नेहा खाती तो बहुत थी, लेकिन उस के खाने में पौष्टिक तत्त्वों की हमेशा कमी रहती थी जिस कारण किशोरावस्था में उस की ग्रोथ रुक गई थी. यही नहीं वह कोई भी काम करती तो उसे जल्दी थकान होने लगती. यह बात उस ने अपने पेरैंट्स से भी छिपाई. फिर एक दिन वह अचानक बेहोश हो गई. जब उसे अस्पताल में दाखिल किया गया तो पता चला कि उस के शरीर में आयरन की बहुत कमी है. ऐसा सिर्फ नेहा के साथ ही नहीं बल्कि बहुत सी किशोरियों के साथ होता है, जो अपने खानपान का बिलकुल ध्यान नहीं रखती हैं, जबकि इस उम्र में उन के शरीर को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है. इसलिए उन्हें अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्त्व लेने चाहिए ताकि वे स्वस्थ रहें.
शरीर में आयरन की भूमिका आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन का सब से महत्त्वपूर्ण घटक होता है. यह शरीर में औक्सीजन पहुंचाने के साथसाथ उसे ऊर्जा देने का भी काम करता है. यही नहीं यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. इस की कमी से कमजोरी आना, जल्दी थक जाना, सिरदर्द, चेहरे का पीला पड़ना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
ग्रोथ के लिए जरूरी पोषक तत्त्व किशोरावस्था में हो रहे शारीरिक बदलावों के कारण शरीर को पौष्टिक तत्त्वों की जरूरत होती है और इस दौरान ही हमारी ईटिंग हैबिट्स में भी काफी बदलाव आता है. यही गड़बड़ी आगे चल कर हमारी हैल्थ को प्रभावित करती है. इस से किशोरियों को देरी से पीडियड्स की समस्या का भी सामना करना पड़ता है.
इस संबंध में नैशनल हैल्थ और मैडिकल रिसर्च काउंसिल औफ आस्ट्रेलिया की रिपोर्ट के अनुसार, हैल्दी रहने के लिए शरीर को कितनी ऐनर्जी, प्रोटीन, कैल्सियम और आयरन की जरूरत होती है आइए जानिए:
आयरन:
किशोरियों को आयरन की ज्यादा जरूरत होती है, इसलिए उन्हें प्रतिदिन 12 से 15 मिलीग्राम आयरन लेना चाहिए. यह उन्हें चिकन, बींस, मूंगफली, साबूत दालों और हरी सब्जियों से आसानी से मिल जाएगा.
एनर्जी:
किशोरियों को ग्रोथ और ऐक्टिविटीज में पूरी तरह योगदान देने के लिए प्रतिदिन 2,200 कैलोरीज की जरूरत होती है. इस के लिए वे प्रोटीन, लो डेयरी प्रोडक्ट्स, फलों और सब्जियों की मात्रा ज्यादा से ज्यादा बढ़ाएं ताकि उन्हें ऊर्जा मिल सके. प्रोटीन: ग्रोथ और हड्डियों के विकास में प्रोटीन का अहम रोल होता है तभी तो किशोरियों को प्रतिदिन 45 से 60 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है. इसे वे बड़ी आसानी से पनीर, अंडों, सोया फूड, चिकन, दूध आदि से ले सकती हैं.
कैल्सियम:
किशोरावस्था में ही अधिकतर हड्डियों का विकास होता है और अगर इस दौरान लापरवाही बरती जाती है तो हड्डियों की समस्या खड़ी हो जाती है. इसलिए डेली सुबहशाम दूध पी कर आप कैल्सियम की कमी को दूर कर सकती हैं. पनीर, दही भी ज्यादा से ज्यादा लें ताकि पैरों में दर्द वगैरा की समस्या न हो. 1995 में हुए नैशनल न्यूट्रिशन सर्वे के अनुसार 95 प्रतिशत आस्ट्रेलियाई लड़कियां मोटा होने के डर से डेयरी प्रोडक्ट्स से दूरी बनाए रखती हैं जबकि कनाडा में हुए सर्वे के अनुसार जो लड़कियां लगातार दूध पीती हैं वे हमेशा फिट रहती हैं, इसलिए वजन बढ़ने के डर से डेयरी प्रोडक्ट्स से बिलकुल दूर न रहें.
कितनी मात्रा में लें आयरन आयरन कितनी मात्रा में लें यह निर्भर करता है उम्र, जैंडर, वेट और लाइफस्टाइल पर. आमतौर पर 9 से 13 साल की किशोरियों को 8 मिलीग्राम प्रतिदिन आयरन की जरूरत होती है. 14 से 18 साल की किशोरियों को 15 मिलीग्राम प्रतिदिन आयरन की जरूरत होती है.
आयरन के प्रकार
हेम आयरन: इस तरह का आयरन रैड मीट, मछली आदि से प्राप्त होता है और इसे शरीर आसानी से पचा भी लेता है.
नौन हेम आयरन: यह हमें दालों, सब्जियों आदि से आसानी से मिल जाता है, लेकिन इसे शरीर आसानी से पचा नहीं पाता, इसलिए इन की मात्रा खाने में संतुलित ही रखनी चाहिए.
आयरन के स्रोत
हमारे भोजन में अनेक पौष्टिक तत्त्व शामिल होते हैं, जिन में आयरन का भी अहम रोल होता है, क्योंकि यह हमें बीमारियों से बचाने के साथसाथ हमें ऊर्जा देने का भी काम करता है, इसलिए डाइट में आयरन से भरपूर खानेपीने की चीजों को जरूर शामिल करें.
इन चीजों से मिलता है आयरन:
चुकंदर:
भले ही चुकंदर का टेस्ट अच्छा न होता हो, लेकिन यह आयरन का भरपूर स्रोत है. यह रैड सैल्स के निर्माण में भी सहायक होता है. अगर आप में खून की कमी है तो आप इसे नियमित खा कर इस कमी को जल्दी दूर कर सकती हैं.
पालक:
पालक आयरन का बेहतरीन स्रोत है. इस के सेवन से हीमोग्लोबिन की कमी भी दूर होती है. इस में कैल्सियम, सोडियम आदि भी होते हैं.
अनार:
अगर आप ऐनीमिक हैं और आप जल्दी थक जाती हैं तो आप डेली 1 गिलास अनार का जूस जरूर पीएं. इस से आप को ऐनर्जी मिलेगी.
अंडे:
अंडों में विटामिन, मिनरल, आयरन भरपूर मात्रा में होते हैं, इसलिए आप इन्हें अपने ब्रेकफास्ट में जरूर शामिल करें.
अमरूद:
अमरूद आयरन का अच्छा स्रोत है, इसलिए किशोरियां व महिलाएं अमरूद जरूर खाएं. हरी सब्जियां: भले ही आप के बच्चे हरी सब्जियां खाने में आनाकानी करें, लेकिन उन्हें इन्हें जरूर खिलाएं, क्योंकि इन में आयरन समेत ढेरों पौष्टिक तत्त्व होने के कारण ये शरीर को चुस्तदुरुस्त बनाए रखती हैं.
अनाज:
खून की कमी को दूर करने के लिए आप गेहूं को जरूर अपनी डाइट में शामिल करें, क्योंकि इस में आयरन भरपूर मात्रा में होता है. मेवा: आप डेली बादाम, किशमिश खाएं, क्योंकि ये रैड ब्लड सैल्स को बढ़ाने का काम करते हैं.
रैड मीट:
आयरन हड्डियों को मजबूत करने के साथसाथ शरीर को भी औक्सीजन देता है. इस की कमी कई बीमारियों को न्योता देती है, इसलिए रैड मीट खाने से इस में आयरन विटामिन डी, जिंक की मौजूदगी आप को तंदुरुस्त बनाए रखेगी.
न होने दें आयरन की कमी
अपनी डाइट में आयरनयुक्त खाद्यपदार्थों को शामिल करने के साथसाथ चिकित्सक की सलाह से आयरन सप्लिमैंट्स का भी प्रयोग कर सकती हैं. इस के अलावा निम्न बातों का भी ध्यान रखें: -शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से ऐनीमिया होता है. लाल रक्त कोशिकाएं मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करती हैं. इस में आयरनयुक्त भोजन लेने की जरूरत होती है.
-फौलिक ऐसिड नई कोशिकाओं को विकसित करता है. यदि किशोरी के शरीर में खून की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम होने लगे तो चिकित्सक की सलाह से इस की पूर्ति के लिए सप्लिमैंट्स लिए जा सकते हैं. -फौलिक ऐसिड ब्रैस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर की आशंका को कम करता है.
-आयरन और फौलिक ऐसिड प्राकृतिक रूप से पाने के लिए सही मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबूत दालें और फल खाने की जरूरत होती है.
-आयरन और फौलिक ऐसिड की कमी से शरीर का मैटाबोलिज्म सही तरीके से काम नहीं करता, जिस के कारण पर्याप्त मात्रा में भोजन न मिलने की वजह से शरीर की ऊर्जा तेजी से खत्म हो जाती है.
-आजकल के प्रतिस्पर्धा के दौर में अच्छा कैरियर सुनिश्चित करने के लिए लड़कियों को काफी मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में समय पर पोषक पदार्थों से युक्त भोजन कर पाना उन के लिए संभव नहीं हो पाता जिस के चलते उन्हें जल्दीजल्दी थकान महसूस होती है.
-पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव की वजह से आयरन की कमी किशोरियों में अधिक होती है. यह एक बड़ी वजह है, पर वे इस पर ध्यान नहीं देतीं, जबकि उन्हें आयरन सप्लिमैंट लेने की जरूरत होती है.
आयरन की कमी के लक्षण
-आयरन की कमी से थकान महसूस होती है, क्योंकि हीमोग्लोबिन को बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है. हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में औक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं होने के कारण हड्डियों और टिशू तक कम औक्सीजन पहुंच पाती है तो थकान महसूस होती है.
-स्किन में पीलापन आयरन की कमी से आता है. इस से स्किन अनहैल्दी लगती है. उस की रैडनैस खत्म होने लगती है.
-आयरन की कमी के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन के कम होने से औक्सीजन का स्तर घटता है, जिस से सांस लेने में दिक्कत आती है. सिरदर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. पैरों में भी वीकनैस आ जाती है.
-आयरन की कमी से स्किन और बालों तक औक्सीजन की सप्लाई नहीं होने के कारण वे ड्राई और कमजोर हो जाते हैं.
-नाखूनों का कमजोर होना भी आयरन की कमी का मुख्य कारण है. इसलिए किशोरियों को अपनी डाइट में आयरन को जरूर शामिल करना चाहिए.
कब लें सप्लिमैंट्स यदि किशोरी के शरीर में आयरन की बहुत ज्यादा कमी हो रही है तो पेरैंट्स को उस की डाइट में आयरन युक्त खानेपीने की चीजों को बढ़ा देना चाहिए. इस के बाद भी स्थिति में सुधार न आए तो चिकित्सक आयरन सप्लिमैंट लेने की सलाह दे सकते हैं.
आयरन सप्लिमैंट लेने के कई साइड इफैक्ट्स भी होते हैं जैसे पेट खराब हो जाना, उलटियां होना आदि. अगर आयरन सप्लिमैंट ले रही हैं, तो भोजन में फाइबर की मात्रा बढ़ा दें. विटामिन सी का सेवन आयरन के अवशोषण में सहायता करता है. खाने के पहले नीबू का रस या खट्टे फल का जूस पी लें इस से पेट ज्यादा ऐसिडिक हो जाएगा, जो आयरन को अवशोषित करने में सहायक होगा.
आयरन सप्लिमैंट का किसी भी विटामिन सी युक्त पदार्थ के साथ लेना ज्यादा कारगर रहेगा. चूंकि कैफीन आयरन के अवशोषण को धीमा करती है, इसलिए खाना खाने से 1 घंटा पहले और खाना खाने के 1 घंटा बाद चाय या कौफी का सेवन न करें.