आमतौर पर निवेशक एक लंबी अवधि बाद एकमुश्त राशि पाने और टैक्स की बचत के लिए ही निवेश करते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि उनकी ओर से किया गया निवेश उन्हें नियमित आय भी देता रहे. अगर आप भी ऐसे ही किसी विकल्प की तलाश में हैं तो हम आपको ऐसे 5 शानदार विकल्पों की जानकारी देने जा रहे हैं.
पोस्ट औफिस एमआईएस
निवेश के साथ-साथ नियमित आय देने के मामले में पोस्ट औफिस एमआईएस काफी बेहतर विकल्प माना जाता है. मंथली इनकम स्कीम, जैसा कि नाम से ही जाहिर है इसमें किए गए निवेश पर आप मासिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इसमें किए गए निवेश पर 7.3 फीसद की दर से सालाना ब्याज मिलता है. इसमें अधिकतम 4.5 लाख का निवेश किया जा सकता है जो कि ज्वाइंट अकाउंट में 9 लाख तक हो सकता है. इसमें किया जाने वाला निवेश 5 साल तक के लिए ही होता है. अगर आप एमआईएस में 3 लाख रुपए का निवेश करते हैं जो आपको इस पर मासिक रिटर्न 2000 रुपए का मिलेगा और छह महीने बीत जाने पर खाताधारक को 15,000 रुपए का अतिरिक्त बोनस भी मिलेगा.
फिक्स्ड डिपौजिट (FD)
फिक्स्ड डिपौजिट को न्यूनतम जोखिम वाले निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है. इसमें किया जाने वाला निवेश एक निश्चित समय के लिए होता है, इसमें मिलने वाला रिटर्न भी फिक्स्ड रेट पर ही होता है. यह उन चुनिंदा निवेश विकल्पों में से एक है जिसमें मासिक आधार पर, तिमाही आधार पर या फिर सालाना आधार पर रिटर्न की सुविधा दी जाती है. इस निवेश पर मिलने वाली ब्याज दर 6 से 7 फीसद तक होती है जो अलग अलग बैंक के आधार पर बदलती रहती है. उदाहरण से समझिए, अगर आपने 1 लाख रुपए का निवेश एक साल के लिए कर रखा है और मान लीजिए कोई बैंक आपको इस पर 9 फीसद की दर से ब्याज दे रहा है तो आपको इससे 750 रुपए की मासिक आय होती रहेगी.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
यह देश के वरिष्ठ जनों के लिए एक विशेष स्कीम है. इसमें कोई भी व्यक्ति जो कि 60 वर्ष की उम्र को पार कर चुका है वो इसका हिस्सा बन सकता है. इस स्कीम की मैच्योरिटी 5 साल के लिए होती है जिसे 3 अन्य सालों के लिए भी बढ़ाया जा सकता है. इस पर मिलने वाला ब्याज 7.6 फीसद होता है. हालांकि इस पर मिलने वाला ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है.
म्युचुअल फंड का मंथली इनकम प्लान
कुछ म्युचुअल फंड में नियमित आय की सुविधा दी जाती है जिसे मंथली इनकम प्लान (एमआईपी) भी कहा जाता है. एमआईएस,एफडी और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम) की ही तरह गारंटी नहीं दी जाती है कि इसमें उतार चढ़ाव आएगा और वो 8 से 9 फीसद की रेंज में होगा. एमआईपी के एवज में जो पैसा दिया जाता है उसे डिविडेंड भी कहा जाता है. ये डिविडेंड टैक्स फ्री होते हैं.
लंबी अवधि के सरकारी बौण्ड
नियमित आय प्राप्त करने के मामले में लौन्ग टर्म कैपिटल बौण्ड सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माने जाते हैं. इस तरह के सरकारी बौण्ड पर आम तौर पर 8 फीसद का ब्याज दिया जाता है जो कि छमाही आधार पर होता है. ये लंबी अवधि के बौण्ड होते हैं और आपको मैच्योरिटी खत्म होने के बाद मूल राशि वापस कर दी जाती है.