विज्ञापनों से अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री यामी गौतम पहले आई.ए.एस. अधिकारी बनना चाहती थीं, क्योंकि वे एक अच्छी विद्यार्थी थीं. इस के अलावा यामी को बचपन से हमेशा कुछ अलग और चुनौतीपूर्ण काम करने की इच्छा थी, लेकिन वह क्षेत्र अभिनय का होगा यह पता नहीं था. हां यह जरूर रहा कि यामी के पिता फिल्मों और न्यूज चैनल से जुड़े हैं, जिन से उन्हें प्रेरणा मिली.
स्वभाव से नम्र, हंसमुख और मृदुभाषी यामी ने अपने कैरियर की शुरुआत धारावाहिक ‘चांद के पार चलो’ से की. इस के बाद ‘ये प्यार न होगा कम’, ‘मीठी छुरी नंबर वन’ धारावाहिकों और कई फिल्मों में भी काम किया. उन की फिल्म ‘विक्की डोनर’ काफी चर्चित रही, जिस में उन्होंने बंगाली लड़की आशिमा राय की भूमिका निभाई. इस के बाद उन की फिल्म ‘टोटल सियापा’ आई जो बौक्स औफिस पर सफल नहीं रही पर वे विज्ञापन की दुनिया में हमेशा सफल रहीं.
वे कहती हैं कि हर फिल्म के लिए मेहनत करनी पड़ती है पर अगर वह सफल नहीं हुई तो उस पर अधिक विचार न कर वे आगे निकल जाती हैं. हिंदी फिल्मों के अलावा यामी ने तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है.
एक उत्पाद की लौचिंग के वक्त उन से मुलाकात हुई तो दिलचस्प बातचीत हुई. पेश हैं बातचीत के खाश अंश:
आप अपनी खूबसूरती की देखभाल कैसे करती हैं?
मैं हमेशा संतुलित आहार लेती हूं और घर का खाना पसंद करती हूं. मैं हिमाचल की हूं, इसलिए वहां की स्पैशल डिशेज जैसे चंबा का राजमा, उरद की दाल वगैरह खूब खाती हूं. मैं अपने परिवार के बहुत करीब हूं. मुझे मां के हाथ का बना हर व्यंजन अच्छा लगता है. इस के अलावा मैं खूब पानी पीती हूं ताकि बौडी में पानी की कमी न हो.
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