विदिशा मध्य प्रदेश में बसा प्रमुख शहर है जिसे मध्य काल में भिलसा के नाम से जाना जाता था. ऐतिहासिक महत्ता के अवशेषों और स्मारकों का शहर है. प्राचीन नगर बेसनगर के बचे हुए अवशेष, पुराने वंश गुप्ता साम्राज्य के लंबे समय पहले खोई हुई महिमा को बखूबी दर्शाते हैं. यह नगर पहले दो नदियों के संगम पर बसा हुआ था, जो कालांतर में दक्षिण की ओर बढ़ता जा रहा है.
विदिशा में पर्यटन आर्थिक क्रियाओं का एक प्रमुख हिस्सा है. यहां पर्यटकों के देखने के लिए बहुत सारे धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल हैं. यहां कई सारी विख्यात मूर्तियां, शिलालेख, खंडहर और पुरातात्विक धरोहरें भी हैं. यहां आपको इस जगह की जानकारी देने के लिए एक गाइड भी मिलेगा जो आपको विदिशा के खंडहरों के नगर में ले जायेगा.
बीजमंडल
बीजमंडल जो विजयमंदिर के नाम से भी जाना जाता है, 11वीं सदी का एक प्राचीन मंदिर है जहां परमार समय के मंदिरों के अवशेष स्थित हैं. अधूरे वास्तुकला की कलाकृतियां और नींव के पत्थरों को देखने से पता चलता है कि इसका निर्माण अधूरा ही रह गया था. यहां 8वीं और 9वीं सदी में खंभों की मदद से बना हुआ एक मस्जिद भी स्थापित है.
हेलिओडोरोस स्तम्भ
हेलिओडोरोस एक अखंड मुक्त स्तम्भ है, जिसमें वासुदेव को सम्मानित करने वाले शिलालेख उकेरे गए हैं. माना जाता है कि हेलिओडोरोस सबसे पहले विदेशी थे जो वैष्णव धर्म में परिवर्तित हुए. यूनानी राजा एन्टीयलसीदस ने अपने राज में डायोन के पुत्र हेलिओडोरोस को विदिशा के शुंग अदालत में अपना व्यक्तिगत राजदूत बना कर भेजा. गरुड़ स्तम्भ जिसे स्थानीय बोलचाल में खम्बा बाबा भी कहते हैं, में इस जानकारी को शिलालेख द्वारा उकेरा गया है.