दक्षिण भारत को कुदरत ने बड़ी शिद्दत से संवारा है. कोट्टायम भी ऐसी ही एक जगह है जहां आप प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकती हैं. यहां आपको केरल के कल्चर को करीब से जानने का मौका मिलेगा. कोट्टायम एक ऐसी जगह है जहां आप सूकून और ऐडवेंचर एक साथ ऐंजॉय कर सकती हैं.

कोट्टायम शहर कोची से 76 किलोमीटर दूर है. बैकवाटर, हरे मैदान, रबर के बगीचे और ताड़ के पेड़ यहां की विशेषताएं हैं. यह इलाका सब्जियों, इलायची, काली मिर्च, कॉफी तथा मसालों के लिए भी फेमस है.

केरल के दक्षिण में बसा यह शहर बैकवॉटर्स में दिलचस्पी रखने वालों को साल भर लुभाता है. नैचुरल ब्यूटी के अलावा, यहां की बर्ड सैंक्चुअरी, मंदिर, चर्च, ट्रैकिंग साइट्स वगैरह भी पर्यटकों को खूब लुभाती हैं.

कहां जायें?

यहां के खूबसूरत नजारों के बीच आप कुछ दिन किसी रिजॉर्ट में रहने का मजा जरूर लें. इसके अलावा, एडवेंचर और नेचर से जुड़ने के लिए पेरियार वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी जा सकती हैं. यह जगह हाथियों, चीतों और खास तरह के भैंसों के लिए मशहूर है.

कोट्टायम के तिरुंकारा शिव की दीवारों को खूबसूरत पेंटिंग्स से सजाया गया है. यहां आपको केरल के कल्चर को बेहद करीब से देखने का मौका मिलेगा. मार्च में यहां होने वाले फाल्गुन उत्सव का टूरिस्ट्स में खासा क्रेज रहता है. इस दौरान यहां संस्कृत में नाटक खेले जाते हैं, जिनकी गहराई जानने के लिए लोकल लोगों के साथ टूरिस्टों का भी खूब जमावड़ा रहता है.

कोट्टायम के पास कुमाराकोम भी एक आकर्षक जगह है. यह जगह वंबनाड लेक के पास है और प्रवासी पक्षियों के लिए मशहूर है. यहां से आप बैकवॉटर क्रूज की सैर के लिए भी निकल सकती हैं.

कोट्टायम के आसपास

कोट्टायम से 60 किमी की दूरी पर स्थित वागामोन की सैर जरूर करें. ट्रैकिंग में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है. यहां आप प्रकृति के सौंदर्य को निहारने के साथ ट्रैकिंग भी एन्जॉय कर सकती हैं.

कब जाएं?

कोट्टायम जाने का बेस्ट टाइम अगस्त से मार्च के बीच है. यहां हल्की ठंड भी होती है, इसलिए अपने साथ हल्की स्वेटर व शॉल जरूर लेकर चलें.

कैसे पहुंचें?

नजदीकी एयरपोर्ट: कोट्टायम से नजदीकी एयरपोर्ट कोच्चि है, जहां से इसकी दूरी 80 किमी है.

रेल मार्ग: कोट्टायम रेल से तमाम शहरों से जुड़ा हुआ है.

यहां पहुंचने के लिए बोट व फेरी भी ली जा सकती हैं.

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