फिल्म ‘ब्लैक’ में सहायक निर्देशक के रूप में काम करने वाली सोनम कपूर ने फिल्म ‘सांवरिया’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. फिल्म सफल नहीं रही, पर उस में उन के अभिनय की खूब तारीफ की गई. बाद में फिल्म ‘नीरजा’ उन के कैरियर की सब से बेहतर फिल्म थी, जिस में बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें नैशनल अवार्ड मिला. हालांकि उन्हें सफलता अधिक नहीं मिली, पर वे हर फिल्म के लिए शतप्रतिशत मेहनत करती हैं.
सोनम इन दिनों व्यवसायी आनंद आहूजा को डेट कर रही हैं और उन से शादी भी करने वाली हैं, लेकिन इस विषय पर अभी वे बात नहीं करना चाहतीं.
स्वभाव से हंसमुख सोनम हाल ही में फिल्म ‘पैडमैन’ में नजर आईं. पेश हैं, उन से हुए कुछ सवालजवाब:
इस फिल्म को चुनने की खास वजह?
इस की कहानी बहुत स्पेशल है. इस में जिस विषय पर बात की गई है, उस पर लोग खुल कर बात करना पसंद नहीं करते, जो जरूरी है. यह एक अच्छी लव स्टोरी के साथसाथ एक अच्छा मैसेज भी देती है.
असल में मासिकधर्म के साथ सालों से टैबू जुड़ा है. लेकिन मेरे घर में कभी ऐसा नहीं था. यह शर्म की बात नहीं थी, पर कई घरों में ऐसा होता है कि इन 5-6 दिनों तक महिलाएं किचन में नहीं जाती, अचार नहीं छूती आदि कई कुरीतियां हैं, जिन्हें महिलाएं ईमानदारी से फौलो करती हैं. ऐसे में जब मुझे यह स्क्रिप्ट पढ़ने को मिली, तो मैं बहुत उत्साहित हुई. मैं ने जब रिसर्च किया तो पता चला कि केवल 12% महिलाएं ही सैनटरी नैपकिन का प्रयोग करती हैं, जो बेहद शर्मनाक है.
फिल्म की शूटिंग कै दौरान कोई खास अनुभव मिला?
मैं ने पाया कि गांव की महिलाएं मासिकधर्म के दौरान राख, मिट्टी, पत्ते, कपड़े आदि का प्रयोग करती हैं, जो हाइजीनिक न होने के साथसाथ उन की सेहत के लिए भी हानिकारक है. इतना ही नहीं जिस कपड़े को वे प्रयोग
करती हैं उसे वे गंदे पानी में धोती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह गंदी चीज है और गंदे पानी से ही धोई जानी चाहिए. ऐसा करने से वे कई तरह की बीमारियों की शिकार हो जाती हैं.
आप को जब पहली बार पीरियड्स हुआ तो कैसे मैनेज किया?
मैं जब 15 साल की थी तब मासिकधर्म हुआ था. मैं पहले बहुत तनाव में थी, क्योंकि मुझे छोड़ मेरी सारी सहेलियों को पीरियड्स शुरू हो चुका था और मैं अपने मासिकधर्म का इंतजार कर रही थी. कई बार तो मैं ने मां से पूछा भी था कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है. कहीं मुझ में कोई कमी तो नहीं है? तब उन्होंने हंस कर समझाया था कि कभीकभी किसी को पीरियड्स लेट आता है, जो गलत नहीं है. मुबई में तो हर स्कूल में इस बारे में पहले से बता दिया जाता है ताकि लड़कियों को इस बारे में पता चले.
आप के यहां तक पहुंचने में परिवार का कितना योगदान रहा?
मेरा परिवार बहुत प्रोग्रैसिव है. वह हर बात में सहयोग देता है. मेरे परिवार वालों ने कभी यह नहीं कहा कि तुम कुछ नहीं कर सकती, बल्कि यही कहा कि तुम कुछ भी कर सकती हो.
इंडस्ट्री में अपने 10 साल के सफर को कैसे देखती हैं?
इंडस्ट्री में मेरी जर्नी में हमेशा ग्रोथ ही हुआ है. मैं ने हर फिल्म से कुछ न कुछ सीखा ही है. मेरे हिसाब से जर्नी कभी भी कठिन नहीं होनी चाहिए. हर सुबह काम पर जाने की मेरी इच्छा शुरू से ही रही है. मैं ने कभी किसी काम के बाद अवार्ड के बारे में नहीं सोचा. अगर मैं यह सोचने लगूं और न हो तो चिड़चिड़ाहट महसूस करने लगूंगी, जिसे मैं ठीक नहीं मानती.
क्या आप का ‘फैशनिस्ता’ टैग आप के फिल्मी कैरियर पर हावी रहा?
फैशन के बारे में मैं अधिक नहीं सोचती. उस के बारे में मेरी छोटी बहन रिया सोचती है. मेरी हर ड्रैस की डिजाइनिंग वही करती है. मेरी हर फिल्म में उस की ड्रैस रहती है.
VIDEO : कार्टून लिटिल टेडी बियर नेल आर्ट
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