बैंक में हर छोटे बड़े काम के लिए भागदौड़ करने व कतारों में काम का समय व्यर्थ करने से मोबाइल बैंकिंग छुटकारा दिलाती है. ऐसे में मोबाइल बैंकिंग से लेनदेन व बैंक खाते को संचालित करने में ही समझदारी है, पर इस में पेंच भी है. मोबाइल रिचार्ज कराना हो, फिल्म, रेलवे या एयरटिकट बुक करनी हो या बिजली पानी के बिल जमा कराने हों भागदौड़ करने व लाइन में लगने की बजाय मोबाइल बैंकिंग एक सुविधाजनक उपाय है.

मोबाइल बैंकिंग आज बैंकिंग व्यवस्था का प्रमुख अंग हो गया है. बैंकिंग के क्षेत्र में यह मील का पत्थर है. ग्राहकों को कहीं भी, कभी भी बैंकिंग और व्यवसाय के लिए एक सुरक्षित व सुविधाजनक माध्यम मिल गया है. मोबाइल बैंकिंग पैसों के भुगतान करने का एक सुरक्षित माध्यम है क्योंकि डैबिट कार्ड नंबर या पिन जैसी जानकारी के कारण यह ग्राहकों को जोखिम में नहीं डालता है. मोबाइल बैंकिंग से बहुत सारी बैंकसेवाएं सुरक्षित तरह से मिल जाती हैं. फंड ट्रांसफर से लेकर बहुत सारे लेनदेन इस के जरिए सुलभ तरीके से होने लगे हैं. खाते में बची शेष राशि की और मिनी स्टेटमैंट से ले कर पासवर्ड व अकाउंट संबंधी तमाम जानकारियां मोबाइल से ही मिल जाती हैं.

बैंकिंग की शुद्ध सेवाओं के साथ ही साथ मोबाइल रिचार्ज, हवाईजहाज के टिकट बुक कराना, बिल का भुगतान करना, चैकबुक का अनुरोध करना, चैक भुगतान रोकने जैसी तमाम सुविधाएं भी इस के जरिए हासिल की जा सकती हैं. मोबाइल बैंकिंग में लगातार सुधार किया जा रहा है. मोबाइल बैंकिंग उन ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी सक्षम बनती जा रही है जिन के पास निम्न स्तर के या जावा रहित हैंडसैट हैं. काफी सेवाएं एसएमएस आधारित मोबाइल बैंकिंग सेवा द्वारा भी प्रदान की जाती हैं.

दुनियाभर में लोकप्रिय

2001 में फिलीपींस में सीमित स्तर पर शुरू हुई मोबाइल बैंकिंग ने दशक के अंत तक तकरीबन सारी दुनिया में बैंक के विकल्प के रूप में अपनी जगह बना ली है. पाकिस्तान में वित्तीय सेवाएं देने वाली अग्रणी कंपनी मोनेट ने अपनी मोबाइल बैंकिंग के दम पर वहां के प्रमुख बैंकों व वित्तीय संस्थानों को पछाड़ दिया है.

ग्लोबल स्तर पर नौर्वे की कंपनी टेलीनौर की गिनती दुनिया के अग्रणी मोबाइल बैंकिंग सेवाप्रदाता के रूप में की जाती है.

स्टौकहोम की बर्ग इनसाइट इंडस्ट्री रिसर्च कंपनी के अनुसार, 2009 में ग्लोबल स्तर पर पैर पसारने वाली मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या वर्ष 2020 में 40 गुना तक बढ़ जाएगी. उस समय दुनिया में मोबाइल बैंकिंग के 189.4 करोड़ ग्राहक होंगे, जिन में से 78 फीसदी ग्राहक एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के उभरते हुए बाजारों वाले देशों के होंगे.

अफ्रीकी देशों में इंटरनैट और बैंकों की व्यापक पहुंच नहीं होने के कारण वहां मोबाइल बैंकिंग की सेवा खासी लोकप्रिय है और तेजी से बढ़ रही है. मोबाइल बैंकिंग के मौजूदा विस्तार से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह है कि विकसित देशों के मुकाबले विकासशील देशों में मोबाइल फोन औपरेटर वित्तीय सेवाएं देने का प्रमुख जरिया बन रहे हैं.  इस का सब से बड़ा उदाहरण हाल के वर्षों में अफ्रीकी देशों में आई मोबाइल ट्रांसफर की क्रांति है, जिस के चलते भारत की मोबाइल कंपनी एयरटैल सहित दुनिया के कई दिग्गज मोबाइल औपरेटर और वैल्यू एडेड सेवाप्रदाता अफ्रीका का रुख कर रहे हैं.

मोबाइल मनी सर्विसेज का उपयोग करने के मामले में केन्या दुनिया का सब से अग्रणी देश है. कम्यूनिकेशंस कमीशन औफ केन्या के जुलाई 2012 तक के आंकड़ों के अनुसार, केन्या के करीब 2.9 करोड़ मोबाइलधारकों में से 65 फीसदी यानी करीब 1.9 करोड़ यूजर मोबाइल मनी सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं. केन्या में मोबाइल मनी सेवाओं के जरिए उपयोगी बिलों का भुगतान, स्कूल फीस भरने, स्टोर पर खरीदारी करने, एमटिकटिंग, फोन टौपअप्स, एटीएम से नकदी निकालने आदि कार्य भी किए जाते हैं. सफारीकौम केन्या में मोबाइल मनी ‘एम पैसा सर्विस’ शुरू करने वाली पहली कंपनी है. करीब 5 साल पहले इस की शुरुआत हुई और फिलहाल एमपैसा के करीब 1.5 करोड़ ग्राहक हैं.

जेब में बचत बैंक

बैंक अपने ग्राहकों को मोबाइल बैंकिंग सेवा के लिए कई सारे विकल्प दे रहे हैं. आप अपने बैंक खाते को मोबाइल नंबर से जोड़ सकते हैं. इस के तहत, बैंक आप को 7 अंकों वाला एमएमआईडी (मोबाइल मनी आईडैंटिफायर) नंबर और मोबाइल पिन (एमपिन) देगा. एमपिन पासवर्ड की तरह इस्तेमाल होगा. इस के जरिए आप अपनी पूंजी को दूसरे खाते में ट्रांसफ र कर सकते हैं, जैसे कि अभी दूसरे खाते में राशि का ट्रांसफर नैटबैंकिंग या बैंक शाखा जा कर करते हैं. इस के अलावा, बैंक अपने मोबाइल एप्लीकेशन सौफ्टवेयर भी देते हैं जिसे आप बैंक को एसएमएस या बैंक जा कर अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकते हैं.

अब बैंकों ने अलगअलग नामों से अपनी मोबाइल बैंकिंग सेवा भी शुरू कर दी है. भारतीय स्टेट बैंक का एप्लीकेशन एसबीआई फ्रीडम, आईडीबीआई बैंक की गो मोबाइल, और आईसीआईसीआई बैंक का आईमोबाइल नाम से है. इसी तरह से दूसरे तमाम बैंकों की मोबाइल सर्विस के अलगअलग नाम हैं. ऐसे ग्राहक जो नैटबैंकिंग का इस्तेमाल लैपटौप या डैस्कटौप आदि के जरिए करते हैं, बैंक उन्हें मोबाइल बैंकिंग के लिए खुद ही पंजीकृत कर लेते हैं. यानी, ग्राहक अपने स्मार्टफोन पर इंटरनैट के जरिए बैंकिंग सेवाएं प्राप्त कर सकता है.

मोबाइल बैंकिंग को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाने के लिए बैंक मौजूदा ग्राहकों को चुनिंदा एटीएम के जरिए भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दे रहे हैं. इस के अलावा, ग्राहक बैंक की शाखा में जा कर अपने पहचान पत्र के साथ मोबाइल बैंकिंग के लिए रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं. मोबाइल बैंकिंग का भी दायरा बढ़ा है. बिना बैंक गए और कोई लिखतपढ़त किए बगैर घर बैठे मोबाइल के जरिए बैंकिंग की सहूलियत ने इसे काफी तेजी से लोकप्रिय बनाया है.

सावधानी जरूरी

मोबाइल बैंकिंग के लोकप्रिय होने के साथ ही साथ इस के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं. इन से थोड़ा सतर्क रह कर और कुछ सावधानियां बरत कर बचा जा सकता है. मोबाइल बैंकिंग करने वालों को इन का ध्यान रखना जरूरी होता है.

मोबाइल बैंकिंग ऐक्टिवेट कराने के बाद सब से पहले यह देखें कि आप के फोन का औटोलौक काम कर रहा है या नहीं. यदि यह ऐक्टिवेट नहीं है तो सब से पहले मोबाइल में औटोलौक को चालू करें, ताकि जब फोन यूज में नहीं होगा तो लौक अपनेआप लग जाएगा. लौक खोलने के लिए पासवर्ड ऐसा चुनें जिसे कै्रक कर पाना मुमकिन न हो. इस के लिए 8 या इस से ज्यादा कैरेक्टर वाले पासवर्ड में आप कैरेक्टर (अक्षर), न्यूमेरिकल्स (अंक) और स्पैशल कैरेक्टर्स को यूज कर स्ट्रौंग पासवर्ड तैयार कर सकते हैं.

टैक्स्ट मैसेज द्वारा बैंकिंग संबंधी कोई भी अहम या गोपनीय सूचना, मसलन अकाउंट नंबर, पासवर्ड, पैनकार्ड और जन्मतिथि आदि का खुलासा न करें. हैकर्स इन सूचनाओं का इस्तेमाल आप के बैंक अकाउंट को हैक करने में कर सकते हैं. मोबाइल बैंकिंग संबंधी धोखाधड़ी से बचने के लिए यह भी जरूरी है कि अपने मोबाइल को सिक्योरिटी सौफ्टवेयर से प्रोटैक्ट करें.

मोबाइल में कोई नया एप्लीकेशन, गेम, पिक्चर, म्यूजिक या वीडियो आदि डाउनलोड करते समय ध्यान रखें कि जहां से आप डाउनलोड कर रहे हैं, वह साइट भरोसेमंद हो. कई बार ऐसी फाइलों के जरिए अकसर आप का फोन हैकिंग का शिकार हो जाता है या उस में वायरस भी भेजा जा सकता है.

अपने स्मार्टफोन को वायरस से बचाए रखने के लिए जरूरी है कि जब आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल न करें तो उसे स्विच औफ  कर दें. ब्लूटूथ औन रहने से हैकर्स को आप के मोबाइल तक पहुंचने का मौका मिल सकता है. मोबाइल को हैकिंग और वायरस से बचाए रखने के लिए लगातार फायरबौल व सैफ्टी सौफ्टवेयर को अपडेट करते रहना चाहिए.

मोबाइल फोन बनाने वाली या कुछ सौफ्टवेयर कंपनियां इन का समयसमय पर अपडेटड वर्जन मुहैया कराती रहती हैं, जिन्हें इंस्टौल करते रहना चाहिए. अपने मोबाइल ट्रांजैक्शन को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिलीट करते रहने की आदत बना लेना अच्छा रहता है. यह आदत आप के लिए फायदेमंद ही रहेगी.

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