भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने स्पेशल फाइनैंसिंग स्कीम 'होप लोन्स' की घोषणा की. इसके तहत ग्राहक बहुद कम दरों पर लोन सुविधा ले सकते हैं. बैंक ने एक बयान में यह जानकारी दी है.
इसमें कहा गया है, 'उधारी दर की सीमांत लागत (एमसीएलआर) में कमी के कारण घटी ब्याज दरों का लाभ होप लोन्स योजना में मिलेगा. उदाहरण के रूप में 50 लाख रुपये के होम लोन पर 30 साल की अवधि के लिए लगभग 3.5 लाख रुपये की बचत होगी.' एमसीएलआर में कमी से बैंक के होम लोन की प्रभावी दर महिलाओं के लिए 9.25 प्रतिशत जबकि पुरुषों के लिए 9.30 प्रतिशत होगी.
एसबीआई ने बताया कि अब कार लोन पर कोई प्रोसेसिंग फी नहीं ली जाएगी. साथ ही जिन्होंने एसबीआई द्वारा मंजूर प्रॉजेक्ट्स पर होम लोन ले रखा है, वो अगर घर के ट्रांसफर के लिए आवेदन दे रहे हैं तो उन्हें भी फी से छूट का फायदा मिलेगा. एसबीआई का कहना है कि वह होम और ऑटो, दोनों लोन्स पर सबसे कम ब्याज लेता है और 'होप लोन्स' ने इसमें और भी कटौती कर दी है.
बैंक ने बताया कि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2016 के दौरान दिए गए हरेक होम, ऑटो और पर्सनल लोन पर वह शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में देश भर में काम करने वाले स्वयं सेवी संगठनों (एनजीओज) को कुछ पैसे देगा. स्टैट बैंक के डिजिटल वॉलिट से भी किए गए लेनदेन भी इस नई पहले के अधीन आएगें.
बयान में कहा गया है, 'होप लोन्स की अवधारणा पेश करने का बड़ा मकसद अपने ग्राहकों में एसबीआई के मजबूत और विश्वसनीय ब्रैंड के साथ होने का भरोसा दिलाना है ताकि सुविधाहीनों में उम्मीद की किरण जगे.