एक अप्रैल से आपके इक्विटी म्युचुअल फंड्स और डायरेक्ट इक्विटी निवेश पर होने वाले मुनाफे पर लौन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) लगाया जाएगा. अगर किसी वित्त वर्ष के दौरान इक्विटी पर होने वाला मुनाफा एक लाख से ज्यादा होगा तो 10 फीसद एलटीसीजी लगाया जाएगा. हालांकि अधिकांश एक्सपर्ट्स का मानना है कि खुदरा निवेशकों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. जानिए कैसे कर सकते हैं एलटीसीजी की गणना.

जब बजट 2018 में एलटीसीजी टैक्स का एलान हुआ तो उसमें बताया गया कि 31 जनवरी, 2018 के गेन को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा. लेकिन इसके एक दिन के बाद भी हुए गेन पर यह टैक्स लगाया जाएगा. इसमें दो दिक्कतें हो सकती हैं. पहली आपको 31 जनवरी 2018 तक नेट एसेट वैल्यू सुनिश्चित करनी होगी ताकि छूट के दायरे में आने वाले मुनाफे की गणना की जा सके और यह भी देखा जा सके कि म्युचुअल फंड निवेश से एक फरवरी 2018 से लेकर जबतक आपने निकासी की है, उस दौरान कोई अतिरिक्त मुनाफा तो नहीं हुआ है.

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आपको सेल प्राइज की निम्नतम और 31 जनवरी, 2018 की वैल्यू और फिर इस वैल्यू का उच्चतम वर्सेज असल कौस्ट प्राइज की गणना करनी पड़ेगी. इससे बाद में 31 जनवरी 2018 की वैल्यू निकालनी मुश्किल होगी.

टू स्टेटमेंट्स

बीते हफ्ते के अंत तक कैम्स ने दो स्टेटमेंट्स देनी शुरू कर दी हैं, जिसकी मदद से म्युचुअल फंड निवेशक अपना एलटीसीजी टैक्स कैल्कूलेट कर सकते हैं. पहली स्टेटमेंट आपको एनएवी और 31 जनवरी 2018 को आपके इक्विटी फंड्स की टोटल वैल्यू बताती है. यह एक तरह से आपके मौजूदा इक्विटी निवेश के लिए वैल्यूएशन स्टेटमेंट होती है. यह आप कभी भी कैम्स की वेबसाइट पर आवेदन कर हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको केवल अपना ईमेल और पैन देना होगा. इसके जरिए आप अपना एलटीसीजी या नुकसान का पता लगा सकते हैं अगर आप अपनी यूनिट्स बेचने की सोच रहे हैं.

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