पाता है.

किन चीजों के लिए मिलता है लोन

स्कूल, कालेज और होस्टल की फीस, लाइब्रेरी और लैबोरटरी की फीस, किताबें, इंस्ट्रूमैंट्स, विदेश में पढ़ाई के लिए यात्रा खर्च, स्टडी टूर, प्रोजैक्ट वर्क आदि के लिए लोन ले सकते हैं.

लोन लेने की योग्यता

अधिकतर सभी बैंकों के द्वारा 12वीं कक्षा के बाद हायर ऐजुकेशन के लिए लोन दिया जाता है. लोन के लिए देश में भारतीय नागरिक होने के साथ-साथ छात्र का ऐडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, मैरिट के आधार पर, कट औफ मार्क्स के आधार पर देश या विदेश के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान के टैक्निकल, प्रोफैशनल या किसी अन्य मान्यता प्राप्त कोर्स में दाखिला हुआ हो. कट औफ मार्क्स के आधार पर ऐडमिशन होने की स्थिति में क्वालिफाइंग ऐग्जाम में सामान्य छात्रों के न्यूनतम 60% अंक और एससी, एसटी छात्रों के न्यूनतम 50% अंक होने जरूरी हैं.

लोन के लिए किन चीजों की जरूरत

– ऐडमिशन मिलने का प्रमाणपत्र.

– फोटोग्राफ, आईडैंटिटी प्रूफ, रैजिडैंस प्रूफ, इनकम प्रूफ.

– ऐजुकेशनल क्वालिफिकेशन से संबंधित सर्टिफिकेट, सीनियर सेकैंडरी स्कूल की मार्कशीट, एमबीए के लिए पोस्टग्रैजुएशन या ग्रैजुएशन की मार्कशीट, स्कौलरशिप से संबंधित डौक्यूमैंट्स.

– विदेश जाने के लिए लोन लेने पर यूनिवर्सिटी का लैटर.

ऐजुकेशन लोन की रिपेमैंट

बैंक ऐजुकेशन लोन देने से पहले उस की रिपेमैंट सुनिश्चित करता है. लोन उसे ही दिया जाता है, जो उसे वापस करने की क्षमता रखता है. रिपेमैंट करने के 2 तरीके हैं या तो लोन लेने वाले स्टूडैंट के अभिभावक रिपेमैंट कर सकते हैं या फिर लोन लेने वाला स्टूडैंट पढ़ाई खत्म कर स्वयं रिपेमैंट कर सकता है.

लोन की राशि कितनी मिलती है

बैंकों के द्वारा लोन देने की भी अलग-अलग स्कीमें हैं जैसे कि स्टूडैंट लोन जो कि भारत और विदेश में हायर ऐजुकेशन के लिए दिया जाता है. स्कौलर लोन जो कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी आदि के लिए दिया जाता है. वोकेशनल लोन वोकेशनल ऐजुकेशन और ट्रेनिंग के लिए लिया जाता है.

लोन की ब्याज दर कितनी

– लोन पर ब्याज दर विभिन्न बैंकों में अलग अलग है. स्टेट बैंक औफ इंडिया में देश में प्रीमियम इंस्टिट्यूट के लिए ब्याज दर 9.5 से लेकर 11.05 तक है और नौर्मल इंस्टिट्यूट से करने पर ब्याज दर 10.85 से 11.15 तक है. विदेश से शिक्षा लेने के लिए लिए गए लोन पर 10.85 पर ऐनम ब्याज लगेगा.

क्या है लोन के लिए सिक्युरिटी

बैंक 4 लाख तक के लोन के बदले कुछ नहीं मांगते, लेकिन 4 लाख से ज्यादा के लोन पर उन्हें सिक्युरिटी या गारंटर की जरूरत होती है. आयकर कानून के सैक्शन 80ई के तहत आप के ऐजुकेशन लोन के ब्याज पर छूट मिलेगी.

क्या है मोरटोरियम पीरियड

पढ़ाई के दौरान लोन अदायगी नहीं करनी पड़ती. पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी ढूंढ़ने के लिए बैंक 4 से 12 महीने का समय देते हैं. इसे मोरटोरियम पीरियड कहते हैं. मोरटोरियम पीरियड खत्म होने के बाद भी नौकरी न मिले तो लोन की अदायगी शुरू करनी पड़ेगी. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यदि आप ने बैंक द्वारा दी गई समयावधि यानी 6 से 12 महीने में लोन नहीं चुकाया तो फिर भी आप को यह लोन की निर्धारित किस्त के रूप में चुकाना शुरू करना होगा यानी कोर्स पूरा करने और तुरंत नौकरी मिलने के 6 माह बाद लोन वसूली की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

ऐसा न हो तब भी कोर्स करने के 1 साल बाद लोन 5 साल के अंदर किस्तों में लौटाना होता है. कई बैंकों में यह सीमा मोरटोरियम पीरियड सहित 7 साल तक की है तो कई बैंकों में यह पीरियड 12 साल तक का भी है. ऐसा नहीं करने पर बैंक आगे की काररवाई करता है. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विद्यालक्ष्मी नाम का एक पोर्टल लौंच किया है, जिस पर बैंकों के ऐजुकेशन लोन की जानकारी मिल सकती है.

विद्यालक्ष्मी पोर्टल पर पंजीकरण कराने के बाद छात्र को सब से पहले ऐजुकेशन लोन ऐप्लिकेशन भरनी होती है. इस के बाद जरूरत के हिसाब से बैंकों की योजनाओं को सर्च कर के अप्लाई किया जा सकता है. जो बैंक छात्र की लोन ऐप्लिकेशन को प्रोसैस करेगा. वह उस की पूरी जानकारी वैबसाइट पर उपलब्ध कराता रहेगा. अगर छात्र को अप्लाई करने के दौरान परेशानी होती है या फिर बैंक की ओर से परेशानी पैदा की जाती है तो छात्र इस पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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