खूबसूरत मुसकान के लिए ओरल हाइजीन यानी मुंह की साफसफाई बहुत जरूरी है. ओरल हाइजीन का ध्यान न रखने से दांतों सहित और कई बीमारियां हो सकती हैं. कुछ बीमारियां निम्न हैं:

सांस की बीमारी: अगर आप को मसूड़ों की बीमारी है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि बैक्टीरिया आप के खून से होते हुए फेफड़ों में पहुंच जाएं, जिस का सीधा असर श्वसनतंत्र पर पड़ता है. ऐसे में ऐक्यूट ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक निमोनिया की संभावना बढ़ जाती है.

दिल की बीमारी और स्ट्रोक: दांतों की बीमारियों से पीडि़त लोगों में दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है. प्लौक और बैक्टीरिया मसूड़ों से होते हुए शरीर में चले जाते हैं. बैक्टीरिया से धमनियां ब्लौक हो जाती हैं, जिस से गंभीर हार्ट अटैक हो सकता है. अगर दिमाग को खून पहुंचाने वाली धमनियां ब्लौक हो जाएं तो स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है.

डिमेंशिया: अगर मुंह की साफसफाई का ध्यान न रखा जाए तो आप दांत खो भी सकते हैं. इस का असर आप की याददाश्त के अलावा दिमाग के कई हिस्सों पर भी पड़ता है.

अन्य गंभीर समस्याएं: मुंह की साफसफाई रखने से कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं जैसे बांझपन की समस्या, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, समयपूर्व प्रसव आदि.

कैसे रखें मुंह को साफ

मुंह को साफ रखने के लिए सिर्फ सुबहशाम दांतों में ब्रश करना ही काफी नहीं होता. आइए, जानते हैं कुछ आसान व जरूरी तरीके:

ठीक से ब्रश करें: ब्रश करते समय ध्यान रखें कि ब्रश के दांते मसूड़ों से 45 डिग्री पर हों. मसूड़ों और दांतों की सतह ब्रश के संपर्क में रहे. दांतों की बाहरी सतह पर आगेपीछे, ऊपरनीचे रगड़ें. ब्रश को हलके से रगड़ें ताकि मसूड़ों से खून न आने लगे. दांतों और मसूड़ों की भीतरी सतह पर भी 45 डिग्री का कोण बनाते हुए आगेपीछे, ऊपरनीचे रगड़ें. अंत में जीभ और मुंह की छत को साफ करें ताकि मुंह से बैक्टीरिया साफ हो जाएं और दुर्गंध न आए. दिन में कम से कम 2 बार ब्रश जरूर करें. अगर आप 2 बार ब्रश न कर सकते हों तो कुल्ला कर के अच्छी तरह मुंह साफ करें ताकि भोजन के कण मुंह में न रहें, क्योंकि इन से मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं.

जीभ अच्छी तरह साफ करें: जीभ को रोजाना अच्छी तरह साफ करें. इस के लिए टंग क्लीनर का इस्तेमाल करें. मुंह को अच्छी तरह साफ न करने से हजारों बैक्टीरिया मुंह में पनपने लगते हैं, इन दांतों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और मुंह से बदबू भी आने लगती है.

फ्लास: फ्लास का इस्तेमाल करने से मुंह से भोजन के कण अच्छी तरह निकल जाते हैं. ये सिर्फ ब्रश से नहीं निकल पाते. फ्लास दांतों के बीच पहुंचता है जबकि ब्रश या माउथवाश नहीं पहुंच पाता. इसलिए दिन में कम से कम 1 बार फ्लास का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

माउथवाश: कुनकुने सेलाइन वाटर से कुल्ला करें. इस से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं. सांस की बदबू भी खत्म होती है और दांत मजबूत बने रहते हैं.

कैल्सियम और अन्य विटामिनों का सेवन करें: कैल्सियम दांतों और हड्डियों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है. इस के लिए दूध, फोर्टीफाइड औरेंज जूस, योगहर्ट, ब्रोकली, चीज एवं अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करें.

कैल्सियम और विटामिन डी मसूड़ों और दांतों को स्वस्थ बनाए रखते हैं. विटामिन बी कौंप्लैक्स भी दांतों और मसूड़ों को खून रिसने से सुरक्षित रखता है. कौपर, जिंक, आयोडीन, आयरन, पोटैशियम दांतों के स्वास्थ्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

कौफी का सेवन सीमित मात्रा में करें: हालांकि इन पेयपदार्थों में फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है, जो मुंह के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, लेकिन बहुत ज्यादा फास्फोरस से भी शरीर में कैल्सियम के स्तर पर बुरा असर पड़ता है. इस से दांतों की समस्याएं हो सकती हैं जैसे दांत सड़ना और मसूड़ों की बीमारियां. इसलिए दूध जैसे पेयपदार्थों का सेवन करें. चीनी युक्त पेयपदार्थों के बजाय पानी का सेवन बेहतर है.

तंबाकू का सेवन न करें: तंबाकू न केवल मुंह में बदबू पैदा करता है, बल्कि कई अन्य बीमारियों का कारण भी बनता है.

उदाहरण के लिए अगर आप सिगरेट पीते हैं, तो हो सकता है कि आप इस की बदबू छिपाने के लिए कैंडी, चाय या कौफी का इस्तेमाल करते हों, पर इस से खतरा दोगुना हो जाता है.

अगर आप के मसूड़ों में दर्द होता है या ब्रश करते समय खून आता है अथवा मुंह से बदबू आती है, तो तुरंत डैंटिस्ट से मिलें. साल में 2 बार नियमित दांतों की जांच करवानी चाहिए ताकि अगर कोई समस्या हो तो तुरंत पकड़ में आ जाए और समय पर उस का इलाज हो सके.

– डा. प्रवीण कुमार, डाइरैक्टर, डिपार्टमैंट औफ डैंटल, जेपी हौस्पिटल, नोएडा

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