महिलाएं कामकाजी हों या फिर गृहिणी रसोई के काम से सभी को 2-4 होना ही पड़ता है. रसोई के काम के साथ ही महिलाओं पर परिवार को स्वस्थ और स्वादिष्ठ भोजन कराने की भी जिम्मेदारी होती है. लेकिन स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का संतुलन भोजन में बनाए रखने के लिए रसोई की साफसफाई पर विशेष ध्यान देना पड़ता है.
दरअसल, भोजन पकाने में इस्तेमाल किए गए तेल और मसाले धुएं के साथ उड़ कर रसोई की छत, खिड़की दरवाजों और दराजों में रखे सामान पर चिपक जाते हैं. साथ ही तेल की चिकनाहट भी दीवारों को चिकना बना देती है. इसी में धूल के कण भी चिपक जाते हैं और हवा के झोंके के साथ खाने में गिर जाते हैं. जब ये कण कौर के साथ दातों के बीच आते हैं तो भोजन का सारा मजा किरकिरा हो जाता है.
अब ऐसे बहुत सारे ऐप्लाइंसेज हैं, जो किचन के वातावरण को प्रदूषित होने से रोकते हैं. ऐसे ही ऐप्लाइंसेज में से एक है इलैक्ट्रिक चिमनी.
चिमनी का कौंसैप्ट तो भारत में बहुत पुराना है. पुराने घर बनाए ही ऐसे जाते थे, जिन में चिमनी होती थी. मगर वर्तमान समय मल्टीस्टोरे बिल्डिंग्स, सोसाइटीज और फ्लैट कल्चर का है, जिस में चिमनी बनाना संभव नहीं. ऐसे में इलैक्ट्रिक चिमनियों का क्रेज महिलाओं के बीच बढ़ता जा रहा है.
चिमनियां रसोई को डस्ट फ्री रखने के साथ-साथ उस के सुंदरीकरण में भी बड़ी भूमिका निभाती हैं. मगर जरूरी यह है कि इन का चुनाव सावधानी से, रसोई के आकार और अपनी जरूरत के आधार पर किया जाए.
जानें चिमनी के प्रकार
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