कैफे कौफी डे’ में रजत, अमित, विनोद और प्रशांत बैठे गपें मार रहे थे, इतने में अचानक रजत की नजर घड़ी पर गई तो वह बोला, ‘‘अमित, तुझे तो अभी ‘उपवन लेक’ जाना है न, वहां पायल तेरा इंतजार कर रही होगी.’’

अमित ने अपने कौलर ऊपर करते हुए कहा, ‘‘वही एक अकेली थोड़ी है जो मेरा इंतजार कर रही है, कई हैं, करने दे उसे भी इंतजार, बंदा है ही ऐसा.’’

प्रशांत हंसा, ‘‘हां यार, तू अमीर बाप की इकलौती औलाद है, हैंडसम है, स्मार्ट है, लड़कियां तो तुझ पर मरेंगी ही.’’

अमित ने इशारे से वेटर को बुला कर बिल मंगवाया और बिल चुकाने के बाद अपनी गाड़ी की चाबी उठाई और बोला, ‘‘चलो, मैं चलता हूं, थोड़ा टाइमपास कर के आता हूं,’’ सब ने ठहाका लगाया और अमित बाहर निकल गया. वह सीधा ‘उपवन लेक’ पहुंचा, पायल वहां बैंच पर बैठी थी, उस ने कार से उतरते अमित को देखा तो खिल उठी. वह अमित को देखती रह गई. शिक्षित, धनी, स्मार्ट अमित उस जैसी मध्यवर्गीय घर से ताल्लुक रखने वाली साधारण लड़की को प्यार करता है, यह सोचते ही पायल खुद पर इतरा उठी. पास आते ही अमित ने उस की कमर में हाथ डाल दिया और इधरउधर देखते हुए कहा, ‘‘चलो, कहीं चल कर कौफी पीते हैं.’’

‘‘नहीं अमित, अगर किसी ने देख लिया तो?’’

‘‘अरे पायल, मैं तुम्हें जिस होटल में ले जाऊंगा वहां तुम्हारी जानपहचान का कोई फटक भी नहीं सकता.’’

पायल को अमित की यह बात बुरी तो लगी, लेकिन उस के व्यक्तित्व के रोब में दबा उस का मन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाया, उस ने चुपचाप सिर हिला दिया. अमित उसे एक शानदार महंगे होटल में ले गया और दोनों ने एक कोने में बैठ कर कौफी और कुछ स्नैक्स का और्डर दे दिया.

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