बच्चों के कमर्शियल यौन शौषण के बदसूरत व्यवसाय के बारे में चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा करने आ रही है “अमोली : प्राइसलेस”. कल्चर मशीन द्वारा बनाई गई इस डौक्यूमेंट्री में बच्चों के यौन शोषण के उस तरीके को सामने लाया गया है, जो बच्चों के खिलाफ हिंसा के सबसे खराब रूपों में से एक है. यह फिल्म 7 मई को रिलीज होगी.

इस फिल्म को 4 अध्यायों में बांटा गया है. मोल, माया, मंथन और मुक्ति. हर भाग दर्शकों को एक यात्रा पर ले जाता है, जो बाल यौन शोषण की अंधेरी दुनिया में गहराई से गुजरता है.

अगर हम आंकड़ों की बात करें तो भारत में चाइल्ड ट्रैफिकिंग यानि बाल तस्करी के 9,034 केस दर्ज हैं. मानव तस्करी के 60 फीसदी मामलों में पीड़ित नाबालिग होते हैं. महाराष्ट्र में बाल तस्करी के 172 केस, पश्चिम बंगाल में 3,113 केस, कर्नाटक में 332, आंध्र प्रदेश में 239 और तमिलनाडु में 434 केस दर्ज हैं. नेशनल क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो (2016 की रिपोर्ट) से स्पष्ट है कि बाल तस्करी के सभी मामलों के लिए सजा की दर केवल 27.8% थी.

“अमोली” इन मासूम बच्चों की सच्ची कहानियों को जानने और समझने का एक प्रयास है, जो हमें ऐसे लोगों से सतर्क रहने के लिए भी प्रेरित करती है, जिन्होंने भारत को दुनिया के सबसे बड़े बाल तस्करी बाजारों में से एक बना दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में बाल तस्करी का व्यापार 32 बिलियन डौलर का है. “अमोली” के माध्यम से ऐसे पुरुषों के लिए कठोर सजा की मांग की गई है, जो सेक्स के लिए बच्चों की मांग करते हैं. जब ऐसे लोगों को सजा का डर होगा तभी बाल तस्करी यह आपराधिक गठबंधन टूट सकता है. नेशनल क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में वाणिज्यिक यौन शोषण के 3 मिलियन पीड़ितों में से 40 फीसदी बच्चे हैं.

Amoli The Nations Ugliest Business

“अमोली” के बारे में कल्चर मशीन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और सह-संस्थापक समीर पिटलवाला का कहना है कि हमारी इस फिल्म का मुख्य उद्देशय मूल रूप से पुरुषों को सेक्स के लिए बच्चों को खरीदने से रोकना है. हम मानते हैं कि हमारा यह उद्देशय केवल स्पष्ट राजनीतिक प्रतिबद्धता, सक्रिय कानून प्रवर्तन और सख्त एवं त्वरित न्याय के माध्यम से ही पूरा हो सकता है. हम “अमोली” के माध्यम से इस मुद्दे पर जागरुकता बढ़ाना चाहते हैं. और इसके साथ ही हम चाहते हैं कि आम जनता इस मुद्दे को हल करने के लिए पुलिस, न्यायपालिका और सरकार से मांग करे.

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता डौक्यूमेंट्री फिल्ममेकर जैस्मीन कौर रौय और अविनाश कौर द्वारा निर्देशित और ताजदार जुनैद द्वारा संगीतबद्ध इस 30 मिनट की फिल्म का उद्देशय लोगों के बीच इस विषय पर जागरुकता बनाए रखना है.

“अमोली” को हिंदी में शूट किया गया है, लेकिन यह फिल्म छह अन्य भाषाओं – तमिल, तेलुगु, बंगाली, मराठी, कन्नड़ और अंग्रेजी, में भी रिलीज होगी.

समीर पिटलवाला और वेंकट प्रसाद द्वारा 2013 में स्थापित, कल्चर मशीन प्राइवेट लिमिटेड ने इस फिल्म को निर्माण किया है. यह एक डिजिटल मीडिया कंपनी है जिसका उद्देशय स्टोरीटेलिंग और मीडिया ब्रांड का निर्माण करने में तकनीक का उपयोग करना तथा अच्छे कंटेट के साथ अत्याधुनिक तकनीक का संयोजन करना है. सिंगापुर स्थित पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी The Aleph Group, की सहायक कंपनी कल्चर मशीन, के कार्यालय भारत के प्रमुख शहरों (मुंबई, पुणे, दिल्ली, चेन्नई और हैदराबाद) में स्थापित हैं तथा इसका एक कार्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका (डेलावेयर) में भी है.

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