रक्तदान या ब्लड डोनेशन के बारे में तो सुना होगा. पर क्या कभी ब्लड डोनेट करने के बारे में सोचा है? या कभी रक्तदान किया है? ब्लड डोनेशन को लेकर बहुत से लोगों के मन में गलत धारनायें हैं. कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि हमारा खून हम किसी को क्यों दें? खा पीकर बनाया है. पर ये सब बेतुकी बातें हैं. ब्लड डोनेट करना दूसरों के साथ साथ आपके लिए भी हेल्दी है.
जरूरी है ब्लड डोनेशन
- ब्लड डोनेट कर आप किसी की जान बचा सकती हैं.
- विज्ञान ने बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की है पर ब्लड का किसी भी प्रकार से उत्पादन नहीं किया जा सकता और न ही इसका कोई विकल्प है.
- देश में हर साल लगभग 250 सीसी की 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है. पर सिर्फ 5,00,000 यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है.
रक्तदान के फायदे
- ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है. डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है.
- एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बिमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है.
- ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है. इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है.
- ब्लड डोनेशन सुरक्षित व स्वस्थ परंपरा है. इसमें जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है. ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है.
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