आम लोगों से जुड़ी कुछ जरूरतें वक्त देखकर नहीं आतीं. मसलन कोई बीमारी, सड़क दुर्घटना में आपको आई चोट का इलाज, परिवार की कुछ तत्काल जरूरतें या फिर अचानक की जाने वाली यात्रा का बड़ा खर्च. ऐसे में कभी-कभी तत्काल आए ऐसे खर्चों के लिए आपको लोन भी लेना पड़ जाता है. आमतौर पर बैंक आपकी जरूरत नहीं बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर देखकर ही आपकी लोन की एप्लीकेशन को मंजूरी देता है, लेकिन आपके पास खराब क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद पर्सनल लोन पाने का मौका होता है. हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको इसी के बारे में बताने की कोशिश करेंगे.
क्या है तरीका: अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है और आप इस बात को लेकर चिंता में हैं कि बैंक आपको लोन कैसे देगा तो मौर्गेज लोन आपको राहत की सांस दे सकता है. आपको बता दें कि मौर्गेज लोन बैंक की शर्तों और क्रेडिट स्कोर के झंझट से बचने का आसान उपाय है.
कैसे उठा सकते हैं फायदा: मौर्गेज लोन का फायदा उठाने के लिए आपको अपने पास रखी कोई बहुमूल्य वस्तु गिरवी रखनी होती है और उसी के एवज में आप लोन प्राप्त कर सकते हैं. ये बहुमूल्य वस्तु गोल्ड, बैंक एफडी, इंश्योरेंस पौलिसी आदि हो सकती हैं. आपको बता दें कि यह सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में ही आता है और ऐसे में इनकी ब्याज दरें भी पर्सनल लोन के मुकाबले सस्ती होती हैं.
गोल्ड के बदले भी मिलता है पर्सनल लोन: आप बैंक के लौकर में रखे गोल्ड के बदले भी पर्सनल लोन हासिल कर सकते हैं. ये लोन आपको मार्केट रेट से कम ब्याज पर मिल सकता है. गोल्ड लोन एक तरह का सिक्योर्ड लोन होता है. इसमें आप अपने सोने या सोने के आभूषण को जमानत के रूप में रखते हैं. इसकी सबसे अहम बात यह होती है कि इसमें कागजी कार्यवाही न के बराबर होती है और बैंक इसे देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर भी चेक नहीं करते हैं. मुथूट फाइनेंस और मणप्पुरम जैसी गोल्ड लोन कंपनियां इस तरह के लोन की पेशकश करती हैं.
फिक्स्ड डिपौजिट के बदले हासिल करें पर्सनल लोन: अगर आप पर्सनल लोन हासिल करना चाहते हैं तो बैंक या पोस्ट औफिस एफडी भी इसमें मददगार साबित हो सकती है. सोने के बाद आप फिक्स्ड डिपौजिट के जरिए सबसे जल्द और आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं. आम तौर पर इसकी ब्याज दरें फिक्स्ड डिपौजिट की जमा दरों की तुलना में एक या दो फीसदी अधिक होती हैं.
बीमा पौलिसियां भी दिला सकती हैं पर्सनल लोन: क्या आपको मालूम है कि आपकी बीमा पौलिसी भी आपको पर्सनल लोन दिलवा सकती है. एंडोमेंट पौलिसियों के बदले मिलने वाला कर्ज सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में आता है और यही वजह है कि इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है और बेस रेट से लगभग तीन फीसदी अधिक होती हैं. इस तरह के कर्ज में बीमा पौलिसी को बैंक के नाम असाइन करना होता है. अगर आप कर्ज चुका देते हैं तो बैंक वापस आपके नाम पौलिसी को री-असाइन कर देता है. वहीं इसके उलट स्थिति में पौलिसी फोरक्लोज कर दी जाती है.
क्यों अहम है सिबिल स्कोर: बैंक से लोन लेने में क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर की सबसे अहम भूमिका होती है. आपका क्रेडिट स्कोर दरअसल आपकी ओर से पूर्व में लिए गए लोन और उसके चुकाने का ब्यौरा भर होता है. बैंक आपके लोन की अर्जी को आपका क्रेडिट स्कोर चेक करने के बाद ही मंजूरी देता है जिसमें आपकी वित्तीय गतिविधियों को परखा जाता है. अगर, अपका क्रेडिट स्कोर बेहतर है तो बैंक आपको आसानी से लोन मुहैया करा देते हैं. लेकिन अगर आपका क्रेडिट लोन बेहतर नहीं है तो लोन मिलने में थोड़ी मुश्किलें आती हैं.