मनचाही पोशाक पहन कर इठलाने, अदाएं दिखाने की चाह हर महिला की होती है. आखिर यही तो वह चीज है, जिस के साथ वह अपने सौंदर्य को और निखार दे सकती है, पुरुषों को आकर्षित कर सकती है और अपनी हमउम्र सखियों और पड़ोसिनों की ईर्ष्या की पात्र बन सकती है. महिला कुदरत का बनाया एक नायाब तोहफा है और उसे सुंदर रहने का पूरा अधिकार भी है. यही वजह है कि बाजार में लड़कों के कपड़ों की विविधता उतनी नहीं होती है जितनी लड़कियों की होती है.
बेशक महिलाओं को जो मन करे वह पहनना चाहिए, मगर इस बात का भी जरूर ध्यान रखना चाहिए कि कपड़े वही पहनने चाहिए जिन में खुद को सहज और आरामदेह महसूस कर सकें. बाजार की चकाचौंध और स्टाइलिश डिजाइनों के कपड़ों को देख कर लड़कियां और महिलाएं ऐसे खो जाती हैं कि उन्हें इस बात का ध्यान ही नहीं रहता है कि ये परिधान उन के शरीर पर सही लुक दे सकते हैं या नहीं, क्या इन्हें पहन कर वे वास्तव में स्मार्ट लग रही हैं या अपनी शारीरिक कमियों को ही उजागर कर रही हैं?
कभीकभी टीवी या अखबारों में हम मौडल या हीरोइन को ऐसे परिधान में देखते हैं कि उस से उस की खूबसूरती और बढ़ जाती है. वैसे मौडलों या हीरोइनों को भी कभीकभी सही परिधान का चयन न कर पाने की स्थिति में शर्मिंदा होना पड़ता है जैसेकि कुछ वर्ष पूर्व मशहूर अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा की कैटवाक के वक्त स्ट्रैप टूट गई और सब के सामने टौपलैस हो गईं.
कैसे पाएं तारीफ
एक वीडियो कुछ दिनों पहले काफी वायरल हुआ था, जिस में एक सैलिब्रिटी अपनी तंग जिपी मिडी में इठला कर होस्ट को झुक कर दिखाती है कि उस की जिप पूरी खुल जाती है. इसी तरह एक शो में महानायक अमिताभ बच्चन के सामने एक महिला की ड्रैस फट जाती है और अमिताभ शर्म के कारण मुंह घुमा लेते हैं. ये सभी वाकया सही परिधान न चुनने के कारण ही होते हैं, जिन से बदनामी भी होती है और युवतियों या महिलाओं का मजाक भी बनता है. गौहर खान की एक तंग ड्रैस का बौटम रैंप पर फट गया था और फोटोग्राफरों को बढि़या मसाला मिल गया.
मीडिया पर्सनैलिटी से महिलाएं इतनी प्रभावित होती हैं कि कुछ भी कर के उन जैसा बनना चाहती हैं, मगर इस में सब से बड़ी गलती यह करती हैं कि वे केवल उन की ड्रैस देखती हैं, घंटों जिम में पसीना बहा कर, डाइटिंग कर और सर्जरी के बाद बनाई गई उन की खूबसूरत फिगर को नहीं देखतीं. वे अंधाधुंध पैसे खर्च कर के उन के जैसी पोशाक तो खरीद लाती हैं, मगर अपने शरीर के बेडौल उभारों को नहीं छिपा पातीं.
आप ने अकसर ऐसी युवतियों या महिलाओं को शादी या पार्टी में अवश्य देखा होगा जो महंगा स्लीवलैस गाउन तो पहन लेती हैं, मगर अंडरआर्म्स साफ करना भूल जाती हैं. ऐसे में उन की बगलों से झांकते बाल और आधी काली आधी सफेद बांहें उन के सौंदर्य की नहीं वरन फूहड़ता की निशानी छोड़ती हैं. कुछ महिलाएं शौर्ट ड्रैस पहनती हैं, मगर उन की मोटी जांघें, टखनों की कालिख और स्ट्रैच मार्क्स उन्हें उपहास का पात्र बना डालते हैं.
मैचिंग फुटवियर
आप ने अच्छे कपड़े तो पहन लिए, लेकिन उन से मिलतेजुलते फुटवियर पर ध्यान नहीं दिया तो सब धरा का धरा रह जाएगा. स्थान, समारोह व समय के अनुसार ही फुटवियर पहनना चाहिए. अगर आप कोई परंपरागत परिधान जैसे सूट, साड़ी या लहंगा पहन रही हैं, तो चमकदमक वाला फुटवियर पहन सकती हैं और अगर आप को औफिस जैसे माहौल में जाना है तो कतई चमकदमक या भड़कीले रंग का फुटवियर न पहनें.
तब आप को हलके शालीन रंग का ऐसा फुटवियर पहनना चाहिए, जो आप की ड्रैस से मैच करता हो और देखने वालों की आंखों को भी न चुभे.
कपड़ों का चयन
कई बार मोटी औरतें साड़ी को नाभि से भी नीचे बांध लेती हैं और इस से उन के पेट पर उभरी गर्भावस्था की धारियां साफ दिखाई देती हैं, जो उन की खूबसूरत साड़ी और व्यक्तित्व को फीका ही करती हैं. कुछ महिलाएं महंगे कपड़े और चेहरे पर बढि़या मेकअप तो कर लेती हैं, मगर उन के नाखून अनशेप्ड और बिना नेलपैंट किए होते हैं.
इसी तरह किसीकिसी की ऊंची एडि़यों की सैंडलों से दरार पड़ी एडि़यां झांकती हैं.
भारी स्तनों वाली महिलाएं जब डीप नैक पहनती हैं, तो थोड़ा झुकते ही उन के स्तनों और ब्रा का सब को दीदार हो जाता है.
कुदरत ने सब के शरीर की बनावट व रंगरूप एकदूसरे से भिन्न बनाया है. अत: यह जरूरी नहीं है कि जो रंग दूसरों पर अच्छा लग रहा हो वह आप पर भी खिलेगा. कुछ रंग तो खासतौर पर ऐसे ही होते हैं जोकि सब पर अच्छे नहीं लगते हैं जैसे सूरजमुखी पीला, नारंगी, सुर्ख गुलाबी आदि. कोई भी नया रंग खरीदने से पहले पहन कर देख लें कि आप पर कैसा लग रहा है अन्यथा आप के पैसे भी बेकार हो जाएंगे और देखने वालों को अच्छा भी नहीं लगेगा.
कपड़ों की खरीदारी के वक्त सब से पहले तो इस बात पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है कि वे आप के शरीर की बनावट या आकार के हिसाब से हों, जो पहनने में आरामदायक होने के साथसाथ आप के व्यक्तित्व में भी चार चांद लगा सकें.
फिटिंग का रखें ध्यान
कपड़े खरीदते समय साइज पर न जाएं, बल्कि कपड़ों की फिटिंग पर ध्यान दें कि उन्हें पहनने के बाद आप कैसी दिख रही हैं. बौडी टाइप के अनुसार साइज लेने से यह जरूरी नहीं है कि वह आप पर जंचे. ऐसे कपड़े लें जो शरीर की कमियों को छिपाते हुए खूबसूरती को बढ़ावा देते हों. कपड़ों में आप को आराम भी महसूस होना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि फैशन के चक्कर में आप असहज महसूस करें.
घटिया मेकअप
दिन में हलका, रात में डार्क मेकअप करना चाहिए. दिन के इवेंट में न के बराबर और पार्टी में डार्क मेकअप चलता है.
जब आप हर जगह एकजैसे कपड़े नहीं पहनती हैं, तो हर जगह एकजैसा मेकअप करने का क्या तुक बनता है? हर जगह सुर्ख रंग की लिपस्टिक लगाने से काम नहीं चलेगा. कुछ स्थानों में हलके रंग की लिपस्टिक का भी ज्यादा असर होगा. साथ ही बदलते मेकअप ट्रैंड से भी खुद को अपडेट रखें.
चमकते नाखून
अपने नाखूनों को हमेशा साफ रखें. उन्हें सही शेप दे कर नेलपैंट लगाएं. अकसर लोगों की नजर नाखूनों पर जाती है. अगर वे गंदे हों, टूटे हुए हों तो खुद भी अच्छा नहीं लगेगा. इसलिए खूबसूरती बढ़ाते समय नाखूनों को नजरअंदाज कतई न करें. यदि आप कामकाजी महिला हैं, तो हलके रंग की नेल पौलिश लगा कर रखें और तड़कभड़क वाले रंगों को छुट्टी के दिनों के लिए संजो कर रख लें.
सुंगधित रहें
कई महिलाओं को अधिक पसीना आता है खासकर अंडरआर्म्स में. अत: उन से दुर्गंध आने लगती है. लोग आप की दुर्गंध से दूर भागें, इस से बढि़या है कि आप अच्छे डियोड्रैंट का इस्तेमाल करें. उसे समयसमय पर बदलती रहें, क्योंकि जीवन के अलगअलग पड़ावों पर शरीर की दुर्गंध बढ़ती रहती है.
हेयरकलर
बाल महिलाओं का गहना हैं. अगर अपने बालों के साथ अच्छे प्रयोग करें, तो खूबसूरती में चार चांद लगाए जा सकते हैं, लेकिन इन प्रयोगों का प्रयास विपरीत हो जाए तो खूबसूरती बदसूरती में तबदील हो सकती है. इसलिए बालों में अच्छा कलर करना और अच्छा सा हेयरकट आप को नया लुक दे सकता है.
बालों से आप नएनए लुक भी अपना सकती हैं. हालांकि बालों को कलर कर उन की देखभाल करना थोड़ा महंगा सौदा है, इसलिए आप अपने बालों के कुछ भागों को हाईलाइट कर भी नया लुक प्राप्त कर सकती हैं.
यह बिलकुल सही है कि अच्छे कपड़े, मैचिंग फुटवियर व मेकअप से आप अच्छी दिखेंगी, लेकिन एक छोटी सी प्यारी सी मुसकान के बिना सब अधूरा है. इसलिए हमेशा किसी से भी मिलते या बात करते हुए एक छोटी सी मुसकराहट बरकरार रखें. लोगों से बात करते समय खुशमिजाज व चीयरफुल रहें ताकि वे आकर्षित हों. अगर आप इस के विपरीत मुंह बना कर या दुखी मन से रहेंगी तो लोग आप से दूर भागने लगेंगे.
स्मार्टनैस की परिभाषा तब तक अधूरी रहती है जब तक आप के कार्य, चालढाल में आत्मविश्वास की झलकी नहीं आएगी.
मनचाही पोशाक पहनना गलत नहीं है, बल्कि अपनी पसंद की पोशाक हमारे अपने मन और जीवन दोनों पर असर डालती है. पसंदीदा पोशाक पहनने पर हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है, जो हमारी सोच और काम पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.
किसी भी पोशाक से ही यह पता लगाया जा सकता है कि उसे पहनने वाला कितना संवेदनशील, कितना प्राउडी या दब्बू है अथवा आत्मविश्वासी. इसलिए परिधान का चयन बहुत ही सावधानी के साथ अपनी फिगर को ध्यान में रख कर ही करें.