जैसा कि एक कहावत है कि ‘लड़कियों की तरह मत करों’ इस फ्रेज को फिर से परिभाषित करने की जरुरत है. इसी प्रसंग को लेकर ‘व्हिस्पर इंडिया’ ने ‘लाइक ए गर्ल’ कैम्पेन का अनावरण अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और रियो ओलिंपिक ब्रोंज मेडलिस्ट रेसलर साक्षी मलिक से मुंबई में करवाया. उनके अनुसार आज लड़कियां हर काम आसानी से कर सकती हैं, फिर चाहे वह खेल, ड्राइविंग या फाइटिंग हो. वे हर क्षेत्र में आगे जा सकती हैं.
इस अवसर पर अभिनेत्री सोनाक्षी कहती हैं कि ‘लाइक ए गर्ल’ एक अच्छी कैम्पेन है. यह शब्द लड़कियों को नीचा दिखाता है, जबकि आज की लड़कियों ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिती दर्ज़ करवाई है, फिर चाहे वह शिक्षा हो या किसी और क्षेत्र. मैंने जब फिल्म ‘अकीरा’ में फाइट के दृश्य किये, तो सारे स्टंट्स मैंने खुद किये और मैं अभी भी कर सकती हूँ. हमारी अपनी सख्सियत है मेरे हिसाब से कोई जेंडर इसे निर्धारित नहीं करती और महिलाएं जितना कर रही है इसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती. ये सब हमारा समाज,धर्म और परिवार कहता है कि लड़की होने के नाते कुछ पाबंधियाँ है,जो गलत है.मुझे इसका सामना कभी नहीं करना पड़ा. मेरे माता-पिता बहुत ‘लिबरल’ है. मेरे दो भाई होने के बावजूद उन्होंने मुझे किसी काम से नहीं रोका. कही आने-जाने से नहीं रोका. मैं अपनी ख़ुशी से हर काम कर सकती हूँ.
रेसलर साक्षी कहती हैं कि जब मैं इस क्षेत्र में आई तो सभी ने डराया कि तुम लड़की हो ‘रेसलिंग’ तुम्हारे वश में नहीं, लोग मेरा मजाक उड़ाते थे, मैंने किसी की बात पर ध्यान नहीं दिया और अभ्यास करती रही. मैं दृढ प्रतिज्ञ थी और जानती थी कि मेरी मेहनत अवश्य सफल होगी. मैं सभी लड़कियों से कहना चाहती हूँ कि आप जो भी बनना चाहो बनो और खुलकर जियो.
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