15 साल की अनुरिमा अस्थमा की शिकार है. बचपन से ही उसे अस्थमा के अटैक आते थे, जो बाद में उम्र के हिसाब से ओर बढ़ते गए. इस के लिए उसे नियमित दवा लेनी पड़ती है. दरअसल, यह बीमारी सर्दी के दिनों में और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि सर्द मौसम की वजह से श्वासनली में बलगम जल्दी जमा हो जाता है, जो श्वासनली को अवरुद्ध कर देता है, जिस से मरीज को सांस लेने में कठिनाई होने लगती है. फलस्वरूप सांस फूलने लगती है. कुछ लोगों को यह बीमारी उन्हें ठंड की ऐलर्जी होने की वजह से भी बढ़ जाती है.

इस बारें में मुंबई के एसआरवी हौस्पिटल की चैस्ट फिजिशियन डा. इंदु बूबना बताती है, ‘‘स्ट्रैस और धूम्रपान अस्थमा के ट्रिगर पौइंट हैं. इन से सब से अधिक अस्थमा बढ़ती है. इस के अलावा नींद की कमी व प्रदूषण भी इस के जिम्मेदार हैं. जाड़े के मौसम में इस बीमारी के बढ़ने का खतरा अधिक रहता है. लेकिन सही लाइफस्टाइल से इस खतरे को कम किया जा सकता है. मेरे पास कई मरीज ऐसे आते हैं, जो अस्थमा रोग का नाम सुन कर ही घबरा जाते हैं, जबकि यह बीमारी जानलेवा नहीं है.’’

डा. इंदु के अनुसार ये सावधानियां जाड़े  के मौसम में अस्थमा के रोगियों को अवश्य रखनी चाहिए:

– सब से पहले घर को साफसुथरा रखें. वैंटिलेशन सही हो.

–  सांस हमेशा नाक से लें इस से हवा गरम हो कर छाती तक पहुंचती है, जिस से ठंड कम लगती है. मुंह से सांस लेने की कोशिश कम करें.

–  फ्लू का वैक्सिन अवश्य लगा लें. इस से 70% व्यक्ति ठंड की ऐलर्जी से बच सकता है.

–  घर में अगर रूमहीटर का प्रयोग करते हैं, तो समयसमय पर उस के फिल्टर की सफाई अवश्य करें, ताकि उस पर धूलमिट्टी न जमें.

–  घर के पैट्स, टैडी बियर, फर वाले खिलौने, प्लांट्स आदि को बैड से दूर रखें.

–  ठंड से बचने के लिए अधिकतर लोग आग या रूमहीटर के पास बैठते हैं, जो ठीक नहीं, क्योंकि इस से ऊनी कपड़े के रेशे जल जाते हैं. उन से निकलने वाला धुआं अस्थमा के रोगी के लिए खतरनाक होता है. इसलिए रूमहीटर से घर को गरम जरूर करें, पर दूरी बनाए रखें. साथ ही घर की नमी को भी बनाए रखें.

–  पुराने सामान को घर में न रखें. डस्टिंग के वक्त धूल न उड़ाएं. घर की सफाई गीले कपड़े से  करें.

–  खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें. इस से किसी भी प्रकार के वायरस से आप दूर रहेंगे.

–  सर्दियों में भी वर्कआउट अवश्य करें, लेकिन पहले अपनेआप को वार्मअप करना न भूलें.

–  ठंड में तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें. घर पर बना कम वसायुक्त खाना खाएं. ताजे फलसब्जियां अधिक लें. खट्टे पदार्थ खाने से अस्थमा नहीं बढ़ता. हां जिन्हें ऐलर्जी हो, वे न खाएं.

–  कपड़े हमेशा साफसुथरे ही पहनें. कौटन के कपड़े पहन कर ही ऊपर ऊनी कपड़े पहनें.

–  अगर छोटे बच्चे अस्थमा के शिकार हैं तो जाड़े में उन्हें हैल्दी, न्यूट्रिशन वाला भोजन दें.

–  दवा का सेवन नियमित करें.

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