पेमैंट ऐप आप के पर्स की तरह होता है. जिस तरह से आप अपने पर्स में पैसा रखते और खर्च करते हैं उसी तरह पेमैंट ऐप में भी पैसा रख कर खर्च कर सकते हैं. पेमैंट ऐप के खोने, जेब कटने या पर्स लूटे जाने का खतरा नहीं रहता. इस के बाद भी पेमैंट ऐप का प्रयोग सावधानी से करने की जरूरत होती है.
नेहा को रेलवे टिकट बुक कराना था. उस ने पेमैंट ऐप के जरीए रेलवे टिकट बुक करा लिया. अच्छी बात यह थी कि उस ऐप ने उस समय रेलवे टिकट की बुकिंग के लिए कैश बैक का औफर भी रखा था. ऐसे में नेहा को अपने टिकट पर छूट भी मिल गई.
ऐप्स के जरीए छोटी बड़ी हर तरह की खरीदारी संभव हो गई है. औनलाइन शौपिंग में बड़ी रकम से खरीदारी होती थी. ऐप पेमैंट सिस्टम कम समय में ही इतना लोकप्रिय हो गया कि यह छोटी बड़ी हर दुकान में उपलब्ध है. सब्जी की खरीदारी से लेकर बड़ी शौपिंग तक पेमैंट ऐप से होने लगी.
नेहा कहती है, ‘‘पेमैंट ऐप के जरीए खरीदारी करना आसान हो गया है. सब से अहम बात यह है कि अब चेंज की परेशानी नहीं रहती. शौपिंग मौल से ले कर हर जगह इस का प्रयोग किया जाता है.’’
पेमैंट ऐप का प्रयोग
पेमैंट ऐप को सरदर्द समझने वाली प्रेरणा कहती है, ‘‘डैबिट कार्ड से पेमैंट के समय यह खतरा रहता था कि कहीं कोई बैंक के खाते से पैसा न निकाल ले. अब पेमैंट ऐप में हम उतना ही पैसा रखते हैं जितने की शौपिंग करते हैं. ऐसे में पैसों के औनलाइन फ्रौड होने का खतरा नहीं रहता है. जब ऐप में पैसा कम हो जाए तो फिर पैसा डलवाया जा सकता है.